नई दिल्ली: डीयू में नए सत्र की ऑनलाइन क्लास आज से शुरू हो गई है. एक बार फिर विश्वविद्यालय प्रशासन की तैयारी पर एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य प्रोफेसर राजेश झा ने सवाल उठा दिया है.
उन्होंने कहा कि डीयू प्रशासन ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था. जिसके मुताबिक 10 अगस्त से ऑनलाइन क्लास शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक सिलेबस अपलोड नहीं किया गया है. ऐसे में ना छात्रों को ये पता है कि उन्हें क्या पढ़ना है और ना ही शिक्षक ये समझ पाए हैं कि उन्हें क्या पढ़ाना है. बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से डीयू में क्लास पूरी तरह से ऑनलाइन हो रही है.
अब तक अपलोड नहीं हुआ सिलेबस
वहीं प्रोफेसर राजेश झा ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में कोई भी काम अब व्यवस्थित तौर पर नहीं हो रहा है. डीयू प्रशासन के मनमाने रवैये के चलते हर काम आधे अधूरे और बिना किसी योजना के चलाए जा रहे हैं. इसी का नतीजा है कि नए सत्र की शुरुआत का नोटिस तो जारी कर दिया गया, लेकिन अभी तक प्रशासन सिलेबस तक अपलोड नहीं कर पाया है.
प्रोफेसर झा ने कहा कि इतने बड़े स्तर पर छात्रों को पढ़ाने से पहले शिक्षकों को भी सारे टॉपिक तैयार करने होते हैं. अलग-अलग किताबों से उनके संदर्भ ढूंढने होते हैं. इसी प्रकार बच्चों को भी क्लास में आने से पहले अपने स्तर की तैयारी पूरी रखनी होती है. लेकिन सिलेबस अपलोड ना होने के चलते छात्र और शिक्षक दोनों को ही परेशानी हो रही है.
उन्होंने कहा कि ये पहली बार नहीं है. जब डीयू प्रशासन के निर्णय से छात्र और शिक्षक दोनों परेशान हैं. इसके पहले भी डीयू प्रशासन ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा को लेकर अपना मनमाना रवैया दिखा चुका है.
प्रशासन बिना सोचे समझे कर रहा है काम
वहीं प्रोफेसर झा का कहना है कि इस तरह आनन-फानन में बिना सोचे समझे, बिना किसी से विचार विमर्श करें कोई भी आदेश निकाल देना पूरी तरह से गलत है. डीयू प्रशासन को चाहिए कि वो योजनाबद्ध तरीके से काम करे. जिससे पहले से ही देर हो रही क्लास में और देरी न हो.
बता दें कि करीब 4 दिन पहले ही पॉलिटिकल साइंस, इंग्लिश, इतिहास और समाज शास्त्र के पाठ्यक्रम को मंजूरी मिली है.