नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को एक ऐसी दर्दनाक खबर सामने आई कि जिसने भी उस खबर को सुना उसकी आंखों से आंसू निकल आए. रविवार सुबह फिल्मीस्तान में स्थित अनाज मंडी की एक फैक्ट्री में भीषण आग लगी. जिसमें 43 लोगों ने अपनी जान गंवा दी और 63 लोग भी इस भीषण अग्निकांड में बुरी तरह से झुलस गए. दिल्ली दमकल विभाग के मुताबिक पिछले 25 सालों में राजधानी दिल्ली में हुआ ये सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन था.
मृतकों के परिजनों ने मांगा इंसाफ
मृतकों के पीड़ित परिवार वालों ने जब ईटीवी भारत की टीम से बातचीत की तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस दर्दनाक हादसे के लिए जो भी दोषी है, उसे सजा मिलनी चाहिए. हम लोगों ने अपने परिवार के लोग खोए हैं, जिनकी कमी पूरी नहीं की जा सकती.
'उम्मीद नहीं थी कि होगा ऐसा हादसा'
ईटीवी भारत की टीम ने जब पीड़ित परिवार के लोगों से लेडी हार्डिंग अस्पताल में बातचीत की तो सभी लोगों ने कहा कि हम लोग फोन पर भी बात करते थे, मिलने भी जाते थे. लेकिन कभी भी ऐसा नहीं लगा कि इस प्रकार का हादसा यहां हो सकता है
ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश और बिहार के
दिल्ली अग्निकांड में मरने वाले 43 लोगों में से अधिकतर संख्या उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों की थी. जो काम की तलाश में राजधानी दिल्ली आए थे.और इस फैक्ट्री के अंदर मजदूरी कर रहे थे.सबसे ज्यादा लोग बिहार के बेगूसराय दरभंगा जिले से और उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से इस फैक्ट्री में काम करने आते थे।
महज 12 साल की उम्र में मोहम्मद आदिल ने गंवाई अपनी जान
महज 12 साल का मोहम्मद आदिल जिसे भीषण अग्निकांड में अपनी जान गंवानी पड़ी. वो इस फैक्ट्री में अपने परिवार के कुछ लोगों के साथ रहता था, और यहां पर वो पढ़ाई करने आया था. आदिल सरकारी स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ता था. वो मदरसे में उर्दू की शिक्षा लेने के साथ अलग से कोचिंग भी जाता था. उसका पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बनने का सपना था.
दिल्ली में हुए भीषण अग्निकांड में 43 लोगों को अपनी जान से गंवानी पड़ी और इसके ऊपर पुरजोर तरीके से राजनीति भी हो रही है. सभी राजनेता एक दूसरे के ऊपर इसका ठीकरा फोड़ रहे हैं. वहीं विधानसभा चुनाव से पहले इस पूरे हादसे को एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने का प्रयास किया जा रहा है.