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DU एडमिशन: EWS-OBC की फीस पर घमासान, सड़कों पर उतरे कई छात्र संगठन - ganesh pathak

प्रदर्शनकारी संगठन बढ़ी हुई फीस को लेकर नाराजगी जता रहे हैं. इनका कहना है कि OBC और EWS के लिए दाखिला मानक लगभग एक जैसा है तो दोनों श्रेणियों के आवेदन शुल्क में इतना अंतर क्यों रखा गया है.

सड़कों पर उतरे छात्र संगठन
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Published : Jun 12, 2019, 1:44 AM IST

Updated : Jun 12, 2019, 3:33 PM IST

नई दिल्ली: डीयू में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम के लिए एडमिशन प्रक्रिया चल रही है, लेकिन दाखिला प्रक्रिया में छात्रों की मदद करने की बजाय आइसा, केवाईएस, एसएफआई और लेफ्ट के अन्य संगठनों ने एडमिशन में अनियमितता को लेकर आर्ट्स फैकल्टी पर प्रदर्शन किया.

प्रदर्शनकारी छात्रों ने रखी अपनी मांग

प्रदर्शनकारी संगठन बढ़ी हुई फीस को लेकर नाराजगी जता रहे हैं, इनका कहना है कि OBC और EWS के लिए दाखिला मानक लगभग एक जैसा है तो दोनों श्रेणियों के आवेदन शुल्क में इतना अंतर क्यों रखा गया है.

छात्र संगठनों की शिकायत है कि डीयू में पोस्ट ग्रेएजुशन कोर्स के लिए OBC कैटेगिरी की फीस जनरल कैटेगिरी जितनी ही रखी गई है, जबकि EWS की फीस कम रखी गई है. ऐसे में दो कैटेगिरी EWS और OBC दोनों के बीच मतभेद हो सकते हैं.

'अपनी गलती माने DU'

वहीं प्रदर्शनकारी KYS संगठन का कहना है कि जब EWS और OBC दोनों के लिए इनकम कैटिगिरी एक जैसी है तो फीस एक जैसी क्यों नहीं है.

बता दें कि ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत आवेदन करने वाले छात्रों को आवेदन शुल्क 300 रुपए जबकि ओबीसी कोटे के तहत आवेदन करने वाले छात्रों को 750 रुपए देना होगा. इसी का छात्र संगठन विरोध कर रहे हैं और प्रशासन से दोनों श्रेणियों के लिए आवेदन शुल्क एक समान करने की मांग कर रहे हैं.

वहीं प्रदर्शन कर रहे केवाईएस कार्यकर्ता हरीश गौतम ने बताया कि ईडब्ल्यूएस और ओबीसी श्रेणी के लिए मानक लगभग सामान है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने दाखिले के लिए इन दोनों श्रेणियों के लिए अलग आवेदन शुल्क रखा है जो कि पूरी तरह गलत है.

उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि दोनों श्रेणियों का आवेदन शुल्क एक समान करना होगा नहीं तो ये प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि छात्रों से फॉर्म भरवाने के दौरान जो शुल्क लिया जा रहा है वो भी पूरी तरह गलत है और इसे प्रशासन को वापस लेना होगा.

हरीश ने कहा कि छात्रों को फॉर्म में सुधार करने के लिए प्रशासन को एक मौका देना चाहिए क्योंकि कई बार छात्र फॉर्म भरते समय छोटी-छोटी गलतियां कर बैठते हैं. वहीं डीयू प्रशासन फॉर्म में सुधार करने के नाम पर छात्रों से पैसे की मांग कर रहा है जो कि गलत है.

ews obc fees conflict du students doing protest
समान फीस के लिए प्रदर्शन करते छात्र संगठन

वहीं हरीश गौतम ने ये भी कहा कि विश्वविद्यालय स्नातक समेत तमाम पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा आयोजित करवा रहा है लेकिन वो प्रवेश परीक्षा पूरी तरह अंग्रेजी माध्यम में होनी सुनिश्चित की गई है जिससे उन छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा जो दूरदराज गांव से दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने का सपना देख रहे हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से हिंदी में भी दाखिला परीक्षा लेने की मांग की ताकि वो छात्र भी आसानी से परीक्षा दे सकें जो हिन्दी भाषी इलाकों से आए हैं.

इसके अलावा AISA के कार्यकर्ता अमरजीत सिंह ने कहा कि डीन स्टूडेंट वेलफेयर से पिछले दिनों भी ओबीसी और ईडब्ल्यूएस कोटे के दाखिला शुल्क में अंतर को लेकर मुलाकात की थी लेकिन केवल नकारात्मक जवाब ही मिला था.

उन्होंने कहा कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन इन दोनों श्रेणियों का दाखिला शुल्क सामान नहीं करेगा यह प्रदर्शन यूं ही जारी रहेगा इसके लिए चाहे वाइस चांसलर का घेराव ही क्यों न करना पड़े. छात्र अब हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है. वही अपनी इन्हीं मांगों को लेकर उन्होंने डीन स्टूडेंट वेलफेयर को एक ज्ञापन भी सौंपा है.

नई दिल्ली: डीयू में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम के लिए एडमिशन प्रक्रिया चल रही है, लेकिन दाखिला प्रक्रिया में छात्रों की मदद करने की बजाय आइसा, केवाईएस, एसएफआई और लेफ्ट के अन्य संगठनों ने एडमिशन में अनियमितता को लेकर आर्ट्स फैकल्टी पर प्रदर्शन किया.

प्रदर्शनकारी छात्रों ने रखी अपनी मांग

प्रदर्शनकारी संगठन बढ़ी हुई फीस को लेकर नाराजगी जता रहे हैं, इनका कहना है कि OBC और EWS के लिए दाखिला मानक लगभग एक जैसा है तो दोनों श्रेणियों के आवेदन शुल्क में इतना अंतर क्यों रखा गया है.

छात्र संगठनों की शिकायत है कि डीयू में पोस्ट ग्रेएजुशन कोर्स के लिए OBC कैटेगिरी की फीस जनरल कैटेगिरी जितनी ही रखी गई है, जबकि EWS की फीस कम रखी गई है. ऐसे में दो कैटेगिरी EWS और OBC दोनों के बीच मतभेद हो सकते हैं.

'अपनी गलती माने DU'

वहीं प्रदर्शनकारी KYS संगठन का कहना है कि जब EWS और OBC दोनों के लिए इनकम कैटिगिरी एक जैसी है तो फीस एक जैसी क्यों नहीं है.

बता दें कि ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत आवेदन करने वाले छात्रों को आवेदन शुल्क 300 रुपए जबकि ओबीसी कोटे के तहत आवेदन करने वाले छात्रों को 750 रुपए देना होगा. इसी का छात्र संगठन विरोध कर रहे हैं और प्रशासन से दोनों श्रेणियों के लिए आवेदन शुल्क एक समान करने की मांग कर रहे हैं.

वहीं प्रदर्शन कर रहे केवाईएस कार्यकर्ता हरीश गौतम ने बताया कि ईडब्ल्यूएस और ओबीसी श्रेणी के लिए मानक लगभग सामान है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने दाखिले के लिए इन दोनों श्रेणियों के लिए अलग आवेदन शुल्क रखा है जो कि पूरी तरह गलत है.

उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि दोनों श्रेणियों का आवेदन शुल्क एक समान करना होगा नहीं तो ये प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि छात्रों से फॉर्म भरवाने के दौरान जो शुल्क लिया जा रहा है वो भी पूरी तरह गलत है और इसे प्रशासन को वापस लेना होगा.

हरीश ने कहा कि छात्रों को फॉर्म में सुधार करने के लिए प्रशासन को एक मौका देना चाहिए क्योंकि कई बार छात्र फॉर्म भरते समय छोटी-छोटी गलतियां कर बैठते हैं. वहीं डीयू प्रशासन फॉर्म में सुधार करने के नाम पर छात्रों से पैसे की मांग कर रहा है जो कि गलत है.

ews obc fees conflict du students doing protest
समान फीस के लिए प्रदर्शन करते छात्र संगठन

वहीं हरीश गौतम ने ये भी कहा कि विश्वविद्यालय स्नातक समेत तमाम पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा आयोजित करवा रहा है लेकिन वो प्रवेश परीक्षा पूरी तरह अंग्रेजी माध्यम में होनी सुनिश्चित की गई है जिससे उन छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा जो दूरदराज गांव से दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने का सपना देख रहे हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से हिंदी में भी दाखिला परीक्षा लेने की मांग की ताकि वो छात्र भी आसानी से परीक्षा दे सकें जो हिन्दी भाषी इलाकों से आए हैं.

इसके अलावा AISA के कार्यकर्ता अमरजीत सिंह ने कहा कि डीन स्टूडेंट वेलफेयर से पिछले दिनों भी ओबीसी और ईडब्ल्यूएस कोटे के दाखिला शुल्क में अंतर को लेकर मुलाकात की थी लेकिन केवल नकारात्मक जवाब ही मिला था.

उन्होंने कहा कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन इन दोनों श्रेणियों का दाखिला शुल्क सामान नहीं करेगा यह प्रदर्शन यूं ही जारी रहेगा इसके लिए चाहे वाइस चांसलर का घेराव ही क्यों न करना पड़े. छात्र अब हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है. वही अपनी इन्हीं मांगों को लेकर उन्होंने डीन स्टूडेंट वेलफेयर को एक ज्ञापन भी सौंपा है.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय

दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2019 - 20 के लिए दाखिला प्रक्रिया चल रही है. वहीं आइसा, केवाईएस, एसएफआई और लेफ्ट के अन्य संगठनों ने साथ मिलकर डीयू में एडमिशन में अनियमितता को लेकर आर्ट्स फैकेल्टी पर प्रदर्शन किया. वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के लिए दाखिला मानक लगभग एक जैसा है तो दोनों श्रेणियों के आवेदन शुल्क में इतना अंतर क्यों रखा गया है. बता दें कि ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत आवेदन करने वाले छात्रों को आवेदन शुल्क 300 रुपए जबकि ओबीसी कोटे के तहत आवेदन करने वाले छात्रों को 750 रुपए देना होगा. इसी का छात्र संगठन विरोध कर रहे हैं और प्रशासन से दोनों श्रेणियों के लिए आवेदन शुल्क एक समान करने की मांग कर रहे हैं.






Body:वहीं प्रदर्शन कर रहे केवाईएस कार्यकर्ता हरीश गौतम ने बताया कि ईडब्ल्यूएस और ओबीसी श्रेणी के लिए मानक लगभग सामान है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने दाखिले के लिए इन दोनों श्रेणियों के लिए अलग आवेदन शुल्क रखा है जो कि पूरी तरह गलत है. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि दोनों श्रेणियों का आवेदन शुल्क एक समान करना होगा वरना प्रदर्शन बदस्तूर जारी रहेगा. साथ ही कहा कि छात्रों से फॉर्म एडिट करने के दौरान जो शुल्क लिया जा रहा है वह भी पूरी तरह गलत है और इसे प्रशासन को वापस लेना होगा. हरीश ने कहा कि छात्रों को फॉर्म में सुधार करने के लिए प्रशासन को एक मौका देना चाहिए क्योंकि कई बार छात्र फॉर्म भरते समय छोटी-छोटी गलतियां कर बैठते हैं. वहीं डीयू प्रशासन फॉर्म में सुधार करने के नाम पर छात्रों से पैसे की मांग कर रहा है जो कि गलत है.

वहीं हरीश गौतम ने कहा कि विश्वविद्यालय स्नातक सहित तमाम पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा आयोजित करवा रहा है लेकिन वह प्रवेश परीक्षा पूरी तरह अंग्रेजी माध्यम में होनी सुनिश्चित की गई है जिससे उन छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा जो दूरदराज गांव से दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने का सपना देख रहे होंगे. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से हिंदी में भी दाखिला परीक्षा लेने की मांग की जिससे कि वह छात्र भी आसानी से परीक्षा दे सकें.

इसके अलावा आयशा के कार्यकर्ता अमरजीत सिंह ने कहा कि डीन स्टूडेंट वेलफेयर से पिछले दिनों भी ओबीसी और ईडब्ल्यूएस कोटे के दाखिला शुल्क में अंतर को लेकर मुलाकात की थी लेकिन केवल नकारात्मक जवाब ही मिला था. उन्होंने कहा कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन इन दोनों श्रेणियों का दाखिला शुल्क सामान नहीं करेगा यह प्रदर्शन यूं ही जारी रहेगा इसके लिए चाहे वाइस चांसलर का घेराव ही क्यों न करना पड़े. छात्र अब हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है. वही अपनी इन्हीं मांगों को लेकर उन्होंने डीन स्टूडेंट वेलफेयर को एक ज्ञापन भी सौंपा है.


Conclusion:
Last Updated : Jun 12, 2019, 3:33 PM IST
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