नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम की बदहाल आर्थिक स्थिति के दिन खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. लगातार एक के बाद एक निगम की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. संपत्ति कर के बाद अब पार्किंग के क्षेत्र में भी उत्तरी दिल्ली नगर निगम को बड़ा झटका लगा है. आपको बता दें कि पार्किंग उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आय के सबसे बड़े स्त्रोतों में से एक है. लेकिन इस साल पहली तिमाही में उत्तरी दिल्ली नगर निगम को पार्किंग के क्षेत्र में 70 प्रतिशत तक आय का घाटा हुआ है.
पिछले 3 सालों के मुकाबले में उत्तरी दिल्ली नगर निगम को इस साल पार्किंग के क्षेत्र में सबसे कम आय प्राप्त हुई है. पिछले 3 सालों में निगम को पार्किंग के क्षेत्र से प्राप्त हुई आय का विवरण निम्न है.
साल | आय (करोड़ में) | |
1. | 2017-18 | 65.19 |
2. | 2018-19 | 70.07 |
3. | 2019-20 | 81.13 |
आय स्त्रोतों पर कोरोना की मार
निगम द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में निगम प्रशासन के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 में निगम को पार्किंग के क्षेत्र में पिछले वर्षों के मुकाबले 7.75 प्रतिशत अधिक आय प्राप्त हुई थी. वहीं वित्तीय वर्ष 2021 की पहली तिमाही में निगम को पार्किंग के क्षेत्र में जो आए प्राप्त हुई है. वह पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले महज 25 से 30 प्रतिशत है. जिससे निगम की परेशानियां बढ़ गई है. क्योंकि निगम के आय के स्त्रोतों पर लगातार कोरोना की मार पड़ रही है और निगम अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए वर्तमान में इन्ही आय के स्रोतों पर निर्भर है.
देखा जाए तो उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आर्थिक तंगी के दिन खत्म होते नजर नहीं आ रहे है. संपत्ति कर के बाद अब निगम को पार्किंग के क्षेत्र में भी बड़ा झटका लगा है. इस वर्ष की पहली तिमाही में जितनी निगम को पार्किंग के क्षेत्र से आय की उम्मीद थी. उसकी सिर्फ 30 प्रतिशत आय निगम अर्जित कर पाया है. जिसकी वजह से निगम की परेशानी कई गुना तक बढ़ गई है.