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Ward Scan: लैंडफिल साइट बनी लोगों के लिए परेशानी, चुनाव का बहिष्कार किया

दिल्ली नगर निगम के चुनाव की घोषणा हो चुकी है. 250 वार्ड पर चुनाव होने हैं. पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हैं. इसी को लकर ईटीवी भारत कर रहा है हर वार्ड का 'वार्ड स्कैन'. बताएंगे कि वार्डों की समस्या क्या है और लोगों की सरकार से अपेक्षा क्या है. तो इस कड़ी में आज वार्ड स्कैन में जानेंगे जहांगीरपुरी वार्ड-18 का हाल.

WARD SCAN JAHANGIRPURI WARD-18
वार्ड स्कैन जहांगीरपुरी वार्ड-18
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Published : Nov 13, 2022, 2:34 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में नगर निगम (MCD Election 2022) के चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही पार्टियां अपने-अपने लेवल से तैयारियां कर रही हैं. 4 दिसंबर को वोटिंग होनी है और 7 दिसंबर को नतीजे आएंगे. ऐसे में मतदाताओं का मन जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर मतदाताओं का रुख क्या है. इस कड़ी में ईटीवी भारत ने जहांगीरपुरी वार्ड-18 (Jahangirpuri Ward 18 in Ward Scan) में लोगों से बात की और जानने की कोशिश की कि यहां के लोगों की समस्या क्या है और वह एमसीडी चुनाव को लेकर क्या सोच रखते हैं.

दिल्ली में प्रदूषण के कारण लोगों को परेशानी हो रही है. दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए एंटी डस्ट अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन प्रदूषण दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. सर्दियों में दिल्ली में स्मॉग के चलते लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यही नहीं दिल्ली के भलस्वा लैंडफिल साइट पर भी प्रदूषण के कारण लोगों को बीमारियों का डर बना हुआ है. सांस की बीमारी, आंखों में जलन जैसी परेशानियों के कारण लोग परेशान हैं.

जहांगीरपुरी वार्ड-18 के पास स्थित भलस्वा लैंडफिल साइट लोगों के लिए मूसिबत बना हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव के समय नेता वोट मांगने आते हैं और कई-कई वादे भी करते हैं, लेकिन चुनाव के बाद कोई भी हम लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए नहीं आता. भलस्वा लैंडफिल साइट के कारण हवा जहरीली होती जा रही है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर बहुत ही खतरनाक प्रभाव पड़ रहा है. छोटी सी उम्र से ही बच्चों की आंखों में दिक्कतें हो रही हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती.

वार्ड स्कैन जहांगीरपुरी वार्ड-18

ये भी पढ़ें: MCD Election 2022: AAP ने 117 उम्मीदवारों की दूसरी और आखिरी सूची जारी की

भलस्वा लैंडफिल साइट को कम करना या हटाने की जिम्मेदारी सीधे तौर पर नगर निगम का है, लेकिन नगर निगम की तरफ से कई बार दावे और वादे तो किए गए, लेकिन वह अभी भी जस के तस बनी हुई है. क्षेत्रफल में इसकी लंबाई और चौड़ाई को जरूर कुछ बढ़ा दिया गया है और ऊंचाई थोड़ी कम हुई है, लेकिन यहां से निकलने वाला प्रदूषण आसपास के कई किलोमीटर तक लोगों को प्रभावित करता है. इस के नजदीक रहने वाले लोग गंदे पानी के रिसाव के चलते कई खतरनाक बीमारियों का शिकार हो चुके हैं.

भलस्वा लैंडफिल साइट को अगर जहांगीरपुरी वार्ड नंबर-18 की सबसे बड़ी समस्या कहा जाए तो गलत नहीं होगा, क्योंकि यह केवल इस इलाके की नहीं बल्कि पूरी दिल्ली की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है. आगामी नगर निगम चुनाव (MCD Election 2022) भी आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) इसी मुद्दे पर लड़ती हुई दिखाई दे रही है. कूड़े के पहाड़ को लेकर पिछले दिनों जमकर राजनीति हुई और आरोप-प्रत्यारोप के दौर अभी भी चल रहे हैं, लेकिन इन 5 सालों में नगर निगम की तरफ से जो काम हुआ उससे जनता संतुष्ट नहीं है.

ये भी पढ़ें: गोविंदपुरी से कांग्रेसी पार्षद बीजेपी में हुए शामिल, प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने किया स्वागत

इस वार्ड से निगम पार्षद भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के विजय भगत थे जो कि डिप्टी मेयर भी रह चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी वह अपना वादा पूरा करने में नाकाम साबित हुए. हालांकि उनका कहना है कि उन्होंने ही सबसे पहले केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री तक इस मुद्दे को उठाया जिसके बाद 100 करोड़ रुपये का बजट पास हुआ, लेकिन बीच में दो साल कोरोना काल की वजह से काम नहीं होने के चलते यह अभी तक हटा नहीं. उन्होंने दावा किया कि आने वाले दो सालों में यहां का कूड़ा पूरी तरह से हटा दिया जाएगा और यहां सुंदर पार्क बनाया जाएगा.

कुल मिलाकर इस वार्ड की जनता बसपा लैंडफिल साइट को लेकर खासी नाराज दिखाई दी और उनका साफ तौर पर कहना है कि इसका सीधा असर आगामी नगर निगम चुनाव में देखने को मिल सकता है.

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नई दिल्ली: दिल्ली में नगर निगम (MCD Election 2022) के चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही पार्टियां अपने-अपने लेवल से तैयारियां कर रही हैं. 4 दिसंबर को वोटिंग होनी है और 7 दिसंबर को नतीजे आएंगे. ऐसे में मतदाताओं का मन जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर मतदाताओं का रुख क्या है. इस कड़ी में ईटीवी भारत ने जहांगीरपुरी वार्ड-18 (Jahangirpuri Ward 18 in Ward Scan) में लोगों से बात की और जानने की कोशिश की कि यहां के लोगों की समस्या क्या है और वह एमसीडी चुनाव को लेकर क्या सोच रखते हैं.

दिल्ली में प्रदूषण के कारण लोगों को परेशानी हो रही है. दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए एंटी डस्ट अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन प्रदूषण दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. सर्दियों में दिल्ली में स्मॉग के चलते लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यही नहीं दिल्ली के भलस्वा लैंडफिल साइट पर भी प्रदूषण के कारण लोगों को बीमारियों का डर बना हुआ है. सांस की बीमारी, आंखों में जलन जैसी परेशानियों के कारण लोग परेशान हैं.

जहांगीरपुरी वार्ड-18 के पास स्थित भलस्वा लैंडफिल साइट लोगों के लिए मूसिबत बना हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव के समय नेता वोट मांगने आते हैं और कई-कई वादे भी करते हैं, लेकिन चुनाव के बाद कोई भी हम लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए नहीं आता. भलस्वा लैंडफिल साइट के कारण हवा जहरीली होती जा रही है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर बहुत ही खतरनाक प्रभाव पड़ रहा है. छोटी सी उम्र से ही बच्चों की आंखों में दिक्कतें हो रही हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती.

वार्ड स्कैन जहांगीरपुरी वार्ड-18

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भलस्वा लैंडफिल साइट को कम करना या हटाने की जिम्मेदारी सीधे तौर पर नगर निगम का है, लेकिन नगर निगम की तरफ से कई बार दावे और वादे तो किए गए, लेकिन वह अभी भी जस के तस बनी हुई है. क्षेत्रफल में इसकी लंबाई और चौड़ाई को जरूर कुछ बढ़ा दिया गया है और ऊंचाई थोड़ी कम हुई है, लेकिन यहां से निकलने वाला प्रदूषण आसपास के कई किलोमीटर तक लोगों को प्रभावित करता है. इस के नजदीक रहने वाले लोग गंदे पानी के रिसाव के चलते कई खतरनाक बीमारियों का शिकार हो चुके हैं.

भलस्वा लैंडफिल साइट को अगर जहांगीरपुरी वार्ड नंबर-18 की सबसे बड़ी समस्या कहा जाए तो गलत नहीं होगा, क्योंकि यह केवल इस इलाके की नहीं बल्कि पूरी दिल्ली की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है. आगामी नगर निगम चुनाव (MCD Election 2022) भी आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) इसी मुद्दे पर लड़ती हुई दिखाई दे रही है. कूड़े के पहाड़ को लेकर पिछले दिनों जमकर राजनीति हुई और आरोप-प्रत्यारोप के दौर अभी भी चल रहे हैं, लेकिन इन 5 सालों में नगर निगम की तरफ से जो काम हुआ उससे जनता संतुष्ट नहीं है.

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इस वार्ड से निगम पार्षद भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के विजय भगत थे जो कि डिप्टी मेयर भी रह चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी वह अपना वादा पूरा करने में नाकाम साबित हुए. हालांकि उनका कहना है कि उन्होंने ही सबसे पहले केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री तक इस मुद्दे को उठाया जिसके बाद 100 करोड़ रुपये का बजट पास हुआ, लेकिन बीच में दो साल कोरोना काल की वजह से काम नहीं होने के चलते यह अभी तक हटा नहीं. उन्होंने दावा किया कि आने वाले दो सालों में यहां का कूड़ा पूरी तरह से हटा दिया जाएगा और यहां सुंदर पार्क बनाया जाएगा.

कुल मिलाकर इस वार्ड की जनता बसपा लैंडफिल साइट को लेकर खासी नाराज दिखाई दी और उनका साफ तौर पर कहना है कि इसका सीधा असर आगामी नगर निगम चुनाव में देखने को मिल सकता है.

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