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Firing at Tis Hazari Court: अदालत परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पर फिर उठे सवाल, वकीलों ने कहा- सख्ती से की जाए जांच - तीस हजारी कोर्ट में गोलीकांड

दिल्ली की अदालतें असुरक्षित हो गई हैं. ढाई महीने के अंदर कोर्ट कैंपस में दो बार गोलीबारी की घटना हो गई. बुधवार दोपहर दो वकील आपस में ही तीस हजारी कोर्ट में भिड़ गए. इस घटना के बाद से कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगा है.

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Published : Jul 5, 2023, 8:03 PM IST

नई दिल्ली: तीस हजारी कोर्ट में बुधवार को वकील द्वारा की गई फायरिंग के बाद अदालतों की सुरक्षा व्यवस्था पर फिर सवाल उठ रहा है. फायरिंग अदालत परिसर में आने जाने वाले लोगों की सुरक्षा जांच में बरती गई लापरवाही का ही नतीजा है. क्योंकि इससे लोग रिवाल्वर लेकर अदालत परिसर में पहुंच जाते हैं और सुरक्षाकर्मियों को पता ही नहीं चलता है. दिल्ली बार काउंसिल की अनुशासनात्मक कमेटी के चेयरमैन एडवोकेट मुरारी तिवारी ने कहा कि अदालतों में सुरक्षा जांच बढ़ाए जाने की जरूरत है.

एडवोकेट मुरारी तिवारी ने बताया कि तीस हजारी कोर्ट परिसर में प्रवेश के लिए 6 गेट हैं. इनमें से फ्रंट साइड पर चार गेट और बैक साइड में दो गेट हैं. गेट नंबर 1, गेट नंबर 2 और गेट नंबर 3 से गाड़ियां भी आती जाती हैं. वकीलों और मुवक्किलों के आने पर सुरक्षा गार्ड गाड़ियों की डिक्की तो चेक करते हैं, लेकिन गाड़ी के अंदर रखे बैग और अन्य चीज चेक नहीं करते हैं. इस कारण लोग अपने साथ असलहा लेकर कोर्ट परिसर में चले जाते हैं.

उन्होंने बताया कि तीस हजारी कोर्ट परिसर के 4 ब्लॉकों में कुल 4,000 चेंबर हैं. दिनभर यहां हजारों वकील और मुवक्किल आते जाते रहते हैं. ऐसे में जांच में बरती गई लापरवाही किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है.

साकेत कोर्ट में भी हो चुकी है ऐसी वारदातः अप्रैल में साकेत अदालत में वकील का ड्रेस पहनकर आए एक आरोपी ने कोर्ट परिसर में महिला पर पांच गोलियां दाग दी थी, जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी. दिनदहाड़े महिला को गोली मारे जाने की वारदात से राजधानी की अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे थे. उस घटना के फुटेज से पता चला था कि एक व्यक्ति असलहा लेकर कोर्ट परिसर में पहुंच जाता है, वहां 5 राउंड फायरिंग करता है और सुरक्षित वापस भाग जाता है. यानी वारदात के बाद भी आरोपी को पकड़ने के लिए कोर्ट के सुरक्षाकर्मी सक्षम साबित नहीं हुए. साकेत कोर्ट में छह गेट हैं. यहां दो नई कोर्ट बनी हैं, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाए नहीं गए हैं. अधिवक्ता का स्टीकर लगाकर कोई भी व्यक्ति कोर्ट परिसर में अपनी गाड़ी लेकर पहुंच जाता है. जांच में लापरवाही बरती जाती है.

रोहिणी कोर्ट में भी चल चुकी है गोलीः अप्रैल 2022 में रोहिणी कोर्ट में गोली चल गई थी. तब वहां सुरक्षाकर्मी और दो वकीलों के बीच सुरक्षा जांच को लेकर बहस हो गई थी. इसके बाद सुरक्षाकर्मी ने वकील पर गोली चला दी थी. इस वारदात में 2 वकील घायल हो गए थे. इस घटना के बाद भी कोर्ट परिसर में सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी.

नई दिल्ली: तीस हजारी कोर्ट में बुधवार को वकील द्वारा की गई फायरिंग के बाद अदालतों की सुरक्षा व्यवस्था पर फिर सवाल उठ रहा है. फायरिंग अदालत परिसर में आने जाने वाले लोगों की सुरक्षा जांच में बरती गई लापरवाही का ही नतीजा है. क्योंकि इससे लोग रिवाल्वर लेकर अदालत परिसर में पहुंच जाते हैं और सुरक्षाकर्मियों को पता ही नहीं चलता है. दिल्ली बार काउंसिल की अनुशासनात्मक कमेटी के चेयरमैन एडवोकेट मुरारी तिवारी ने कहा कि अदालतों में सुरक्षा जांच बढ़ाए जाने की जरूरत है.

एडवोकेट मुरारी तिवारी ने बताया कि तीस हजारी कोर्ट परिसर में प्रवेश के लिए 6 गेट हैं. इनमें से फ्रंट साइड पर चार गेट और बैक साइड में दो गेट हैं. गेट नंबर 1, गेट नंबर 2 और गेट नंबर 3 से गाड़ियां भी आती जाती हैं. वकीलों और मुवक्किलों के आने पर सुरक्षा गार्ड गाड़ियों की डिक्की तो चेक करते हैं, लेकिन गाड़ी के अंदर रखे बैग और अन्य चीज चेक नहीं करते हैं. इस कारण लोग अपने साथ असलहा लेकर कोर्ट परिसर में चले जाते हैं.

उन्होंने बताया कि तीस हजारी कोर्ट परिसर के 4 ब्लॉकों में कुल 4,000 चेंबर हैं. दिनभर यहां हजारों वकील और मुवक्किल आते जाते रहते हैं. ऐसे में जांच में बरती गई लापरवाही किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है.

साकेत कोर्ट में भी हो चुकी है ऐसी वारदातः अप्रैल में साकेत अदालत में वकील का ड्रेस पहनकर आए एक आरोपी ने कोर्ट परिसर में महिला पर पांच गोलियां दाग दी थी, जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी. दिनदहाड़े महिला को गोली मारे जाने की वारदात से राजधानी की अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे थे. उस घटना के फुटेज से पता चला था कि एक व्यक्ति असलहा लेकर कोर्ट परिसर में पहुंच जाता है, वहां 5 राउंड फायरिंग करता है और सुरक्षित वापस भाग जाता है. यानी वारदात के बाद भी आरोपी को पकड़ने के लिए कोर्ट के सुरक्षाकर्मी सक्षम साबित नहीं हुए. साकेत कोर्ट में छह गेट हैं. यहां दो नई कोर्ट बनी हैं, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाए नहीं गए हैं. अधिवक्ता का स्टीकर लगाकर कोई भी व्यक्ति कोर्ट परिसर में अपनी गाड़ी लेकर पहुंच जाता है. जांच में लापरवाही बरती जाती है.

रोहिणी कोर्ट में भी चल चुकी है गोलीः अप्रैल 2022 में रोहिणी कोर्ट में गोली चल गई थी. तब वहां सुरक्षाकर्मी और दो वकीलों के बीच सुरक्षा जांच को लेकर बहस हो गई थी. इसके बाद सुरक्षाकर्मी ने वकील पर गोली चला दी थी. इस वारदात में 2 वकील घायल हो गए थे. इस घटना के बाद भी कोर्ट परिसर में सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी.

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