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दिल्ली की अदालत ने हत्या के प्रयास मामले में दोषी आरोपी को सशर्त अंतरिम जमानत दी - हत्या के प्रयास मामले में दोषी आरोपी

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने हत्या का प्रयत्न मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी को 25 हजार रुपये के मुचलके व एक जमानती के साथ सशर्त जमानत दी गई.

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दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट
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Published : Jun 3, 2023, 10:37 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट शाहदरा के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरविंद बंसल की अदालत में आपराधिक हत्या का प्रयत्न व सदोष अवरोध से जुड़े एक मामले की जमानत अर्जी पर सुनवाई थी. जहां आरोपी ने अपने वकील के माध्यम से अंतरिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, जिसे अदालत ने दोनों पक्षो की दलील सुनने के बाद अर्जी को 25 हजार के मुचलके व एक जमानती के जमानत बंध पत्र के साथ स्वीकार कर लिया है.

अदालत के समक्ष पेश हुए जांच अधिकारी एसआई सोनू गिरी ने कोर्ट को बताया कि आरोपी ने दिनांक 27/5/2023 को इस मामले से जुड़ी जांच में सहयोग किया है. अधिकारी ने दलील दी की आवेदक सिर्फ सहआरोपी विकास और गोविंद के साथ था. वारदात के दिन आरोपी अक्षय ने शिकायतकर्ता को अपने सभी साथियों के साथ रोका, जिसमें आवेदक भी शामिल था और शिकायतकर्ता से गालीगलौच कर मारपीट की. आरोपी/आवेदक ने पास की बेल्डिंग के दुकान से हथौड़ा उठा कर शिकायतकर्ता के सर पर मार दिया जिससे शिकायकर्ता जख्मी हो गया.

बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि आवेदक को बिना वजह झूठे आरोप में फंसाया जा रहा है. जबकि आवेदक शिकायतकर्ता के लगी चोटों का कारण नहीं है. आवदेक पहले ही जांच अधिकारी के साथ जांच मे सहयोग कर चुका है. इसलिए उसकी और हिरासत में पूछताछ की जरूरत नही है. शिकायतकर्ता के द्वारा एफआईआर में झूठे आरोप लगाए गए हैं. जबकि उसको बहुत ही साधारण चोट लगी थी और ठीक उसी दिन अस्पताल से शिकायतकर्ता को छुट्टी भी मिल गई थी. इसलिए आवेदक अदालत से सशर्त जमानत मांगने का निवेदन करता है. इस मामले के जांच अधिकारी ने कोर्ट से कहा कि ये मामला काफी गंभीर प्रकर्ति का है और आवेदक भी आरोपियो के साथ उस दिन बराबर का ही भागीदार है. इसलिए आवेदक को जमानत न दी जाए.

कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरविंद बंसल ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपने निर्णय में कहा कि आवेदक के साथियों को भी सशर्त जमानत मिल चुकी है और आवेदक ने जांच में भी सहयोग किया है. इसलिए अब आवेदक को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नही है. इसलिए आवेदक को 25 हजार रुपये के मुचलके व एक जमानती के साथ सशर्त जमानत दी जाती है. अदालत ने अपने आदेश में ये भी कहा कि आरोपी शिकायतकर्ता को डराने-धमकाने व मिलने की कोशिश नहीं करेगा. साथ ही इस मामले की सभी तारीखों पर नियमित रूप से हाज़िर होगा व अपना निवास स्थान बदलने पर जांच अधिकारी को सूचित करेगा. कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर आरोपी की जमानत रद्द कर दी जाएगी.

ये भी पढ़ें : कोर्ट ने हत्या के सीसीटीवी रिकॉर्ड के सबूत को सही मानकर आरोपी की जमानत अर्जी की खारिज

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट शाहदरा के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरविंद बंसल की अदालत में आपराधिक हत्या का प्रयत्न व सदोष अवरोध से जुड़े एक मामले की जमानत अर्जी पर सुनवाई थी. जहां आरोपी ने अपने वकील के माध्यम से अंतरिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, जिसे अदालत ने दोनों पक्षो की दलील सुनने के बाद अर्जी को 25 हजार के मुचलके व एक जमानती के जमानत बंध पत्र के साथ स्वीकार कर लिया है.

अदालत के समक्ष पेश हुए जांच अधिकारी एसआई सोनू गिरी ने कोर्ट को बताया कि आरोपी ने दिनांक 27/5/2023 को इस मामले से जुड़ी जांच में सहयोग किया है. अधिकारी ने दलील दी की आवेदक सिर्फ सहआरोपी विकास और गोविंद के साथ था. वारदात के दिन आरोपी अक्षय ने शिकायतकर्ता को अपने सभी साथियों के साथ रोका, जिसमें आवेदक भी शामिल था और शिकायतकर्ता से गालीगलौच कर मारपीट की. आरोपी/आवेदक ने पास की बेल्डिंग के दुकान से हथौड़ा उठा कर शिकायतकर्ता के सर पर मार दिया जिससे शिकायकर्ता जख्मी हो गया.

बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि आवेदक को बिना वजह झूठे आरोप में फंसाया जा रहा है. जबकि आवेदक शिकायतकर्ता के लगी चोटों का कारण नहीं है. आवदेक पहले ही जांच अधिकारी के साथ जांच मे सहयोग कर चुका है. इसलिए उसकी और हिरासत में पूछताछ की जरूरत नही है. शिकायतकर्ता के द्वारा एफआईआर में झूठे आरोप लगाए गए हैं. जबकि उसको बहुत ही साधारण चोट लगी थी और ठीक उसी दिन अस्पताल से शिकायतकर्ता को छुट्टी भी मिल गई थी. इसलिए आवेदक अदालत से सशर्त जमानत मांगने का निवेदन करता है. इस मामले के जांच अधिकारी ने कोर्ट से कहा कि ये मामला काफी गंभीर प्रकर्ति का है और आवेदक भी आरोपियो के साथ उस दिन बराबर का ही भागीदार है. इसलिए आवेदक को जमानत न दी जाए.

कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरविंद बंसल ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपने निर्णय में कहा कि आवेदक के साथियों को भी सशर्त जमानत मिल चुकी है और आवेदक ने जांच में भी सहयोग किया है. इसलिए अब आवेदक को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नही है. इसलिए आवेदक को 25 हजार रुपये के मुचलके व एक जमानती के साथ सशर्त जमानत दी जाती है. अदालत ने अपने आदेश में ये भी कहा कि आरोपी शिकायतकर्ता को डराने-धमकाने व मिलने की कोशिश नहीं करेगा. साथ ही इस मामले की सभी तारीखों पर नियमित रूप से हाज़िर होगा व अपना निवास स्थान बदलने पर जांच अधिकारी को सूचित करेगा. कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर आरोपी की जमानत रद्द कर दी जाएगी.

ये भी पढ़ें : कोर्ट ने हत्या के सीसीटीवी रिकॉर्ड के सबूत को सही मानकर आरोपी की जमानत अर्जी की खारिज

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