नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में राजनीतिक पार्टियों ने जीत के लिए दम-खम लगा दिया है. प्रचार के लिए जहां पहले सियासी दिग्गज आया करते थे तो इस बार फिल्मी सितारों ने लोगों के बीच अपनी चमक बिखेरी है. दिल्ली में प्रचार पूर्वांचलियों की तरफ झुकता हुआ देखने को मिला.
देश की राजधानी दिल्ली में जहां पहले चुनाव प्रचार में यूपी, हरियाणा और पंजाब के नेताओं का वर्चस्व होता था वहीं अब फिल्मी सितारों, कलाकारों और गायकों का होता है. दिल्ली के चुनाव प्रचार में सपना चौधरी से लेकर सनी देओल तक और प्रकाश राज से लेकर भोजपुरी गायकों तक सब की मौजूदगी देखने को मिली.
एक तरफ बीजेपी दिल्ली में बसे पूर्वांचली वोटर्स को साधने के लिए पूर्वांचली कलाकारों और गायकों का सहारा ले रही है, तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने भी पूर्वांचलियों का वोट पाने के लिए लिट्टी चोखा जैसे कार्यक्रम आयोजित किए.
दिल्ली की उत्तर पूर्वी लोकसभा सीट की बात करें तो यहां से दो पूर्वांचली मैदान में हैं. एक तरफ बीजेपी के टिकट पर मौजूदा सांसद मनोज तिवारी हैं तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने दिलीप पांडे को चुनावी मैदान में उतारा है.
जब ईटीवी भारत ने पूर्वांचल के मतदाताओं से बात की और जानने की कोशिश की कि क्या पूर्वांचल केंद्रित चुनाव प्रचार और कार्यक्रम पूर्वांचलियों के वोटों को साधने में सफल होंगे. इस पर उन्होंने कहा कि पूर्वांचली मुद्दों और प्रत्याशियों की योग्यता को देखकर वोट करेंगे.
लोगों ने बताया कि उनकी प्राथमिकता प्रत्याशी होगा और पूर्वांचली एक शिक्षित तबका है, जो सोच-समझकर वोट करेगा न कि चुनाव प्रचार के बहकावे में आकर. कुछ लोगों ने ये भी कहा कि लिट्टी-चोखा खाने और गाना सुनाने से वोट नहीं मिलेगा, वोट तो सिर्फ काम के दम पर मिलेगा.
पूर्वांचली मतदाताओं का ये भी कहना है कि पूर्वांचल केंद्रित चुनावी कार्यक्रम उन्हें आकर्षित करते हैं और इन कार्यक्रमों के जरिए उनकी प्रत्याशी से मुलाकात हो जाती है. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि इन कार्यक्रमों के आधार पर हम वोट करें.
देखना होगा कि दिल्ली की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाला पूर्वांचली वोटर किस पार्टी का साथ देता है.