नई दिल्ली: भारत लगातार आधुनिकरण कर रहा है और तरक्की के नए-नए आयाम को छू रहा है. लेकिन वहीं दूसरी और अभी भी भारत में कई जगह ऐसी है जहां बाल विवाह जैसा अभिशाप बच्चों के बचपन को खत्म कर रहा है. साथ ही यह देश को भी तरक्की के रास्ते में जाने में रुकावट पैदा करता है. इसी अभिशाप को भारत से पूरी तरीके से खत्म करने के लिए नोबेल प्राइज विजेता कैलाश सत्यार्थी ने एक मुहिम की शुरुआत की है. इस मुहीम तहत पूरे भारत में लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक किया जा रहा है. (Nobel prize winner Kailash Satyarthi launched a campaign against child marriage)
राजधानी दिल्ली के बुराड़ी के केशव नगर में रैली निकालकर बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरूक किया गया. दरअसल छोटे-छोटे बच्चियों की कम उम्र में ही शादी कर दी जाती है. जो कि एक अभिशाप है. छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाई अग्रसर करना चाहिए ना कि उनकी शादी कर उनके भविष्य को बिगड़ना चाहिए. इसी को देखते हुए नोबेल प्राइज विजेता कैलाश सत्यार्थी के निरीक्षण में एक अभियान की शुरुआत हुई. इसके तहत केशव नगर में भी लोगों ने बाल विवाह के खिलाफ रैली निकाली. साथ ही साथ इलाके के लोगों को जागरूक भी किया.
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बचपन बचाओ आंदोलन संस्था कार्यकर्ताओं का कहना है कि अब कैलाश सत्यार्थी और उनकी पूरी टीम ने यह जिम्मा उठाया है कि बाल विवाह को भारत से जड़ से खत्म करना है. इस अभिशाप से सभी को मुक्त कराना है. जब तक पूरी तरीके से बाल विवाह भारत से खत्म नहीं हो जाता तब तक इस अभियान को खत्म नहीं किया जाएगा. बुराड़ी इलाके में भी इसी अभियान के तहत एक रैली निकाली गई और बाद में कैंडल जलाकर लोगों को जागरुक किया गया.
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