नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की गई है कि हाल ही में पारित नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया जाए. याचिका चंद्रबाला शर्मा ऊर्फ सुमन ने दायर किया है. इसमें कहा गया है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 530 के तहत इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रायल करने के लिए अदालतों में पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करने का दिशा-निर्देश जारी होना चाहिए.
याचिका में मांग की गई है कि नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के पहले हुए अपराधों के मामलों में भी दिशा-निर्देश जारी किया जाएं. इसके अलावा न्यायिक व्यवस्था से जुड़े सभी लोगों को नए कानून के बारे में ट्रेनिंग देने की जरूरत है. बता दें, तीन नए आपराधिक कानूनों पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर 2023 को अपनी सहमति दे दी थी. हालांकि, अभी ये कानून कब से लागू होगा ये नोटिफाइ नहीं किया गया है.
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ये तीनों कानून हैं- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता. तीनों कानून भारतीय दंड संहिता, अपराध प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे. याचिकाकर्ता पर एससी-एसटी एक्ट के तहत 2023 में केस दर्ज किया गया है. उनकी ओर से वकील पवन प्रकाश पाठक ने याचिका में कहा है कि नए कानून के तहत हर व्यक्ति को कानूनी उपचार पाने का संविधान के तहत मौलिक अधिकार है. बता दें, हाल ही में एक मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने याचिका दायर कर तीनों नए आपराधिक कानूनों पर रोक लगाने की मांग की है.
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