नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कुल मिलाकर करीब 11 लाख राशन कार्ड के आवेदन विचाराधीन है और लोग राशन कार्ड बनवाने के लिए पिछले 1 सालों से राशन दफ्तर और अलग-अलग संबंधित दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे, लेकिन लोगों की समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा था. लॉकडाउन के दौरान लोगों की समस्याएं और भी ज्यादा बढ़ गई. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्राथमिकता से चलाया जिसके बाद खबर का असर यह हुआ कि अब उन्हीं विचाराधीन राशन कार्ड आवेदनों में से लोगों को बिना नए आवेदन भरे हुए राशन मिलना शुरू हो गया है. सैकड़ों लोग ऐसे हैं जिन्हें ऑनलाइन टोकन मिलने के बाद वह राशन ला चुके हैं और लगातार दिन प्रतिदिन ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही हैं.
समाजसेवी हरपाल राणा ने उठाया था मुद्दा
दिल्ली के बुराड़ी विधानसभा के कादीपुर में रहने वाले समाजसेवी हरपाल राणा ने कई बार इस मुद्दे को उठाया और इन लोगों की लड़ाई लड़ने का फैसला लिया. हर बुधवार को हरपाल राणा 'हरपाल की चौपाल' चलाते हैं. यहां दिनभर में सैकड़ों लोग अपनी अपनी अलग-अलग समस्याओं को लेकर आते हैं. इन्हीं में से कुछ समस्याएं ऐसी आनी शुरू हुई जिनके राशन कार्ड आवेदन तो हो गए लेकिन महीनों तक उन पर कोई अपडेट नहीं हो रही थी. लॉकडाउन के दौरान ऐसे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि राशन और काम दोनों ना होने से लोगों को खाने-पीने तक की दिक्कत हो रही थी.
राशन मिलना शुरू
ऐसे में इस खबर को ईटीवी भारत ने प्राथमिकता से चलाया और हरपाल राणा ने कई जगहों पर पत्राचार भी किया. आखिरकार सरकार को ऐसे लोगों की समस्याओं का समाधान करना ही पड़ा और खबर का असर हुआ. साथ ही हरपाल राणा के मेहनत रंग लाई और विचाराधीन आवेदन किए हुए राशन कार्डों में से अब लोगों को बिना नया आवेदन के राशन मिलना शुरू हो गया.
ईटीवी भारत में खबर चलने के बाद अब लोगों को राशन मिलना शुरू हुआ और काम ना होने की वजह से जो लोग परेशान हो रहे थे उनके समस्याओं का भी समाधान हुआ लेकिन अभी भी कई ऐसे लोग बचे हुए हैं जिन्हें राशन मुहैया नहीं हो रहा है और उनकी लड़ाई लगातार ईटीवी भारत लड़ रहा है.