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DU के इस कॉलेज में छात्राओं को मिलेगा निःशुल्क स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण, प्रिंसिपल ने जताई खुशी

पीजीडीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो मुकेश अग्रवाल का कहना है कि हीरो मोटोकॉर्प की तरफ से यह प्रस्ताव कॉलेज के पास आया जिसे प्रशासन द्वारा सहज स्वीकृति दे दी गई है. उनका मानना है कि इस प्रशिक्षण से छात्राओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा साथ ही वो आत्मनिर्भर बन सकेंगी.

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Published : Jul 7, 2019, 6:28 PM IST

Updated : Jul 7, 2019, 11:39 PM IST

छात्राओं को मिलेगा निःशुल्क स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में इन दिनों दाखिला प्रक्रिया चल रहा है. वहीं देश के हर कोने से छात्र-छात्राएं सुनहरे भविष्य का सपना लिए अपने पसंदीदा कॉलेज में दाखिला भी ले रहे हैं.

छात्राओं को मिलेगा निःशुल्क स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण


कॉलेज भी छात्रों की सुविधा के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय का एक कॉलेज ऐसा भी है जो महिला सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. आइये जानते है, इस बारे में.....

छात्राओं को निःशुल्क स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण
हम बात कर रहे हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले नेहरू नगर स्थित पीजीडीएवी कॉलेज की. इस कॉलेज में दाखिला लेने वाली छात्राओं को कॉलेज प्रशासन एक अनोखा तोहफा दे रहा है. बता दें कि पीजीडीएवी कॉलेज की ओर से इसमें दाखिला लेने वाली छात्राओं को निःशुल्क स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

वहीं इसको लेकर पीजीडीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो मुकेश अग्रवाल कहना है कि हीरो मोटोकॉर्प की तरफ से यह प्रस्ताव कॉलेज के पास आया जिसे प्रशासन द्वारा सहज स्वीकृति दे दी गई. उनका मानना है कि इस प्रशिक्षण से छात्राओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा साथ ही वो आत्मनिर्भर बन सकेंगी.


70 से अधिक पंजीकरण हो चुका है
बता दें कि कॉलेज प्रशासन ने हीरो मोटोकॉर्प कंपनी से करार कर दाखिला लेने वाली छात्राओं को स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण देने का फैसला किया है. इसकी शुरुआत गत दो महीने से हो चुकी है. जिसके तहत अबतक 70 से अधिक छात्राएं इस प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण करवा चुकी हैं.


वहीं इस प्रशिक्षण के लिए बाकायदा एक टीम भी बनाई गई है. जो छात्राओं को स्कूटी चलाना सिखाएगी. वहीं प्रशिक्षण टीम की सदस्य तरुणा ने बताया कि अक्सर लड़कियों को कहीं भी आने जाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है.

लड़कियां किसी भी मायनों में लड़कों से कम नहीं
यहां तक कि घर पर साधन मौजूद होते हुए भी ड्राइविंग न आने के चलते वे बेबस महसूस करती हैं जिससे उनमें हीन भावना पनपने लगती है और वे खुदपर से विश्वास खोने लगती हैं. तरुणा ने कहा कि आज के दौर में लड़कियां किसी भी मायनों में लड़कों से कम नहीं है तो फिर वाहन चलाने में ये भेदभाव क्यों?


तरुणा ने बताया कि कॉलेज और कंपनी के बीच हुए करार के तहत सभी छात्राओं को यहां ट्रेनिंग दी जाएगी. जिसके लिए उनसे किसी तरह का कोई अतिरिक्त शुल्क भी नहीं लिया जाएगा.


उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में पहले छात्राओं का पंजीकरण होगा जिसके बाद उन्हें थ्योरी क्लास दी जाएगी जिसमें वाहन चलाने संबंधित सभी बेसिक जानकारियां दी जाएंगी. इस प्रक्रिया के बाद प्रशिक्षण शुरू करने से पहले छात्राओं को अपना लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना पड़ेगा.


हालांकि इस लाइसेंस के लिए आवेदन करने से लेकर लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में प्रशिक्षण टीम पूरी तरह छात्राओं की मदद करेगी. इसके बाद छात्राओं को लाइसेंस की कॉपी और कॉलेज आईकार्ड जमा करवाने होगा जिसके बाद से उनका प्रशिक्षण शुरू हो सकेगा. साथ ही उन्होंने बताया कि स्टेप बाई स्टेप ट्रेनिंग दी जाएगी जिसमें सबसे पहले उन्हें साईकल चलाना सिखाया जाएगा.

स्कूटी चलाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा
जब शुरुआती डर निकल जाएगा तब उन्हें स्कूटी चलाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. वहीं यदि कोई छात्रा मोटरसाइकिल सीखने में रुचि रखती है तो स्कूटी पर उसका हाथ साफ होने पर उसे बाइक चलानी भी सिखाई जाएगी.
उन्होंने बताया कि स्कूटी चलाने से पहले छात्राओं को सभी जरूरी इक्विपमेंट्स पहनाए जाएंगे जिससे उन्हें कहीं चोट न लगे और वे सुरक्षित महसूस करें. इसके अलावा उन्हें प्रशिक्षण देते समय इस बात का खासा ध्यान रखा जाएगा कि उन्हें ड्राइविंग की सभी बारीकियां सिखाई जा सकें जिससे जब भी वे छात्राएं व्यस्त रोड पर स्कूटी चलाएं तो उन्हें कोई परेशानी न हो.

वहीं इस प्रशिक्षण को लेकर पीजीडीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर मुकेश अग्रवाल ने बेहद खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि हम नारी सशक्तिकरण का केवल नारा नहीं देते बल्कि उसे हकीकत में तब्दील करने में यकीन रखते हैं. जिसका उदाहरण है छात्राओं को दिया जाने वाला यह प्रशिक्षण. उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण से छात्राओं में नया आत्मविश्वास जागेगा. साथ ही वह दूसरों पर निर्भर होने के बजाए आत्मनिर्भर हो सकेंगी.

प्रशिक्षण कॉलेज के पार्किंग एरिया में दिया जाएगा
बता दें कि स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण कॉलेज के पार्किंग एरिया में दिया जाएगा. साथ ही प्रशिक्षण के लिए निर्धारित प्रांगण में ट्रैफिक नियमों के साथ साथ ट्रैफिक संबंधित रोड साइंस भी डिस्प्ले किये गए हैं.
जिसे पढ़कर छात्राएं ट्रैफिक से सम्बंधित हर चिन्ह हो पहचान सकें और सुरक्षित वाहन चला सकें. इसके अलावा स्कूटी चलाते समय बैठने की स्थिति कैसी होनी चाहिए इससे संबंधित पोस्टर भी डिस्प्ले किये गए हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में इन दिनों दाखिला प्रक्रिया चल रहा है. वहीं देश के हर कोने से छात्र-छात्राएं सुनहरे भविष्य का सपना लिए अपने पसंदीदा कॉलेज में दाखिला भी ले रहे हैं.

छात्राओं को मिलेगा निःशुल्क स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण


कॉलेज भी छात्रों की सुविधा के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय का एक कॉलेज ऐसा भी है जो महिला सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. आइये जानते है, इस बारे में.....

छात्राओं को निःशुल्क स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण
हम बात कर रहे हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले नेहरू नगर स्थित पीजीडीएवी कॉलेज की. इस कॉलेज में दाखिला लेने वाली छात्राओं को कॉलेज प्रशासन एक अनोखा तोहफा दे रहा है. बता दें कि पीजीडीएवी कॉलेज की ओर से इसमें दाखिला लेने वाली छात्राओं को निःशुल्क स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

वहीं इसको लेकर पीजीडीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो मुकेश अग्रवाल कहना है कि हीरो मोटोकॉर्प की तरफ से यह प्रस्ताव कॉलेज के पास आया जिसे प्रशासन द्वारा सहज स्वीकृति दे दी गई. उनका मानना है कि इस प्रशिक्षण से छात्राओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा साथ ही वो आत्मनिर्भर बन सकेंगी.


70 से अधिक पंजीकरण हो चुका है
बता दें कि कॉलेज प्रशासन ने हीरो मोटोकॉर्प कंपनी से करार कर दाखिला लेने वाली छात्राओं को स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण देने का फैसला किया है. इसकी शुरुआत गत दो महीने से हो चुकी है. जिसके तहत अबतक 70 से अधिक छात्राएं इस प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण करवा चुकी हैं.


वहीं इस प्रशिक्षण के लिए बाकायदा एक टीम भी बनाई गई है. जो छात्राओं को स्कूटी चलाना सिखाएगी. वहीं प्रशिक्षण टीम की सदस्य तरुणा ने बताया कि अक्सर लड़कियों को कहीं भी आने जाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है.

लड़कियां किसी भी मायनों में लड़कों से कम नहीं
यहां तक कि घर पर साधन मौजूद होते हुए भी ड्राइविंग न आने के चलते वे बेबस महसूस करती हैं जिससे उनमें हीन भावना पनपने लगती है और वे खुदपर से विश्वास खोने लगती हैं. तरुणा ने कहा कि आज के दौर में लड़कियां किसी भी मायनों में लड़कों से कम नहीं है तो फिर वाहन चलाने में ये भेदभाव क्यों?


तरुणा ने बताया कि कॉलेज और कंपनी के बीच हुए करार के तहत सभी छात्राओं को यहां ट्रेनिंग दी जाएगी. जिसके लिए उनसे किसी तरह का कोई अतिरिक्त शुल्क भी नहीं लिया जाएगा.


उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में पहले छात्राओं का पंजीकरण होगा जिसके बाद उन्हें थ्योरी क्लास दी जाएगी जिसमें वाहन चलाने संबंधित सभी बेसिक जानकारियां दी जाएंगी. इस प्रक्रिया के बाद प्रशिक्षण शुरू करने से पहले छात्राओं को अपना लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना पड़ेगा.


हालांकि इस लाइसेंस के लिए आवेदन करने से लेकर लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में प्रशिक्षण टीम पूरी तरह छात्राओं की मदद करेगी. इसके बाद छात्राओं को लाइसेंस की कॉपी और कॉलेज आईकार्ड जमा करवाने होगा जिसके बाद से उनका प्रशिक्षण शुरू हो सकेगा. साथ ही उन्होंने बताया कि स्टेप बाई स्टेप ट्रेनिंग दी जाएगी जिसमें सबसे पहले उन्हें साईकल चलाना सिखाया जाएगा.

स्कूटी चलाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा
जब शुरुआती डर निकल जाएगा तब उन्हें स्कूटी चलाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. वहीं यदि कोई छात्रा मोटरसाइकिल सीखने में रुचि रखती है तो स्कूटी पर उसका हाथ साफ होने पर उसे बाइक चलानी भी सिखाई जाएगी.
उन्होंने बताया कि स्कूटी चलाने से पहले छात्राओं को सभी जरूरी इक्विपमेंट्स पहनाए जाएंगे जिससे उन्हें कहीं चोट न लगे और वे सुरक्षित महसूस करें. इसके अलावा उन्हें प्रशिक्षण देते समय इस बात का खासा ध्यान रखा जाएगा कि उन्हें ड्राइविंग की सभी बारीकियां सिखाई जा सकें जिससे जब भी वे छात्राएं व्यस्त रोड पर स्कूटी चलाएं तो उन्हें कोई परेशानी न हो.

वहीं इस प्रशिक्षण को लेकर पीजीडीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर मुकेश अग्रवाल ने बेहद खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि हम नारी सशक्तिकरण का केवल नारा नहीं देते बल्कि उसे हकीकत में तब्दील करने में यकीन रखते हैं. जिसका उदाहरण है छात्राओं को दिया जाने वाला यह प्रशिक्षण. उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण से छात्राओं में नया आत्मविश्वास जागेगा. साथ ही वह दूसरों पर निर्भर होने के बजाए आत्मनिर्भर हो सकेंगी.

प्रशिक्षण कॉलेज के पार्किंग एरिया में दिया जाएगा
बता दें कि स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण कॉलेज के पार्किंग एरिया में दिया जाएगा. साथ ही प्रशिक्षण के लिए निर्धारित प्रांगण में ट्रैफिक नियमों के साथ साथ ट्रैफिक संबंधित रोड साइंस भी डिस्प्ले किये गए हैं.
जिसे पढ़कर छात्राएं ट्रैफिक से सम्बंधित हर चिन्ह हो पहचान सकें और सुरक्षित वाहन चला सकें. इसके अलावा स्कूटी चलाते समय बैठने की स्थिति कैसी होनी चाहिए इससे संबंधित पोस्टर भी डिस्प्ले किये गए हैं.

Intro:नई दिल्ली। पीजीडीएवी कॉलेज

दिल्ली विश्वविद्यालय में इन दिनों दाखिला प्रक्रिया चल रही है. वहीं देश के हर कोने से छात्र छात्राएं सुनहरे भविष्य का सपना लिए अपने पसंदीदा कॉलेज में दाखिला ले रहे हैं. वहीं कॉलेज भी छात्रों की सुविधा के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है. वहीं दिल्ली का एक कॉलेज ऐसा भी है जो महिला सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. हम बात कर रहे हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आनेवाले नेहरू नगर स्थित पीजीडीएवी कॉलेज की. इस कॉलेज में दाखिला लेने वाली छात्राओं को कॉलेज प्रशासन एक अनोखा तोहफा दे रहा है. बता दें कि पीजीडीएवी कॉलेज की ओर से इसमें दाखिला लेने वाली छात्राओं को निःशुल्क स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. वहीं इसको लेकर पीजीडीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो मुकेश अग्रवाल कहना है कि हीरो मोटोकॉर्प की तरफ से यह प्रस्ताव कॉलेज के पास आया जिसे प्रशासन द्वारा सहज स्वीकृति दे दी गई. उनका मानना है कि इस प्रशिक्षण से छात्राओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा साथ ही वो आत्मनिर्भर बन सकेंगी.



Body:डीयू के पीजीडीएवी कॉलेज में दाखिला लेने वाली छात्राओं के लिए इस बार कुछ खास है. बता दें कि कॉलेज प्रशासन ने हीरो मोटोकॉर्प कंपनी से करार कर दाखिला लेने वाली छात्राओं को स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण देने का फैसला किया है. इसकी शुरुआत गत दो महीने से हो चुकी है जिसके तहत अब तक 70 से अधिक छात्राएं इस प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण करवा चुकी हैं. वहीं इस प्रशिक्षण के किये बाकायदा एक टीम बनाई गई है जो छात्राओं को स्कूटी चलाना सिखाएगी. वहीं प्रशिक्षण टीम की सदस्य तरुणा ने बताया कि अक्सर लड़कियों को कहीं भी आने जाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है. यहां तक कि घर पर साधन मौजूद होते हुए भी ड्राइविंग न आने के चलते वे बेबस महसूस करती हैं जिससे उनमें हीन भावना पनपने लगती है और वे खुदपर से विश्वास खोने लगती हैं. तरुणा ने कहा कि आज के दौर में लड़कियां किसी भी मायनों में लड़कों से कम नहीं है तो फिर वाहन चलाने में ये भेदभाव क्यों.

तरुणा ने बताया कि कॉलेज और कंपनी के बीच हुए करार के तहत सभी छात्राओं को यहां ट्रेनिंग दी जाएगी जिसके लिए उनसे किसी तरह का कोई अतिरिक्त शुल्क भी नहीं लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में पहले छात्राओं का पंजीकरण होगा जिसके बाद उन्हें थ्योरी क्लास दी जाएगी जिसमें वाहन चलाने संबंधित सभी बेसिक जानकारियां दी जाएंगी. इस प्रक्रिया के बाद प्रशिक्षण शुरू करने से पहले छात्राओं को अपना लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना पड़ेगा. हालांकि इस लाइसेंस के लिए आवेदन करने से लेकर लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में प्रशिक्षण टीम पूरी तरह छात्राओं की मदद करेगी. इसके बाद छात्राओं को लाइसेंस की कॉपी और कॉलेज आईकार्ड जमा करवाने होगा जिसके बाद से उनका प्रशिक्षण शुरू हो सकेगा. साथ ही उन्होंने बताया कि स्टेप बाई स्टेप ट्रेनिंग दी जाएगी जिसमें सबसे पहले उन्हें साईकल चलाना सिखाया जाएगा. जब शुरुआती डर निकल जाएगा तब उन्हें स्कूटी चलाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. वहीं यदि कोई छात्रा मोटरसाइकिल सीखने में रुचि रखती है तो स्कूटी पर उसका हाथ साफ होने पर उसे बाइक चलानी भी सिखाई जाएगी. उन्होंने बताया कि स्कूटी चलाने से पहले छात्राओं को सभी जरूरी इक्विपमेंट्स पहनाए जाएंगे जिससे उन्हें कहीं चोट न लगे और वे सुरक्षित महसूस करें. इसके अलावा उन्हें प्रशिक्षण देते समय इस बात का खासा ध्यान रखा जाएगा कि उन्हें ड्राइविंग की सभी बारीकियां सिखाई जा सकें जिससे जब भी वे छात्राएं व्यस्त रोड पर स्कूटी चलाएं तो उन्हें कोई परेशानी न हो.

वहीं इस प्रशिक्षण को लेकर पीजीडीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर मुकेश अग्रवाल ने बेहद खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि हम नारी सशक्तिकरण का केवल नारा नहीं देते बल्कि उसे हकीकत में तब्दील करने में यकीन रखते हैं जिसका उदाहरण है छात्राओं को दिया जाने वाला यह प्रशिक्षण. उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण से छात्राओं में नया आत्मविश्वास जागेगा. साथ ही वह दूसरों पर निर्भर होने के बजाए आत्मनिर्भर हो सकेंगी.



Conclusion:बता दें कि स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण कॉलेज के पार्किंग एरिया में दिया जाएगा. साथ ही प्रशिक्षण के लिए निर्धारित प्रांगण में ट्रैफिक नियमों के साथ साथ ट्रैफिक संबंधित रोड साइंस भी डिस्प्ले किये गए हैं जिसे पढ़कर छात्राएं ट्रैफिक से सम्बंधित हर चिन्ह हो पहचान सकें और सुरक्षित वाहन चला सकें. इसके अलावा स्कूटी चलाते समय बैठने की स्थिति कैसी होनी चाहिए इससे संबंधित पोस्टर भी डिस्प्ले किये गए हैं.
Last Updated : Jul 7, 2019, 11:39 PM IST
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