नई दिल्ली: नरेला इलाके में बना डीटीसी बस टर्मिनल पहले ही काफी बदहाल है और बारिश के बाद तो यहां तालाब बन गया. बारिश के दिनों में डीटीसी बस ड्राइवरों को काफी परेशानी होती है. साथ ही सवारियों को भी बसों में चढ़ने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. चारों तरफ पानी भरा रहता है. समस्या आम दिनों की भी होती है. मानसून के दौरान इलाके के हालात बद से बदतर हो जाते हैं. कई बार सवारियों ने अधिकारियों से शिकायत भी की. ड्राइवर कंडक्टर अधिकारियों से शिकायत करते हैं लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो रहा है.
बस टर्मिनल बना तालाब
ईटीवी भारत की टीम नरेला के बस टर्मिनल पर पहुंची और देखा कि बस टर्मिनल की हालत बहुत ही खराब है. मानों जैसे डीटीसी की बसें तालाब के अंदर खड़ी हो. बताया जाता है कि पहले यहां पर तालाब हुआ करता था. जिसे बाद में दिल्ली सरकार ने बस टर्मिनल बना दिया. बस टर्मिनल बनने के बावजूद भी इसकी हालत नहीं सुधरी और ये आज भी किसी तालाब से कम नहीं है. सोमवार को महज 2 घंटे की हुई मूसलाधार बारिश ने टर्मिनल के हालात बदल दिए और फिर से बस टर्मिनल तालाब बन गया. जिसकी वजह से सवारियों और बस ड्राइवरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
घरों में जा रही है बदबू
कई बार ड्राइवर बसों को मोड़ते हैं, तो बस यहां कीचड़ में फंस जाती है और बस को निकालने में क्रैन की मदद भी लेनी पड़ती है. स्थानीय लोगों ने बताया कि बारिश के दिनों में है टर्मिनल में तालाब बन जाता है. जिससे आसपास के घरों में गंदी बदबू आती है. यहां पर लगातार जलभराव की समस्या बनी रहती है. मानसून के बाद यहां पर धूल भरी आंधियां चलती हैं. जिसकी वजह से उड़ने वाली धूल लोगों के घरों तक जाती हैं और बीमार लोगों को काफी परेशानी भी होती है.
सरकार और अधिकारियों से अपील
जरूरत है दिल्ली सरकार स्थानीय लोगों की समस्या पर ध्यान दें. साथ ही अपने कर्मचारियों की समस्याओं को भी सुने. बस ड्राइवरों और इलाके के लोगों ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से भी बस टर्मिनल को पक्का कराने की बात कही, लेकिन हालात नहीं सुधरे.