नई दिल्ली: भोले-भाले युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर उनके साथ ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए रोहिणी जिले की साइबर पुलिस ने एक विदेशी नागरिक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. साइबर पोर्टल पर हुई एक शिकायत के बाद रोहिणी साइबर पुलिस ने ये कार्रवाई की है. पुलिस ने इनके कब्जे से 7 मोबाइल फोन, 5 डेबिट कार्ड, 5 सिम कार्ड, 2 लैपटॉप और 4 चेक बुक जब्त किए हैं.
रोहिणी जिले के डीसीपी डॉ गुरइकबाल सिंह सिद्धू ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 16 जून को एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें पीड़ित ने आरोप लगाया कि टेलीग्राम के माध्यम से उसे उबर ईट्स में अंशकालिक नौकरी की पेशकश का एक संदेश मिला. उसे पार्ट टाइम जॉब करने का प्रलोभन दिया गया था. पीड़ित को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर होटल बुक करने और दिए गए खाता संख्या में बुकिंग के लिए भुगतान करने का काम सौंपा गया था और कुछ समय बाद बुकिंग रद्द करने के लिए कहा गया था.
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पीड़ित को आश्वासन दिया गया था कि उसे अच्छे कमीशन के साथ उसकी बुकिंग राशि वापस कर दी जाएगी. पीड़ित का विश्वास जीतने के बाद, उन्होंने उसे एक ऐप का लिंक भेजा जिसमें वह यूजर आईडी के माध्यम से लॉगिन कर सकता था. शुरुआत में, उन्होंने उसे 11,000/- के बुकिंग ऑर्डर पर 7,000/- रु का कमीशन दिया गया. उसके बाद पीड़ित ने जालसाज द्वारा दिए गए लिंक के माध्यम से कई रेस्तरां के लिए ऑर्डर की बुकिंग लेना शुरू कर दिया.
इसके बाद उसे उनके ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उसके बटुए में कमीशन दिखाई दे रही थी लेकिन इसे वापस लेने में सक्षम नहीं था. पीड़ित ने इस मुद्दे के बारे में उनसे संपर्क किया, जहां उन्हें आश्वस्त किया गया कि मामला जल्द ही सुलझा लिया जाएगा और उन्हें निर्देश दिया गया कि वे बुकिंग ऑर्डर लेते रहें अन्यथा यूजर आईडी और पासवर्ड निलंबित कर दिया जाएगा और वह पैसे नहीं निकाल पाएंगे. इस पर उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी की गई है.
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. जांच के दौरान पाया गया कि कथित बैंक खाता दातार एंटरप्राइजेज के नाम पर पंजीकृत है, जिसका कार्यालय सागर अपार्टमेंट, ए.के. रोड, सूरत, गुजरात में है. बैंक खाते की जांच की गई तो केवल 3 दिन में ही करीब 4 करोड़ रुपए का लेनदेन पाया गया. टेक्निकल सर्विलांस, लोकल इनपुट और मनी ट्रेल के आधार पर आरोपियों के संचालन का स्थान मोटा वराछा, सूरत, गुजरात निर्धारित किया गया.
इसके बाद छापेमारी की गई और नसीत केयूर भरतभाई को पकड़ लिया गया. पूछताछ पर उसने खुलासा किया कि उसने अपना बैंक खाता और सिम कार्ड साहिल नामक व्यक्ति को बेच दिया था, जो खाते खरीदता था और रुपये देता था. उसकी निशानदेही पर साहिल उर्फ सयाल बिट्ठलभाई कनानी को पकड़ा गया, जिसने खुलासा किया कि वह किसी भार्गव सोजित्रा को खाते उपलब्ध कराता था, जो केवल बातचीत करने के लिए व्हाट्सएप और टेलीग्राम का उपयोग करता है. इसके बाद भार्गव मनीष कुमार सोजित्रा, नईम को भी दबोच लिया. फिल्हाल मामले की जांच जारी है और अन्य पीड़ितों की पहचान की जा रही है.
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