1 फरवरी 2019 को पेश होने वाला यह पूर्ण बजट न होकर वोट ऑन अकाउंट होगा यानी चुनाव से पहले सरकार के कामकाज को सुचारू रुप से चालू रखने के लिए कुछ महीनों के लिए पेश किया जाने वाला अंतरिम बजट होगा.
दिल्ली सरकार को फिर से है उम्मीद
वहीं, दिल्ली की बात की जाए तो आम बजट 2018-19 में दिल्ली वासियों को केंद्र सरकार से कुछ खास नहीं मिल पाया था. दिल्ली सरकार की भी कई उम्मीदों पर पानी फिर गया था, लेकिन इस बार दिल्ली फिर से उम्मीदें लगाए बैठी है. चलिए आपको बताते हैं पिछले बजट से दिल्ली को क्या कुछ मिला था और इस बार यानि कि 2019-20 के बजट में क्या खास है.
2018-19 के आम बजट में अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में सुचारू शासन के लिए विशेष प्रावधानों की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि दिल्ली में अहम ढांचागत विकास के लिए उन्हें वित्तीय सहायता की उम्मीद थी, लेकिन इस बजट से निराशा हाथ लगी थी. हालांकि कुछ चीजें दिल्ली सरकार को जरूर मिली थी.
ये मिला था खास
पिछले साल के आम बजट से दिल्ली सरकार को हालांकि 790 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. सरकार को 449.99 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता का प्रस्ताव किया गया था. इसके अलावा 1984 सिख दंगा पीड़ितों के लिए 10 करोड़ रुपए मुआवजे के तौर पर दिए गए हैं. इसके अलावा दिल्ली आपदा प्रतिक्रिया कोष के लिए आवंटन को पांच करोड़ रुपये पर ही कायम रखा गया था.
इसके अलावा केंद्रीय करों और शुल्कों में दिल्ली सरकार का हिस्सा 2001-02 से 325 करोड़ रुपये पर ही कायम है.
दिल्ली सरकार की उम्मीदों पर फिरा था पानी
1. दिल्ली सरकार ने केंद्रीय करों और शुल्कों में दिल्ली की हिस्सेदारी बढ़ाने की उम्मीद जताई थी, लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं पाया था. इस बार भी सरकार को कहीं न कहीं यह उम्मीद जरूर है.
2. दिल्ली पुलिस के लिए अलग से योजना बनाए जाने की उम्मीद थी. इस पर केंद्र सरकार की ओर से कोई प्रावधान नहीं रखा गया था.
3. दिल्ली को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए 2000 इलेक्ट्रिक बसों के लिए विशेष पैकेज दिए जाने की उम्मीद दिल्ली सरकार लगाए हुए थी, लेकिन आम बजट 2018-19 में इलेक्ट्रिक बसों के लिए कोई पैकेज नहीं रखा गया था.
4. दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमतीकरण के लिए एक विशेष योजना बनाए जाने की मांग थी जिस पर भी कोई घोषणा नहीं की गई.
5. दिल्ली में नए अस्पतालों, स्कूलों और बस डिपो के लिए जमीन दिए जाने की मांग की गई थी, लेकिन इसे लेकर भी कोई घोषणा नहीं की गई.
इस बार भी दिल्ली सरकार को उम्मीद है कि मोदी सरकार दिल्ली के लिए जरूर कुछ बड़ा करेगी, क्योंकि इस बार का आम बजट लोकसभा चुनाव के मद्देनजर काफी अहम है. देश वासियों के साथ साथ दिल्ली के लिए यह अहम है क्योंकि सत्ता में बरकरार रहने के लिए मोदी सरकार इस बार जरूर कुछ बड़े फैसले लेगी जो देश हित के साथ साथ उनके खुद के भी हित भी होंगे.