नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में मुख्यमंत्री तीर्थ योजना लागू होने के बाद से ही अरविंद केजरीवाल, उनके तमाम मंत्री, विधायक और पूरी आम आदमी पार्टी इसके लिए मुख्यमंत्री की तुलना श्रवण कुमार से करती नजर आती है. अब ईटीवी भारत इस तीर्थ यात्रा का दूसरा पहलू आपको दिखाएगा. इस तीर्थ यात्रा योजना में ले जाए जा रहे बुजुर्गों को बीच रास्ते में ही ट्रेन से उतार दिया जाता है.
'स्थानीय विधायक ने सपने पर फेरा पानी'
यह व्यथा कथा है मॉडल टाउन के शक्ति नगर में रहने वाले बुजुर्गों की, जिन्हें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मुफ्त तीर्थ यात्रा का सपना दिखाया, लेकिन स्थानीय विधायक ने न सिर्फ तीर्थ यात्रा की श्रद्धा पर पानी फेरा बल्कि बुजुर्गों को उत्पीड़न का भी शिकार होना पड़ा.
क्या था मामला
इन बुजुर्गों ने अपनी पूरी आपबीती ईटीवी भारत के सामने रखी. इनका कहना था कि स्थानीय विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी ने 90 बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा पर ले जाने का वादा किया. लेकिन 22 नवंबर को जिस दिन यात्रा जाने वाली थी उससे एक दिन पहले कहा कि 40 लोगों को लेकर जाएंगे. 40 लोगों की पूरी डिटेल कागजात के साथ विधायक के पास जमा कर दिए गए. 22 नवंबर को दोपहर 2 बजे अखिलेश पति त्रिपाठी ने अपने मॉडल टाउन स्थित आवास पर इन सभी को बुलाया था.
ये सभी 40 लोग विधायक के आवास पर पहुंचे, लेकिन वहां इंतजार करते रहे, विधायक नहीं मिले. फिर 4 बजे उनका फोन आया कि आप बस करके सफदरजंग स्टेशन आ जाइए. ये सभी 5 हजार रुपए के भाड़े की बस करके वहां पहुंचे, लेकिन विधायक मिले 7:30 बजे जब ट्रेन खुलने वाली थी.
बुजुर्गों को बीच रास्ते में ही उतारा गया
इन सभी को न तो इनके टिकट की जानकारी थी और न ही इनके पास मिले थे. विधायक की तरफ से बार-बार कहा जा रहा था कि ट्रेन में ही देंगे, विधायक जब पहुंचे तो इन्हें कहीं एडजस्ट करने लगे. लेकिन इन बुजुर्गों का कहना है कि उसी बीच कमल बंसल मिले, जो दिल्ली सरकार की तरफ से इस योजना की व्यवस्था देख रहे हैं और उन्होंने कहा कि जिनके पास पास नहीं हो, अच्छा है वे यहीं उतर जाएं, वरना चेकिंग के बाद उन्हें बीच रास्ते में उतार दिया जाएगा.
इन बुजुर्गों में से 18 लोग सफदरजंग स्टेशन पर ही उतर गए और 15 लोगों को आगरा स्टेशन पर रात 2 बजे उतार दिया गया. इनमें 80 से 85 साल के बुजुर्ग भी थे, कई महिलाएं भी थीं. उसके बाद ये अपने खर्चे से दिल्ली लौटे.
यात्रियों के लिए नहीं थी खाने की व्यवस्था
गौर करने वाली बात यह भी है कि सफदरजंग स्टेशन से आगरा स्टेशन के बीच उन्हें चाय तक नहीं दी गई, खाना तो दूर की बात है. इनमें से एक बुजुर्ग ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वे उन्हें खाना दे रहे थे, जिनके पास टिकट था. ये सभी बुजुर्ग अब अपनी व्यथा लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने वाले हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री के नाम एक चिट्ठी भी लिखी है.