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मनी लॉड्रिंग मामले में वीवो कंपनी के तीन अधिकारियों की ईडी हिरासत दो दिन बढ़ी, जानें क्या है आरोप

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 26, 2023, 8:46 PM IST

Money Laundering Case: मनी लॉड्रिंग केस में गिरफ्तार चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो के तीन अधिकारियों की हिरासत कोर्ट ने दो दिन के लिए बढ़ा दी. कंपनी पर टैक्स बचाने के लिए पैसा भारत से चीन ट्रांसफर करने का आरोप है.

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नई दिल्लीः दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों की हिरासत दो दिन और बढ़ा दिया है. एडिशनल सेशंस जज अपर्णा स्वामी ने वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ हांग शुकुआन ऊर्फ टेरी, सीएफओ हरिंदर दहिया और कंसल्टेंट हेमंत मुंजाल की ईडी हिरासत बढ़ाने का आदेश दिया. कोर्ट ने 23 दिसंबर को तीनों को हिरासत में भेजा था.

20 दिसंबर को कोर्ट ने ईडी की ओर से चार्जशीट दाखिल पर संज्ञान लिया था. एडिशनल सेशंस जज किरण गुप्ता ने इस मामले के चार आरोपियों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी कर 19 फरवरी 2024 को पेश होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने आरोपियों हरि ओम राय, नितिन गर्ग, राजन मलिक और गोंगवेन कुआंग को पेश होने का आदेश दिया था. चारों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.

  • VIDEO | Chinese smartphone company Vivo’s top executive, Hong Xuquan alias Terry (VIVO India Interim CEO), Harinder Dahiya (CFO) & Hemant Munjal (Consultant) were produced before Patiala House Court earlier today in connection with the money laundering case.

    The court extended… pic.twitter.com/hcq5vadoew

    — Press Trust of India (@PTI_News) December 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ईडी ने 7 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में वीवो के मैनेजिंग डायरेक्टर हरि ओम राय समेत उन चार लोगों को आरोपी बनाया है, जिन्हें 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने इहरिओम राय, चीनी नागरिक गोंगवेन कुआंग, सीए नितिन गर्ग और राजन मलिक के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी बनाया है.

यह भी पढ़ेंः मनी लॉड्रिंग मामले में चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो के खिलाफ ED की चार्जशीट, टैक्स बचाने के लिए देश से बाहर भेजा पैसा

ईडी के मुताबिक, वीवो इंडिया ने गलत तरीके से धन हासिल किया, जो भारत की आर्थिक संप्रभुता के लिए खतरा है. ED ने वीवो और उससे जुड़े लोगों पर जुलाई 2022 देश भर के 48 स्थानों पर छापा मारा था. वीवो कंपनी से जुड़ी 23 कंपनियों पर भी छापा मारा था. जांच एजेंसी का दावा है कि छापे के दौरान मनी लॉड्रिंग के बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ था. इस मामले में कई चीनी नागरिक और भारतीय कंपनियां शामिल हैं. करीब 62,476 करोड़ रुपये की रकम वीवो ने गैरकानूनी रूप से चीन ट्रांसफर किए थे. ये रकम भारत में टैक्स से बचने के लिए चीन ट्रांसफर किए गए थे.

यह भी पढ़ेंः 25 वर्षों तक एक-दूसरे को गाली देने वाले आज निजी फायदे के लिए एकजुट हो गए: हरमीत सिंह कालका

नई दिल्लीः दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों की हिरासत दो दिन और बढ़ा दिया है. एडिशनल सेशंस जज अपर्णा स्वामी ने वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ हांग शुकुआन ऊर्फ टेरी, सीएफओ हरिंदर दहिया और कंसल्टेंट हेमंत मुंजाल की ईडी हिरासत बढ़ाने का आदेश दिया. कोर्ट ने 23 दिसंबर को तीनों को हिरासत में भेजा था.

20 दिसंबर को कोर्ट ने ईडी की ओर से चार्जशीट दाखिल पर संज्ञान लिया था. एडिशनल सेशंस जज किरण गुप्ता ने इस मामले के चार आरोपियों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी कर 19 फरवरी 2024 को पेश होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने आरोपियों हरि ओम राय, नितिन गर्ग, राजन मलिक और गोंगवेन कुआंग को पेश होने का आदेश दिया था. चारों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.

  • VIDEO | Chinese smartphone company Vivo’s top executive, Hong Xuquan alias Terry (VIVO India Interim CEO), Harinder Dahiya (CFO) & Hemant Munjal (Consultant) were produced before Patiala House Court earlier today in connection with the money laundering case.

    The court extended… pic.twitter.com/hcq5vadoew

    — Press Trust of India (@PTI_News) December 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ईडी ने 7 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में वीवो के मैनेजिंग डायरेक्टर हरि ओम राय समेत उन चार लोगों को आरोपी बनाया है, जिन्हें 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने इहरिओम राय, चीनी नागरिक गोंगवेन कुआंग, सीए नितिन गर्ग और राजन मलिक के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी बनाया है.

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ईडी के मुताबिक, वीवो इंडिया ने गलत तरीके से धन हासिल किया, जो भारत की आर्थिक संप्रभुता के लिए खतरा है. ED ने वीवो और उससे जुड़े लोगों पर जुलाई 2022 देश भर के 48 स्थानों पर छापा मारा था. वीवो कंपनी से जुड़ी 23 कंपनियों पर भी छापा मारा था. जांच एजेंसी का दावा है कि छापे के दौरान मनी लॉड्रिंग के बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ था. इस मामले में कई चीनी नागरिक और भारतीय कंपनियां शामिल हैं. करीब 62,476 करोड़ रुपये की रकम वीवो ने गैरकानूनी रूप से चीन ट्रांसफर किए थे. ये रकम भारत में टैक्स से बचने के लिए चीन ट्रांसफर किए गए थे.

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