नई दिल्ली: नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के भलस्वा इलाके में महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है, इस इलाके में छेड़छाड़ जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. महिलाओं की शिकायत है कि पुलिस भी उनकी मदद नहीं करती. ईटीवी भारत की टीम ने भलस्वा डेयरी जाकर महिलाओं की समस्याएं जानी.
उत्तर पश्चिमी दिल्ली के भलस्वा डेयरी इलाके में महिलाएं इन दिनों बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही हैं. इलाके की महिलाओं ने बताया कि अक्सर यहां लड़कियों के साथ छेड़छाड़ होती है. लड़के परेशान करते हैं, महिलाओं का ये भी कहना है कि शिकायत देने पर पुलिस सबूत मांगती है, खुद ही परेशान होकर औरतें घर बैठ जाती हैं.
'घरों में नहीं है शौचालय'
महिलाओं ने बताया कि भलस्वा डेरी इलाके में 70 फीसदी घरों में शौचालय नहीं है. बस्ती के तीनों ओर सरकारी बड़े शौचालय जरूर हैं, जिसमे 20 से 25 आदमी एक समय में जा सकते हैं लेकिन करीब 6000 महिलाओं की संख्या को देखते हुए ये बहुत कम है. यहां पर महिलाओं की परेशानी बहुत ज्यादा है, कोई भी उनकी सुनने वाला नहीं हैं.
'पानी की किल्लत से जूझ रहे लोग'
पानी की समस्या भी बड़ी होती जा रही है. इलाके के लोग खारा और गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. यहां तक कि पानी खरीद कर पीना पड़ता है.
इलाके में सड़कों की समस्याएं
इस इलाके में सड़कों के लिए भी लोग परेशान हैं. भलस्वा के डंपिंग ग्राउंड में सारा दिन कूड़ा-कचरा डालते रहते हैं और रात में कूड़ा जलाया जाता है. साफ-सफाई बिल्कुल नहीं है, आलम ये है कि हर घर में एक बच्चा अस्थमा जैसी बीमारी का शिकार है.
'नालियों की सफाई नहीं'
इलाके की कई अन्य महिलाओं ने बताया कि यहां 4 महीने से नालियां भी साफ नहीं हुईं हैं. बच्चों की तबियत लगातार खराब होती जा रही है. ऐसा कोई बच्चा नहीं जो पूरी तरह से स्वस्थ हो.
'कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट'
महिलाओं ने ये भी बताया कि यहां कानून व्यवस्था बिल्कुल भी नहीं है पिछले 5 साल में सांसद तो, क्या किसी नेता को नहीं देखा.
भलस्वा डेयरी इलाके में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा है कि हर दिन रिकॉर्ड तोड़ रहा है, पीने का पानी नहीं है, नालिया गंदी पड़ी हैं कोई साफ नहीं करता, महिलाओं ने साफ तौर पर कहा है कि जो हम महिलाओं के लिए काम करेगा उसी को वोट देंगे.