नई दिल्ली : दिल्ली में बढ़ती आवारा पशुओं की समस्या को लेकर नॉर्थ एमसीडी ने एक बार फिर अपनी नीतियों में बदलाव किया है. इस बार निगम ने अधिकारियों को सख्ती से कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं. निगम ने कहा की आवारा पशुओं से होने वाली घटनाओं को रोकना उनकी प्राथमिकता है.
इसके पहले भी आवारा पशुओं पर लगाम लगाने के लिए नीतियां लागू की जाती रही हैं, लेकिन निगम की ताजा नीतियों में सख्ती से निपटने के संकेत दिए गए हैं. नॉर्थ एमसीडी की पुरानी नीति के तहत निगम आवारा पशुओं को पकड़ कर गौशाला भेजा जाता था. इसके अलावा पशुओं के मालिकों की पहचान कर उनसे चालान वसूला जाता था. सभी डेयरी मालिकों को पशु पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए थे. समय-समय पर निगम अधिकारी कई जगहों पर छापे भी मारते थे.
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आवारा पशुओं से निपटने के लिए बनाई गई नीति के तहत निगम ना सिर्फ आवारा पशुओं को पकड़कर गौशाला भेज रहा है बल्कि प्रतिदिन आवारा पशुओं के मालिकों की पहचान करके उनसे 5000 रुपए का चालान भी वसूल रहा है. अवैध डेयरियों का पानी और बिजली कनेक्शन भी काटा जा रहा है. उन्हें सील किया जा रहा है. सभी डेयरी मालिकों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने डेयरी नरेला के अंदर स्थित घोगा क्षेत्र में शिफ्ट कर लें. यह स्थान पशुपालन के लिए निर्धारित किया गया है.
अगर अपनी डेयरी दिल्ली के अंदर ही चलानी है तो लाइसेंस लेना पड़ेगा. इसके अलावा इस बात का ध्यान रखना होगा कि पशु सड़कों पर ना घूमे. यदि किसी भी डेयरी के पशु सड़कों पर घूमते पाए गए तो उन्हें गोशाला भेजा जाएगा. और पशु मालिकों के खिलाफ निगम सख्त कार्रवाई करते हुए डेयरी सील करने की कार्रवाई करेगा. इसके अलावा आवारा पशुओं से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए पशु मालिक की संपत्ति कुर्क की जाएगी. आने वाले समय में डेयरी मालिकों को पशुओं का पंजीकरण करना अनिवार्य होगा. पशु मालिकों को पशुओं को निगम की इलेक्ट्रॉनिक चिप भी लगवानी होगी.
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नॉर्थ एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन ने कहा कि निगम आवारा पशुओं के खिलाफ एक सख्त और कड़ी नीति बना रहा है. जिससे कि आवारा पशुओ से होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सके. नीति पालना को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. निगम आवारा पशुओं को गोशाला भेजने के लिए अधिक से अधिक गोशालाएं अपने साथ जोड़ने के प्रयास में है. जल्द ही कुछ और गोशालाएं निगम के साथ जुड़ जाएंगी.