नई दिल्ली: DU के सेवानिवृत्त शिक्षकों की संशोधित पेंशन के मामले को लेकर नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) ने प्रधानमंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्री से गुहार लगाई है. एनडीटीएफ का कहना है कि उन्होंने सेवानिवृत्त शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिलाने के लिए विभिन्न स्तरों पर राहत का प्रयास किया, लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हुई. इसलिए उन्होंने इस विषय को बेहद गंभीर बताते हुए सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय और मानव संसाधन विकास मंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की है.
'स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है'
डूटा के पूर्व अध्यक्ष डॉ एनके कक्कड़ ने बताया कि वे सेवानिवृत्त शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत रहे हैं. उन्होंने कई स्तरों पर बड़े अधिकारियों से इसके निपटारे की कोशिश को लेकर मुलाकात भी की है. लेकिन सातवें वेतन आयोग लागू होने के 16 महीने बीत जाने के बाद भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है.
'प्रशासन अपनी आंखें मूंद कर बैठ गया'
वहीं एनडीटीएफ के पूर्व अध्यक्ष और कार्यकारी परिषद के पूर्व सदस्य डॉक्टर ए के भागी ने कहा कि सेवानिवृत्त शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का लाभ मिलने वाले मामले में इतनी कोशिशों के बाद भी लगातार देरी की जा रही है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन तो जैसे अपनी आंखें मूंद कर बैठ गया है. यह विश्वविद्यालय प्रशासन का गैर-जिम्मेदाराना रवैया ही है. जिसके चलते हजारों सेवानिवृत्त शिक्षक अपनी बढ़ी हुई पेंशन से अभी तक वंचित है.
वहीं डॉक्टर एनके कक्कड़ ने विश्वास जताया है कि इस प्रक्रिया में अब और विलंब नहीं होगा और मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक और प्रधानमंत्री कार्यालय से इसका मार्ग निकलेगा.