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DU: सिटीजन अमेंडमेंट बिल का DUSU ने किया स्वागत

देशभर में सिटिजन अमेंडमेंट बिल (CAB) बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू ) ने इस बिल का स्वागत किया है.

DUSU welcomed Citizen Amendment Bill
सिटीजन अमेंडमेंट बिल के समर्थन में DUSU
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Published : Dec 12, 2019, 5:17 AM IST

नई दिल्ली: देशभर में सिटिजन अमेंडमेंट बिल (CAB) बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू ) ने इस बिल का स्वागत किया है. DUSU अध्यक्ष अक्षित दहिया ने इस बिल के राज्यसभा में पास होने को मानवता की जीत बताया.

सिटीजन अमेंडमेंट बिल के समर्थन में DUSU

डूसू अध्यक्ष अक्षित दहिया ने बिल का स्वागत करते हुए कहा कि दशकों तक अपने धर्म के कारण पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में सताए गए अल्पसंख्यकों का मानवीय आधार पर यह उनका वाजिब हक है.

'अल्पसंख्यकों पर होता है अत्याचार'
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की जनसंख्या में लगातार गिरावट हो रही है. इससे साफ पता चलता है कि वहां इनके साथ कितना अत्याचार हो रहा होगा. अक्षित ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए लोगों को शरणार्थी का दर्जा दिया लेकिन अब इस बिल के जरिए उन लोगों को नागरिकता मिलेगी.

'बिल पास होने से मानवता की जीत हुई'
वहीं इस बिल पर डूसू की ज्वाइंट सेक्रेटरी शिवांगी खारवाल ने इसे मानवता की जीत बताया है. उन्होंने कहा कि इन तीनों देशों में महिलाओं के साथ धर्म के कारण अनगिनत अत्याचार हुए हैं जिससे पीड़ित महिलाएं ही उसका दर्द समझ सकती हैं. इस बिल के पास होने से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक होने के नाते किये गए अत्याचारों से पीड़ित महिलाओं को सही मायने में इंसाफ मिला है. वहीं शिवांगी ने कहा कि इस बिल का वह स्वागत करती हैं और इस बिल के पास होने पर अब जश्न मनाया जाएगा.

नई दिल्ली: देशभर में सिटिजन अमेंडमेंट बिल (CAB) बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू ) ने इस बिल का स्वागत किया है. DUSU अध्यक्ष अक्षित दहिया ने इस बिल के राज्यसभा में पास होने को मानवता की जीत बताया.

सिटीजन अमेंडमेंट बिल के समर्थन में DUSU

डूसू अध्यक्ष अक्षित दहिया ने बिल का स्वागत करते हुए कहा कि दशकों तक अपने धर्म के कारण पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में सताए गए अल्पसंख्यकों का मानवीय आधार पर यह उनका वाजिब हक है.

'अल्पसंख्यकों पर होता है अत्याचार'
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की जनसंख्या में लगातार गिरावट हो रही है. इससे साफ पता चलता है कि वहां इनके साथ कितना अत्याचार हो रहा होगा. अक्षित ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए लोगों को शरणार्थी का दर्जा दिया लेकिन अब इस बिल के जरिए उन लोगों को नागरिकता मिलेगी.

'बिल पास होने से मानवता की जीत हुई'
वहीं इस बिल पर डूसू की ज्वाइंट सेक्रेटरी शिवांगी खारवाल ने इसे मानवता की जीत बताया है. उन्होंने कहा कि इन तीनों देशों में महिलाओं के साथ धर्म के कारण अनगिनत अत्याचार हुए हैं जिससे पीड़ित महिलाएं ही उसका दर्द समझ सकती हैं. इस बिल के पास होने से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक होने के नाते किये गए अत्याचारों से पीड़ित महिलाओं को सही मायने में इंसाफ मिला है. वहीं शिवांगी ने कहा कि इस बिल का वह स्वागत करती हैं और इस बिल के पास होने पर अब जश्न मनाया जाएगा.

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली विश्वविद्यालय

देशभर में सिटिजन अमेंडमेंट बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ ( डूसू ) ने इस बिल का स्वागत किया है. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष अक्षित दहिया ने इस बिल के राज्यसभा में पास होने को मानवता की जीत बताया.


Body:डूसू ने सिटीजन अमेंडमेंट बिल का स्वागत किया

वहीं डूसू अध्यक्ष अक्षित दहिया ने कहा कि दशकों तक अपने धर्म के कारण पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश सताए गए अल्पसंख्यकों का मानवीय आधार पर यह उनका वाजिब हक होगा. उन्होंने कहा कि इस बिल का दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ स्वागत करता है. साथ ही कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की जनसंख्या में लगातार गिरावट हो रही है उससे साफ पता चलता है कि वहां इनके साथ कितना अत्याचार हो रहा होगा. अक्षित ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए लोगों को शरणार्थी का दर्जा दिया लेकिन अब इस बिल के जरिए उन लोगों को नागरिकता मिलेगी.


Conclusion:
वहीं इसको लेकर डूसू की ज्वाइंट सेक्रेटरी शिवांगी खारवाल ने इसे मानवता की जीत बताया है. उन्होंने कहा कि इन तीनों देशों में महिलाओं के साथ धर्म के कारण अनगिनत अत्याचार हुए हैं जिससे पीड़ित महिलाएं ही उसका दर्द समझ सकती हैं. इस बिल के पास होने से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक होने के नाते किये गए अत्याचारों से पीड़ित महिलाओं को सही मायने में इंसाफ मिला है. वहीं शिवांगी ने कहा कि इस बिल का वह स्वागत करती हैं और इस बिल के पास होने पर अब जश्न मनाया जाएगा.

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