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ग्राउंड रिपोर्ट: ना टॉयलेट, ना पानी, ना महिला सुरक्षा...भलस्वा का भला कैसे होगा?

उत्तर पश्चिमी दिल्ली के भलस्वा डेयरी इलाके में महिलाएं इन दिनों बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही हैं. इलाके की महिलाओं ने बताया कि अक्सर यहां लड़कियों के साथ छेड़छाड़ होती है.

ग्राउंड रिपोर्ट: ना टॉयलेट, ना पानी, ना महिला सुरक्षा...भलस्वा का भला कैसे होगा?
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Published : May 2, 2019, 5:54 PM IST

नई दिल्ली: नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के भलस्वा इलाके में महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है, इस इलाके में छेड़छाड़ जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. महिलाओं की शिकायत है कि पुलिस भी उनकी मदद नहीं करती. ईटीवी भारत की टीम ने भलस्वा डेयरी जाकर महिलाओं की समस्याएं जानी.

उत्तर पश्चिमी दिल्ली के भलस्वा डेयरी इलाके में महिलाएं इन दिनों बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही हैं. इलाके की महिलाओं ने बताया कि अक्सर यहां लड़कियों के साथ छेड़छाड़ होती है. लड़के परेशान करते हैं, महिलाओं का ये भी कहना है कि शिकायत देने पर पुलिस सबूत मांगती है, खुद ही परेशान होकर औरतें घर बैठ जाती हैं.

ग्राउंड रिपोर्ट: ना टॉयलेट, ना पानी, ना महिला सुरक्षा...भलस्वा का भला कैसे होगा?

'घरों में नहीं है शौचालय'
महिलाओं ने बताया कि भलस्वा डेरी इलाके में 70 फीसदी घरों में शौचालय नहीं है. बस्ती के तीनों ओर सरकारी बड़े शौचालय जरूर हैं, जिसमे 20 से 25 आदमी एक समय में जा सकते हैं लेकिन करीब 6000 महिलाओं की संख्या को देखते हुए ये बहुत कम है. यहां पर महिलाओं की परेशानी बहुत ज्यादा है, कोई भी उनकी सुनने वाला नहीं हैं.

ground report of bhalasva dairy area females in trouble
इलाके में बने सार्वजनिक शौचालय

'पानी की किल्लत से जूझ रहे लोग'
पानी की समस्या भी बड़ी होती जा रही है. इलाके के लोग खारा और गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. यहां तक कि पानी खरीद कर पीना पड़ता है.

इलाके में सड़कों की समस्याएं
इस इलाके में सड़कों के लिए भी लोग परेशान हैं. भलस्वा के डंपिंग ग्राउंड में सारा दिन कूड़ा-कचरा डालते रहते हैं और रात में कूड़ा जलाया जाता है. साफ-सफाई बिल्कुल नहीं है, आलम ये है कि हर घर में एक बच्चा अस्थमा जैसी बीमारी का शिकार है.

ground report of bhalasva dairy area females in trouble
भलस्वा डेयरी इलाका

'नालियों की सफाई नहीं'
इलाके की कई अन्य महिलाओं ने बताया कि यहां 4 महीने से नालियां भी साफ नहीं हुईं हैं. बच्चों की तबियत लगातार खराब होती जा रही है. ऐसा कोई बच्चा नहीं जो पूरी तरह से स्वस्थ हो.

'कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट'
महिलाओं ने ये भी बताया कि यहां कानून व्यवस्था बिल्कुल भी नहीं है पिछले 5 साल में सांसद तो, क्या किसी नेता को नहीं देखा.
भलस्वा डेयरी इलाके में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा है कि हर दिन रिकॉर्ड तोड़ रहा है, पीने का पानी नहीं है, नालिया गंदी पड़ी हैं कोई साफ नहीं करता, महिलाओं ने साफ तौर पर कहा है कि जो हम महिलाओं के लिए काम करेगा उसी को वोट देंगे.

नई दिल्ली: नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के भलस्वा इलाके में महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है, इस इलाके में छेड़छाड़ जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. महिलाओं की शिकायत है कि पुलिस भी उनकी मदद नहीं करती. ईटीवी भारत की टीम ने भलस्वा डेयरी जाकर महिलाओं की समस्याएं जानी.

उत्तर पश्चिमी दिल्ली के भलस्वा डेयरी इलाके में महिलाएं इन दिनों बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही हैं. इलाके की महिलाओं ने बताया कि अक्सर यहां लड़कियों के साथ छेड़छाड़ होती है. लड़के परेशान करते हैं, महिलाओं का ये भी कहना है कि शिकायत देने पर पुलिस सबूत मांगती है, खुद ही परेशान होकर औरतें घर बैठ जाती हैं.

ग्राउंड रिपोर्ट: ना टॉयलेट, ना पानी, ना महिला सुरक्षा...भलस्वा का भला कैसे होगा?

'घरों में नहीं है शौचालय'
महिलाओं ने बताया कि भलस्वा डेरी इलाके में 70 फीसदी घरों में शौचालय नहीं है. बस्ती के तीनों ओर सरकारी बड़े शौचालय जरूर हैं, जिसमे 20 से 25 आदमी एक समय में जा सकते हैं लेकिन करीब 6000 महिलाओं की संख्या को देखते हुए ये बहुत कम है. यहां पर महिलाओं की परेशानी बहुत ज्यादा है, कोई भी उनकी सुनने वाला नहीं हैं.

ground report of bhalasva dairy area females in trouble
इलाके में बने सार्वजनिक शौचालय

'पानी की किल्लत से जूझ रहे लोग'
पानी की समस्या भी बड़ी होती जा रही है. इलाके के लोग खारा और गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. यहां तक कि पानी खरीद कर पीना पड़ता है.

इलाके में सड़कों की समस्याएं
इस इलाके में सड़कों के लिए भी लोग परेशान हैं. भलस्वा के डंपिंग ग्राउंड में सारा दिन कूड़ा-कचरा डालते रहते हैं और रात में कूड़ा जलाया जाता है. साफ-सफाई बिल्कुल नहीं है, आलम ये है कि हर घर में एक बच्चा अस्थमा जैसी बीमारी का शिकार है.

ground report of bhalasva dairy area females in trouble
भलस्वा डेयरी इलाका

'नालियों की सफाई नहीं'
इलाके की कई अन्य महिलाओं ने बताया कि यहां 4 महीने से नालियां भी साफ नहीं हुईं हैं. बच्चों की तबियत लगातार खराब होती जा रही है. ऐसा कोई बच्चा नहीं जो पूरी तरह से स्वस्थ हो.

'कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट'
महिलाओं ने ये भी बताया कि यहां कानून व्यवस्था बिल्कुल भी नहीं है पिछले 5 साल में सांसद तो, क्या किसी नेता को नहीं देखा.
भलस्वा डेयरी इलाके में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा है कि हर दिन रिकॉर्ड तोड़ रहा है, पीने का पानी नहीं है, नालिया गंदी पड़ी हैं कोई साफ नहीं करता, महिलाओं ने साफ तौर पर कहा है कि जो हम महिलाओं के लिए काम करेगा उसी को वोट देंगे.

Intro:भलस्वा में महिलायें नही कर रही सुरक्षित महसूस, सरेआम होती है छेड़ खानी,झुंड में लड़के करते है छेड़ खानी पुलिस भी नही करती कुछ, भलस्वा डेरी के क्षेत्र में 70 परसेंट घरो में नही है शौचालय ,पानी की समस्या है बहुत बड़ी पीने का पानी नही मिलता


Body:दिल्ली: नार्थ वेस्ट दिल्ली के भलस्वा डेरी इलाके में महिलाये बिल्कुल भी सुरक्षित महसूस नही कर रही है,छेड़छाड़ की वारदातें भी यहां बहुत बढ़ गयी है, ईटीवी भारत की टीम जब भलस्वा में ग्राउंड रियलिटी चेक करने गयी और वहां की महिलाओं से बात करके वहां की समस्याओं जे बारे में जाना तोह पता चला पानी की समस्या यहां की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है कारपोरेशन का पानी काला ओर बदबू दार आता है जिसे लिया नही जा सकता हमे मजबूरन पानी खरीद कर पीना पड़ता है , महिला सुरक्षा की बात करे तो इस क्षेत्र में महिलाएं बिल्कुल भी सुरक्षित नही है लड़के झुंड बनाकर महिलायों को छेड़ते है पुलिस में कंप्लेंट करो तो हज़ार तरह के सवाल पूछकर महिलायों को परेशान करते है उसके बाद भी कार्यवाही नही करते है, इस क्षेत्र की सामस्याएँ लगातार बढ़ती ही जा रही है सड़के नही है जो है खुदी पड़ी है ऊपर से भलस्वा का डंपिंग ग्राउंड सारा दिन मिट्टी डालते रहते है इस पर ओर रात को कूड़ा जलाते है , सांस भी लेना यहाँ मुश्किल है साफ सफाई बिल्कुल भी नही है 4 महीने तक नालिया भी साफ नही होती है इतनी शिकायत करने के बाद बड़ी मुश्किल से आते है नाली साफ करके कूद बाहर ही छोड़ जाते है उससे उठाते तक नही है , यहाँ की एक ओर समस्या भी है जो शायद ओर ज्यादा बड़ी है वो है शौचालय का नही होना 70 प्रतिशत घरो में शौचालय नही है बस्ती के तीनो ओर सरकारी बड़े शौचालय जरूर जिसमे 20 से 25 आदमी एक समय जा सकते है लेकिन करीब 6000 हज़ार महिलायों की संख्या को देखते हुए बहुत कम है,यहां पर महिलायों की परेशानी बहुत ज्यादा है कोई भी उनकी सुनने वाला नही , बच्चो की तबियत लगातार खराब होती जा रही है ऐसा कोई बच्चा नही है यहां जो पुर्णता स्वस्थ हो साफ सफाई कोई नही करता यहां पर 24 घंटे धूल उड़ती रहती है भलस्वा डंपिंग ग्राउंड में कूड़ा जलता रहता है सांस नही ले पाते है बच्चे यहां के ,कानून व्यस्था बिल्कुल भी नही है पिछले 5 साल में सांसद तोह क्या किसी भी नेता को नही देखा है हमने कोई नही आता है यहाँ


Conclusion:बहरहाल महिलायों से जितना बात करके हमे पता लगा उससे तो यही लगता है कि हालात यहां के बहुत खराब है साफ सफाई बिल्कुल भी नही है,प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा है कि रोज रिकॉर्ड तोड़ रहा है , पीने का पानी नही है नालिया गंदी पड़ी है कोई साफ नही करता ,महिलायों ने साफ तौर पर कहा है जो हम महिलायों के लिए काम करेगा उसी को वोट देंगे,
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