नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम में विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. जैसे ही एक विवाद खत्म होता तो दूसरा विवाद जन्म ले लेता है. ताजा मामला उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर की गाड़ी से संबंधित है.
हाल ही में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर ने अपनी पुरानी गाड़ी मारुति सियाज बदलकर नई बड़ी गाड़ी ली थी, इसके बाद अब यह खबर सामने आ रही है कि मेयर को जो नई गाड़ी निगम द्वारा दी गई है वह बिल्डर के नाम पर रजिस्टर है. जिसकी वजह से निगम में एक नया विवाद खड़ा हो गया है. वहीं मेयर के ऊपर भी अब सवालिया चिन्ह खड़े हो रहे हैं.
इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने कांग्रेस नेता मुकेश गोयल से बातचीत की तो उन्होंने कहा बेहद शर्मनाक है कि मेयर इस तरह की गाड़ी अपने पास रखे हुए हैं और उसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं. निगम के संविधान के अनुसार मेयर को इस्तेमाल करने दी जानी वाली गाड़ी का रजिस्ट्रेशन निगम के नाम पर होना चाहिए, ना की किसी बिल्डर के नाम पर. संविधान के अनुसार मेयर को तुरंत प्रभाव से उस गाड़ी को वापस कर देनी चाहिए.
'भाजपा ने जनता को लूटने का काम किया'
वहीं आम आदमी पार्टी के नेता और नेता विपक्ष सुरजीत सिंह पवार ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि निगम के अंदर पिछले 12 साल से भ्रष्टाचार व्याप्त है. भाजपा ने जनता को केवल लूटने का काम किया और कुछ नहीं. मेयर की गाड़ी की खबर सामने आने के बाद यह बात और स्पष्ट हो जाती है कि भाजपा सिर्फ जनता के पैसे को लूट रही है. अगर ऐसा नहीं है तो मेयर के पास बिल्डर के नाम से रजिस्टर्ड गाड़ी कैसे आई.