नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एमसीडी की बड़ी लापरवाही सामने आई. वजीराबाद इलाके में खुले में मोबाइल टॉयलेट सालों से पड़े हुए हैं और खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं.
यहां यमुना किनारे आज भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं, लेकिन उन इलाकों में मोबाइल टॉयलेट की सुविधाएं ना देकर पानी से भरे हुए मोबाइल टॉयलेट खाली प्लॉट में सालों से पड़े हुए हैं. जिससे सरकारी पैसा तो बर्बाद हो ही रहा है. साथ ही साथ स्वच्छ भारत अभियान की भी धज्जियां उड़ रही हैं.
स्वच्छ भारत अभियान की उड़ रही है धज्जियां!
देश की राजधानी दिल्ली में स्वच्छ भारत अभियान की सरकारी तंत्र द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया. जिसके तहत जगह-जगह पर मोबाइल शौचालय और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी गई.
लेकिन दिल्ली के वजीराबाद इलाके में ना तो साफ सफाई नजर आ रही है. लेकिन उससे भी बड़ी लापरवाही है कि मोबाइल शौचालयों को गंदे पानी से भरे हुए खाली प्लॉट में सालों से बर्बाद होने के लिए छोड़ रखा है.
वजीराबाद के जगतपुर एक्सप्रेशन में बने हनुमान मंदिर के पास खाली प्लॉट में यहां कई शौचालय सालों से रखे हुए थे. जिसमें से कुछ तो पड़े-पड़े बर्बाद हो गए. उन्हें हटा दिया गया, लेकिन अभी भी यहां मोबाइल टॉयलेट पानी से भरे हुए पड़ा हुआ है. इससे पैसे की बर्बादी हो रही है.
देश में लोग खुले में शौच जाने को मजबूर
वजीराबाद इलाका यमुना पुश्ता में है. जहां पर आज भी कई लोग महिलाएं-बच्चे खुले में शौच जाते हैं, क्योंकि जो लोग इन इलाकों में झुग्गी झोपड़ी में रह रहे हैं. उनके लिए सरकार की ओर से आसपास लगाए हुए.
मोबाइल शौचालय पर्याप्त नहीं पड़ते. जिसकी वजह से लोगों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है. लेकिन वहीं दूसरी ओर सरकार की बड़ी लापरवाही के चलते मोबाइल शौचालयों को पानी से भरे हुए खाली प्लॉटों में रख रखा है.
जहां पर इनकी कोई जरूरत नहीं है. सालों से गंदे पानी के बीच में मोबाइल शौचालय पड़े होने से वो जर्जर होते जा रहे हैं और बर्बाद हो रहे हैं और इन्हीं लापरवाहियों की वजह से आज भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर है.
लोगों ने लगाया एमसीडी पर भ्रष्टाचार का आरोप
स्थानीय लोगों का कहना है कि ये एमसीडी के जरिए हो रहे भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है, क्योंकि जिन जगहों पर मोबाइल शौचालय की जरूरत है ही नहीं वहां पर सालों से इसी तरीके से मोबाइल शौचालय को जर्जर होने के लिए डाल रखा है.
जब ये शौचालय बर्बाद हो जाते हैं, तो इन्हें कबाड़ के दाम में बेच दिया जाता है. कई बार जनप्रतिनिधियों से इस बारे में बातचीत की गई. लेकिन उनके कानों में जूं तक नहीं रेंगती.
सरकार की लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है. एमसीडी की ओर से पहले भी कई बार लापरवाही के चलते सरकारी पैसे का दुरुपयोग होता रहा है. ऐसे में जरूरत है कि दिल्ली में जहां पर भी जिस तरीके से मोबाइल शौचालय खाली जगहों पर रखे हुए हैं. जहां सबसे ज्यादा जरूरत है और जहां लोग खुले में शौच जा रहे हैं.