नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान 1 महीने से ज्यादा वक्त से अपनी मांगों को लेकर बैठे हुए हैं. इस बीच कई बार बातचीत का दौर चला, जहां किसान और सरकार के बीच में बातचीत हुई और किसान अपनी मांगों पर अभी भी डटे हुए. लेकिन वहीं एक किसान ऐसे भी हैं जो मुख्यमंच से पीछे अमरण अनशन पर बैठ चुके हैं. यह किसान पिछले 19 दिन से मरण-अनशन पर बैठे हुए हैं. ना जल ग्रहण कर रहे हैं और ना ही खाना और उनका साफ तौर पर कहना है कि जब तक सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती तब तक यह इसी तरीके से मरणअनशन पर बैठे रहेंगे, फिर चाहे इन्हें अपनी जान की कुर्बानी क्यों न देनी पड़ जाए.
सिंघु बॉर्डर का नाम भी बदला जाए
पिछले एक महीने से भी ज्यादा का वक्त गुजर चुका है जहां किसान सिंघु बॉर्डर पर लेटे हुए हैं और अपनी मांगों को मनवाने की लगातार पुरजोर कोशिश किसानों की तरफ से की जा रही है. ऐसे में अब किसानों का कहना है कि सिंघु बॉर्डर का नाम बदलकर सिंह बॉर्डर कर देना चाहिए, क्योंकि यहां पर सिंह यानी शेर के तरीके से किसान हर तरह के मौसम का सामना कर रहे हैं. उनका कहना है कि जिस तरीके से किसान इतने दिनों से कड़ाके की ठंड में भी अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं. उसी वजह से सिंघु बॉर्डर का नाम सिंघु बॉर्डर की जगह सिंह बॉर्डर कर देना चाहिए.
सरकार करे मांगे पूरी
किसानों की लड़ाई को लड़ते हुए महंत जसवीर दास 19 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं और उनका साफ तौर पर कहना है कि जब तक किसान की मांगे पूरी नहीं होती तब तक सरकार से अपील करते हुए इसी तरीके से मरणअनशन पर बैठे रहेंगे.