ETV Bharat / state

Budget 2023: आम बजट से दिल्ली के किसान असंतुष्ट, जानिए वजह

author img

By

Published : Feb 1, 2023, 3:54 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री ने एग्रीकल्चर सेक्टर (Agriculture Budget) से जुड़े कई ऐलान किए है. उन्होंने बजट पेश करने के दौरान कहा कि एक्सीलेटर फंड से एग्री स्टार्टअप बढ़ेंगे. इससे किसानों को मदद मिलेगी और उन्हें चुनौतियों का सामना करने में आसानी रहेगी. इससे उत्पादकता बढ़ेगी. बावजूद इसके दिल्ली के किसान नाखुश दिखे.

आम बजट से दिल्ली के किसान असंतुष्ट
आम बजट से दिल्ली के किसान असंतुष्ट
आम बजट से दिल्ली के किसान असंतुष्ट

नई दिल्ली: मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने पेश कर दिया. वित्त मंत्री ने 2024 में आम चुनाव को देखते हुए किसानों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कई कदम उठाए हैं. इस बार के बजट में पीएम मत्स्य योजना की शुरुआत करने की घोषणा की गई. बावजूद इसके दिल्ली के किसानों की इस बजट से उम्मीदें टूटी है. किसानों का कहना है राजधानी के छोटे किसानों को नई योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा.

देश में आज आम बजट पेश किया गया. सभी लोगों को इस बजट से बड़ी उम्मीदें थी. ऐसे ही उम्मीद दिल्ली के किसान भी लगाए हुए थे, लेकिन जब बजट पेश हुआ तो दिल्ली में खेती करने वाले किसानों की उम्मीदें चकनाचूर हो गई. दरअसल, आम बजट में किसानों को लेकर कई योजनाएं और यहां तक की किसान को डिजिटल तरीके से जोड़ने और डिजिटल ट्रेनिंग देने तक की बातें कही है. आम बजट में मोटे अनाज को बढ़ावा देने, बाघ वाणी योजना के तहत फंड देने की भी बात कही गई. ऐसे में राजधानी के पल्ला, बुराड़ी, बख्तावरपुर जैसे इलाकों में किसानों का कहना है कि इस तरीके की योजनाओं का उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा.

दिल्ली के किसानों का कहना है कि सरकार उन्हें किसान मानती ही नहीं हैं? प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के समय जब कोई नुकसान होता है तो उस वक्त मुआवजे की रकम किसानों को नहीं मिल पाती है. किसानों ने मांग की कि डीजल ट्रेनिंग और बागवानी को बढ़ावा देने के बजाय अगर उन्हें किसानी का दर्जा देते हुए समय-समय पर मुआवजा, बिजली में सब्सिडी जैसी सुविधाएं दी जाती तो उनकी उम्मीदें भी पूरी होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कुल मिलाकर छोटे किसानों को बजट से जो उम्मीदें थी वो पूरी नहीं हुई.

ये भी पढ़े: Budget 2023 : बढ़ेगा रोजगार, स्टार्ट अप को लेकर की गई घोषणाएं, कृषि ऋण को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा

क्या है किसानों की श्रेणी: कृषि मंत्रालय के अनुसार सीमांत किसान (Marginal) जिनके पास एक हेक्टेर से कम जमीन है. वहीं छोटा किसान उन्हें माना जाता है जिनके पास 1-1.99 हेक्टेयर जमीन हो. सेमी मीडियम किसान की श्रेणी में 4- 9.99 हेक्टेयर जमीन वाले किसानों को रखा जाता है. वहीं, 10 हेक्टेयर या उससे अधिक जोत वाले किसानों को बड़े किसान की श्रेणी में रखा गया है. नाबार्ड की ओर से 2017 में जारी रिपोर्ट के अनुसार किसानों की मासिक आय 8,931 रुपए है. मोदी सरकार लगातार काम कर रही है.

ये भी पढ़े: Budget 2023 Income Tax : 7 लाख रुपए की इनकम पर अब कोई टैक्स नहीं

ये भी पढ़े: Budget 2023 Live: आम बजट 2023 पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया !

आम बजट से दिल्ली के किसान असंतुष्ट

नई दिल्ली: मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने पेश कर दिया. वित्त मंत्री ने 2024 में आम चुनाव को देखते हुए किसानों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कई कदम उठाए हैं. इस बार के बजट में पीएम मत्स्य योजना की शुरुआत करने की घोषणा की गई. बावजूद इसके दिल्ली के किसानों की इस बजट से उम्मीदें टूटी है. किसानों का कहना है राजधानी के छोटे किसानों को नई योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा.

देश में आज आम बजट पेश किया गया. सभी लोगों को इस बजट से बड़ी उम्मीदें थी. ऐसे ही उम्मीद दिल्ली के किसान भी लगाए हुए थे, लेकिन जब बजट पेश हुआ तो दिल्ली में खेती करने वाले किसानों की उम्मीदें चकनाचूर हो गई. दरअसल, आम बजट में किसानों को लेकर कई योजनाएं और यहां तक की किसान को डिजिटल तरीके से जोड़ने और डिजिटल ट्रेनिंग देने तक की बातें कही है. आम बजट में मोटे अनाज को बढ़ावा देने, बाघ वाणी योजना के तहत फंड देने की भी बात कही गई. ऐसे में राजधानी के पल्ला, बुराड़ी, बख्तावरपुर जैसे इलाकों में किसानों का कहना है कि इस तरीके की योजनाओं का उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा.

दिल्ली के किसानों का कहना है कि सरकार उन्हें किसान मानती ही नहीं हैं? प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के समय जब कोई नुकसान होता है तो उस वक्त मुआवजे की रकम किसानों को नहीं मिल पाती है. किसानों ने मांग की कि डीजल ट्रेनिंग और बागवानी को बढ़ावा देने के बजाय अगर उन्हें किसानी का दर्जा देते हुए समय-समय पर मुआवजा, बिजली में सब्सिडी जैसी सुविधाएं दी जाती तो उनकी उम्मीदें भी पूरी होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कुल मिलाकर छोटे किसानों को बजट से जो उम्मीदें थी वो पूरी नहीं हुई.

ये भी पढ़े: Budget 2023 : बढ़ेगा रोजगार, स्टार्ट अप को लेकर की गई घोषणाएं, कृषि ऋण को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा

क्या है किसानों की श्रेणी: कृषि मंत्रालय के अनुसार सीमांत किसान (Marginal) जिनके पास एक हेक्टेर से कम जमीन है. वहीं छोटा किसान उन्हें माना जाता है जिनके पास 1-1.99 हेक्टेयर जमीन हो. सेमी मीडियम किसान की श्रेणी में 4- 9.99 हेक्टेयर जमीन वाले किसानों को रखा जाता है. वहीं, 10 हेक्टेयर या उससे अधिक जोत वाले किसानों को बड़े किसान की श्रेणी में रखा गया है. नाबार्ड की ओर से 2017 में जारी रिपोर्ट के अनुसार किसानों की मासिक आय 8,931 रुपए है. मोदी सरकार लगातार काम कर रही है.

ये भी पढ़े: Budget 2023 Income Tax : 7 लाख रुपए की इनकम पर अब कोई टैक्स नहीं

ये भी पढ़े: Budget 2023 Live: आम बजट 2023 पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया !

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.