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किसान आंदोलन: 13वें दिन भी सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान, कहा- नहीं जाएंगे वापस - सिंघु बॉर्डर पर किसानों का डेरा

राजधानी के सिंघु बॉर्डर पर किसान पिछले 13 दिनों से अपनी मांगो को लेकर डटे हुए हैं. 13वें दिन भी किसानों के हौसले नजर आ रहे हैं और उनका हौसला बरकरार है. किसानों का कहना है चाहे कितने भी दिन लग जाएं, लेकिन वह अपनी मांगों को मनवा करके ही पीछे जाएंगे.

Farmers still hanging on the Singhu border on the 13th day
13वें दिन भी सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान
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Published : Dec 8, 2020, 7:36 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर 13वें दिन भी किसान डटे हुए हैं और आज भारत बंद के साथ-साथ यहां किसानों के उत्साह में भी कमी नहीं है. किसानों का कहना है कि मोदी सरकार को तीनों कानून वापस लेने होंगे वरना वह पीछे हटने वाले नहीं हैं. सिंघु बॉर्डर से किसान केंद्र सरकार को सीधी चुनौती दे रहे हैं. किसानों का कहना है कि वह 6 महीने का अपना राशन और प्रबंध करके आए थे लेकिन उन्हें अपना राशन और प्रबंध छूना तक नहीं पड़ा. दिल्ली और आसपास के लोग उनके सेवा में जुटे हैं किसी भी चीज की कमी नहीं है.

13वें दिन भी सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान

देश के अलग-अलग जगहों से मिल रहा है समर्थन

किसानों ने कहा कि देश के लगभग हर बड़े आंदोलन में सिख समुदाय का बड़ा अहम योगदान रहा है और केंद्र सरकार किसानों की बात को तवज्जो ना दे कर बड़ी भूल कर रही है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी हाल में बिना जीत हासिल किए किसान वापस जाने वाले नहीं हैं. समय के साथ देश के हर कोने से किसान आंदोलन को समर्थन मिल रहा है और लगातार किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है.

मांगें नहीं मानी तो सरकार को होंगी और दिक्कतें

किसानों ने आज भारत बंद का ऐलान किया था उसका भी मिलाजुला असर देखने को मिला है. किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो आने वाले समय में सरकार को और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. आप सभी की निगाहें कल होने वाली मीटिंग पर टिकी हुई हैं कि कल मीटिंग में क्या कुछ फैसला निकल के सामने आता है.

नई दिल्ली: दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर 13वें दिन भी किसान डटे हुए हैं और आज भारत बंद के साथ-साथ यहां किसानों के उत्साह में भी कमी नहीं है. किसानों का कहना है कि मोदी सरकार को तीनों कानून वापस लेने होंगे वरना वह पीछे हटने वाले नहीं हैं. सिंघु बॉर्डर से किसान केंद्र सरकार को सीधी चुनौती दे रहे हैं. किसानों का कहना है कि वह 6 महीने का अपना राशन और प्रबंध करके आए थे लेकिन उन्हें अपना राशन और प्रबंध छूना तक नहीं पड़ा. दिल्ली और आसपास के लोग उनके सेवा में जुटे हैं किसी भी चीज की कमी नहीं है.

13वें दिन भी सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान

देश के अलग-अलग जगहों से मिल रहा है समर्थन

किसानों ने कहा कि देश के लगभग हर बड़े आंदोलन में सिख समुदाय का बड़ा अहम योगदान रहा है और केंद्र सरकार किसानों की बात को तवज्जो ना दे कर बड़ी भूल कर रही है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी हाल में बिना जीत हासिल किए किसान वापस जाने वाले नहीं हैं. समय के साथ देश के हर कोने से किसान आंदोलन को समर्थन मिल रहा है और लगातार किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है.

मांगें नहीं मानी तो सरकार को होंगी और दिक्कतें

किसानों ने आज भारत बंद का ऐलान किया था उसका भी मिलाजुला असर देखने को मिला है. किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो आने वाले समय में सरकार को और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. आप सभी की निगाहें कल होने वाली मीटिंग पर टिकी हुई हैं कि कल मीटिंग में क्या कुछ फैसला निकल के सामने आता है.

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