नई दिल्ली: पिछले दो दिन से राजधानी दिल्ली में हुई तेज बारिश के बाद जलमग्न हुई सड़कों पर आवागमन बाधित होने से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. इस बदहाल व्यवस्था को दुरुस्त करने वाली एजेंसियां बौनी नजर आईं. बारिश से उत्तर पूर्वी दिल्ली की कई सड़कें लबालब नजर आईं तो कई कॉलोनियों के घरों में पानी घुस गया.
उत्तर पूर्व दिल्ली के सांसद एवं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस स्थिति के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि वर्ष भर सफाई व्यवस्था लचर रहती है जिसके कारण पूरे साल कई कालोनियों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी खाली प्लाटों एवं सड़कों पर भरा रहता है. जिससे कई जल जनित बीमारियां पैदा होती है और भूजल भी जहरीला होता है.
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सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि उन्होंने पानी निकासी, जलजमाव और नालों की सफाई से संबंधित मामला सदन में उठाया था. मैंने नियम 377 के तहत सदन में प्रश्न उठाया लेकिन तय व्यवस्था के तहत अपेक्षाकृत सुधार नजर नहीं आया. दिल्ली के बड़े नालों की अनियमित सफाई के चलते ही मौजूदा जलजमाव और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है.
दिल्ली सरकार के नालों की सफाई सिर्फ कागजों में हो रही है, जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता भुगत रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की दुर्दशा का मामला वे आगामी मानसून सत्र में संसद में उठाएंगे और दिल्लीवासियों की परेशानी और बदहाल स्थिति के लिए संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की मांग करेंगे. दिल्ली सरकार के कुछ मंत्री जेल में हैं तो बाकी मंत्री आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में व्यस्त हैं. इसलिए दिल्ली की जनता बारिश से होने वाली परेशानी से पस्त है.
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