नई दिल्ली: उत्तरी पश्चिमी जिले की साइबर पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 4 महिलाओं सहित 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार. इस कॉल सेंटर से ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यू कराने और डिस्काउंट रेट पर पासपोर्ट बनाने का झांसा दिया जाता था. छापेमारी के दौरान पुलिस ने 20 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, 5 एटीएम कार्ड और कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं. बीते छह महीनों में आरोपियों ने करीब 300 निर्दोष लोगों के साथ ठगी की है.
जानकारी के अनुसार उत्तर पश्चिमी जिला पुलिस के साइबर पुलिस स्टेशन ने एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया गया जो कि ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट को कम दामों में बनाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. पुलिस ने इस गैंग के 6 लोगों को गिरफ्तार किया. जिसमें 4 महिलाएं भी शामिल है. पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह पिछले 6 महीने में 300 से ज्यादा लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना चुका हैं.
पुलिस ने मीडिया को जानकारी साझा करते हुए बताया कि शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यू कराने के लिए एक कॉल आया. जिसके लिए उनसे 75 सौ मांगे गए. शिकायतकर्ता ने बताए गए बैंक अकाउंट में पैसे जमा भी कर दिए लेकिन उनका ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू नहीं हुआ. जिसके बाद पीड़ित ने आरोपी व्यक्तियों को फोन किया तो उनका फोन कॉल नहीं उठाया.
इसके बाद शिकायतकर्ता ने जब अपना बैंक अकाउंट चेक किया तो पता चला कि 75 सौ का पेमेंट खाते से काट चुका है. शिकायतकर्ता को जब ज्ञात हुआ कि उनके साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है तो पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर पुलिस को आरोपी की लोकेशन की जानकारी मिल गई.
जिसके आधार पर पुलिस ने मीरा बाग पश्चिम विहार में छापेमारी की. इस दौरान 6 लोगों को गिरफ्तार किया जिनकी पहचान मनीष अरोड़ा, राजा हुसैन, सोनिया कौर, रूपाली कोहली, मीनू कोहली और गीता के रूप में हुई है. मनीष अरोड़ा मुख्य आरोपी है, जोकि भोले-भाले लोगों के साथ धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देता था. फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ में जुटी है.
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