नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली के बवाना इलाके में गांव के ही तीन युवकों ने बच्ची का दिनदहाड़े अपहरण कर परिजनों से छह लाख रुपए की फिरौती की मांग की थी. हालांकि बवाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बच्ची को बरामद कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
11 साल की बच्ची का दिनदहाड़े अपहरण
डीसीपी राजीव रंजन सिंह ने बताया कि 11 साल की बच्ची परिवार सहित मुंगेशपुर गांव में रहती है. शनिवार दोपहर को अपने प्लाट पर जाते समय बच्ची का अपहरण कर लिया गया. जब बच्ची नहीं मिली तो परिजनों ने पहले इलाके में ढूंढ़ा और फिर शाम को घटना की सूचना पुलिस को दी. एफआईआर दर्ज कर एसएचओ दर्शन लाल के नेतृत्व में एसआई गजेंद्र माथुर, एसआई रिंकू की टीम गठित की गई.
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रात भर पुलिस ने खंगाली सीसीटीवी फुटेज
इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने रात भर इलाके में लगे हुए सीसीटीवी कैमरे को खंगाला. कई जगहों पर छापेमारी की गई लेकिन पता चला कि आरोपी लगातार ठिकाना बदल रहे हैं.सीसीटीवी फुटेज में पुलिस को एक गाड़ी की नंबर प्लेट मिली, जिसके जरिए पुलिस कार मालिक तक पहुंची और मालूम हुआ कि सुमित नाम के युवक गाड़ी लेकर गया हुआ है. पुलिस ने सुमित पर दबिश देनी शुरू की तो रविवार को परिजनों को फिरौती की कॉल मिलनी शुरू हो गई. पुलिस के दबाव में आरोपियों ने बच्ची को रविवार दोपहर को गांव में छोड़ दिया. बच्ची ने बताया कि गांव के सुमित ने उसका अपहरण किया है. फिर टीम ने देर शाम इलाके से वारदात में शामिल सुमित, गोपाल और संदीप को गिरफ्तार कर लिया.
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आरोपियों ने रुपयों के लिए रची थी साजिश
पुलिस जांच में पता चला कि संदीप पेशे से फाइनेंसर था लेकिन घाटे की वजह से रुपये की जरूरत थी. इसलिए उसने यह साजिश रची. चूंकि बच्ची के पिता हाईकोर्ट में और ताऊ दिल्ली सरकार में कार्यरत हैं इसलिए उसे उम्मीद थी कि यह परिवार आसानी से रुपये दे देगा. लेकिन आखिरकार पुलिस ने तीनों आरोपियों को धर दबोचा और अब पूछताछ जारी है.