नई दिल्ली: राजधानी के बुराड़ी इलाके में शनिवार को गर्भवती महिला को हिंदूराव अस्पताल ले जा रहा ई-रिक्शा जाम में फंस गया, जिससे महिला के पति ने उसे पास के एक निजी अस्पताल में भर्ति कराया. यहां महिला ने बच्चे को जन्म दिया. लेकिन डॉक्टरों ने स्थिति को देखते हुए इलाज का लंबा चौड़ा बिल बना दिया.
निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला की डिलीवरी के लिए 40 हजार रुपये का बिल बनाया. महिला का पति, जो कि बुराड़ी लेबर चौक पर बेलदारी का काम का करता है, बिल देखकर परेशान हो गया और उसने कहा कि वह अस्पताल में छह हजार रुपये जमा कर अपनी पत्नी को ले जाना चाहता और बाकि के पैसे वह बाद में चुका देगा. हालांकि ऐसा करने से अस्पताल ने महिला को डिस्चार्ज करने से इनकार कर दिया.
यह बात बुराड़ी हॉस्पिटल के प्रतिनिधि असित कुमार को पता लगते ही वह मौके पर पहुंचे और मामले को सुलझाते हुए मजदूर की सहायता की, जिसके बाद अस्पताल जच्चा-बच्चा को घर भेजने को तैयार हो गया. लोगों ने बताया कि उस वक्त बच्चों के स्कूल की छुट्टी हुई थी, जिसके चलते सड़क पर जाम लगा था. इसी जाम में गर्भवती महिला को ले जा रहा ई-रिक्शा फंस गया था. लोगों ने कहा कि सरकार को बुराड़ी अस्पताल में प्रसव की व्यवस्था शुरू करनी चाहिए, ताकि गरीब लोगों को ऐसी परेशानियों का सामना न करना पड़े. गौरतलब है कि फिलहाल बुराड़ी अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के प्रसव की व्यवस्था नहीं है, जिसकी लोग काफी समय से मांग कर रहे हैं.
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