नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के अलीपुर में महिलाओं ने समलैंगिक विवाह को मान्यता ना देने के लिए डीएम ऑफिस में ज्ञापन सौंपा. महिलाओं का कहना है कि समलैंगिक विवह को मान्यता मिली तो दांपत्य जीवन और रिश्तों पर इसका गलत असर पड़ेगा.
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पूर्व सदस्य और समाज सेविका ज्योति राठी का कहना है कि यह एक विनाशकारी कानून है. हमारी आने वाली जनरेशन पर इसका गलत प्रभाव पड़ेगा. भारत जैसे देश में समलैंगिकता को पहले भी कई बार नकारा जा चुका है और अब इस पर जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, तो लोग खुलकर सामने आने लगे हैं. सीधे तौर पर अब इसका विरोध किया जा रहा है.
उसी को लेकर बाहरी दिल्ली में विरोध जताते हुए शांतिपूर्ण तरीके से एक संस्था ने अलीपुर डीएम को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने अपील की, कि समलैंगिक विवाह को हमारे समाज में मंजूरी ना दी जाए, जिससे भारतीय संस्कृति और संस्कार को बचाया जा सके. इससे पहले पूरे जिले में इन महिलाओं द्वारा एक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. सैकड़ों महिलाओं के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन के जरिए यह बताने की कोशिश की गई कि केवल कुछ महिलाएं ही नहीं बल्कि पूरा समाज समलैंगिक विवाह के खिलाफ है. ज्ञापन सौंपने वाली महिलाओं का कहना है कि वे डीएम अलीपुर से मिलीं. उनकी तरफ से महिलाओं को आश्वासन दिया गया है कि वह उनकी बात को आगे बढ़ाएंगे.
आपको बता दें, समलैंगिक विवाह को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. फैसले से पहले ही लोगों में समलैंगिक विवाह को लेकर नाराजगी देखने को मिल रही है. लोग पूरी तरीके से समलैंगिक विवाह के पक्ष में नहीं है. लोग इसका लगातार विरोध कर रहे हैं. विरोध करने वाले लोगों का मानना है कि अगर समलैंगिक विवाह को मान्यता दी जाती है तो दांपत्य जीवन के साथ-साथ रिश्तो पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा.
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