नई दिल्ली: दिल्ली के प्रताप नगर इलाके के लोग कूड़े के ढेरों के बीच जीवन जीने को मजबूर हैं. यहां पिछले कई सालों से स्थानीय लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं. इसके बाद भी स्थानीय विधायक और निगम पार्षद इनकी समस्या हल करने के लिए आगे नहीं आते है.
वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि पूरे इलाके में कोई डलावघर नहीं है, जिसकी वजह से आसपास के लोग खाली पड़े प्लाट में कूड़ा डालकर चले जाते है. वहीं उनका यह भी कहना है कि अगर वह लोगों को यहां कूड़ा डालने से रोकते है, तो वह उनसे लड़ना शुरू कर देते है.
घनी आबादी वाला क्षेत्र है प्रताप नगर
स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रताप नगर घनी आबादी वाला क्षेत्र है. इसके बाद भी इलाके में कोई डलावघर नहीं बना हुआ है. एमसीडी की गाड़ियां भी दो हफ्ते में एक बार ही आती है. यहां की गलियां इतनी छोटी है कि निगम के गाड़ियां को मुड़ने में भी दिक्कत होती है.
'निगम पार्षद सिर्फ करते है वादे'
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां हर पांच साल बाद एक नया निगम पार्षद आता है और नए वादे करता है और चुनाव जीतने के बाद वह अपने वादे भूल जाते है, और फिर वह इलाके में नजर तक नहीं आते. जिसकी वजह से उन्हें इस समस्या से जूझना पड़ता है. वहीं लोगों ने बताया की निगम पार्षद को वह अनेक बार शिकायत दे चुके है पर वह आश्वाशन देने के बाद कोई काम नहीं करते.