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DU: ऑनलाइन फॉर्म भरते वक्त स्टूडेंट्स को मिलेगी 'ऑनलाइन कैलकुलेटर' की सुविधा

छात्रों की मुश्किलें कम करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय हमेशा से प्रयासरत रहा है. दाखिले में पारदर्शिता लाने और कॉलेजों की दाखिले के समय होने वाली मनमानी को रोकने के लिए यूनिवर्सिटी ने सॉफ्टवेयर में ये खास प्रावधान जोड़ा है.

छात्रों को मिलेगी 'ऑनलाइन कैलकुलेटर' की सुविधा
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Published : May 21, 2019, 12:34 PM IST

Updated : May 21, 2019, 2:18 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी में जल्द ही दाखिला प्रक्रिया शुरू हो सकती है. हर बार की तरह इस बार भी यूनिवर्सिटी छात्रों को नई सहूलियत देने के लिए प्रयासरत है. इस बार ऑनलाइन फॉर्म भरते वक्त स्टूडेंट्स को 'ऑनलाइन कैलकुलेटर' की सुविधा मिलेगी.

'ऑनलाइन कैलकुलेटर' के जरिए स्टूडेंट्स अपना बेस्ट फोर स्कोर पता कर सकेंगे, यह सभी कॉलेजों के लिए एक ही होगी. फोर परसेंटाइल अपने आप कैलकुलेट हो जाएगा और छात्र का रजिस्ट्रेशन किस कोर्स के लिए हुआ है यह भी पता चल जाएगा.

छात्रों को मिलेगी 'ऑनलाइन कैलकुलेटर' की सुविधा

कॉलेज दाखिला कमेटी करती थी मनमानी
इस पूरे मामले पर अकादमी काउंसिल के सदस्य प्रोफेसर रसाल सिंह ने बताया कि अक्सर कॉलेज की कट ऑफ में नंबर आने के बाद जब विद्यार्थी कॉलेज जाते थे, तो वहां की दाखिला कमेटी अपना ही गणित लगा कर कैलकुलेशन करती थी, और अपने हिसाब से छात्रों को अलग-अलग विषय में दाखिला देती थी. इस बार कॉलेज की यह मनमानी नहीं चल सकेगी.

इस बार छात्रों की सहूलियत के लिए ऑनलाइन फॉर्म में ही ऑनलाइन कैलकुलेटर की भी सुविधा दे दी गई है. जिसके जरिए फॉर्म भरते समय छात्र अपने अंक दर्ज करेंगे तो ऑनलाईन कैलकुलेटर तुरंत ही बेस्ट फोर परसेंटाइल दिखाएगा. साथ ही छात्र का रजिस्ट्रेशन किस कोर्स के लिए हुआ है यह भी पता चल जाएगा.

दाखिला प्रक्रिया में पूरी तरह पारदर्शिता बनी रहे इसको लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन कैलकुलेटर द्वारा की गई कैलकुलेशन को ही कोर्स में दाखिले के लिए मान्य करार दे दिया है. ऐसे में कोई भी दाखिला कमेटी अपने हिसाब का गणित दिखाकर छात्र को दाखिला लेने से मना नहीं कर सकेगी.

वहीं प्रो. रसाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के हित में किए जा रहे प्रावधानों को एक महत्वाकांक्षी योजना बताया है. साथ ही कहा है कि ऐसे में कई दिक्कतें भी आने की संभावना है इन समस्याओं के निदान के लिए एक ग्रीवेंस रिड्रेसल कमेटी का भी गठन किया गया है. किसी भी स्थिति में इस ग्रीवेंस रिड्रेसल कमिटी का निर्णय ही मान्य होगा.

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी में जल्द ही दाखिला प्रक्रिया शुरू हो सकती है. हर बार की तरह इस बार भी यूनिवर्सिटी छात्रों को नई सहूलियत देने के लिए प्रयासरत है. इस बार ऑनलाइन फॉर्म भरते वक्त स्टूडेंट्स को 'ऑनलाइन कैलकुलेटर' की सुविधा मिलेगी.

'ऑनलाइन कैलकुलेटर' के जरिए स्टूडेंट्स अपना बेस्ट फोर स्कोर पता कर सकेंगे, यह सभी कॉलेजों के लिए एक ही होगी. फोर परसेंटाइल अपने आप कैलकुलेट हो जाएगा और छात्र का रजिस्ट्रेशन किस कोर्स के लिए हुआ है यह भी पता चल जाएगा.

छात्रों को मिलेगी 'ऑनलाइन कैलकुलेटर' की सुविधा

कॉलेज दाखिला कमेटी करती थी मनमानी
इस पूरे मामले पर अकादमी काउंसिल के सदस्य प्रोफेसर रसाल सिंह ने बताया कि अक्सर कॉलेज की कट ऑफ में नंबर आने के बाद जब विद्यार्थी कॉलेज जाते थे, तो वहां की दाखिला कमेटी अपना ही गणित लगा कर कैलकुलेशन करती थी, और अपने हिसाब से छात्रों को अलग-अलग विषय में दाखिला देती थी. इस बार कॉलेज की यह मनमानी नहीं चल सकेगी.

इस बार छात्रों की सहूलियत के लिए ऑनलाइन फॉर्म में ही ऑनलाइन कैलकुलेटर की भी सुविधा दे दी गई है. जिसके जरिए फॉर्म भरते समय छात्र अपने अंक दर्ज करेंगे तो ऑनलाईन कैलकुलेटर तुरंत ही बेस्ट फोर परसेंटाइल दिखाएगा. साथ ही छात्र का रजिस्ट्रेशन किस कोर्स के लिए हुआ है यह भी पता चल जाएगा.

दाखिला प्रक्रिया में पूरी तरह पारदर्शिता बनी रहे इसको लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन कैलकुलेटर द्वारा की गई कैलकुलेशन को ही कोर्स में दाखिले के लिए मान्य करार दे दिया है. ऐसे में कोई भी दाखिला कमेटी अपने हिसाब का गणित दिखाकर छात्र को दाखिला लेने से मना नहीं कर सकेगी.

वहीं प्रो. रसाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के हित में किए जा रहे प्रावधानों को एक महत्वाकांक्षी योजना बताया है. साथ ही कहा है कि ऐसे में कई दिक्कतें भी आने की संभावना है इन समस्याओं के निदान के लिए एक ग्रीवेंस रिड्रेसल कमेटी का भी गठन किया गया है. किसी भी स्थिति में इस ग्रीवेंस रिड्रेसल कमिटी का निर्णय ही मान्य होगा.

Intro:दिल्ली विश्वविद्यालय में जल्द ही दाखिला प्रक्रिया शुरू हो सकती है. इस सत्र की दाखिला प्रक्रिया कई नई सुविधाओं से लैस होगी. उसी में से एक है 'ऑनलाइन केलकुलेटर'. इस बार ऑनलाइन फॉर्म में केलकुलेटर को भी शामिल किया जा रहा है जिससे फॉर्म भरते समय ही छात्रों का बेस्ट फोर परसेंटाइल अपने आप कैलकुलेट हो जाएगा और किस कोर्स में छात्र का रजिस्ट्रेशन हुआ है यह भी तुरंत पता लग जाएगा. बता दें कि दाखिले में पारदर्शिता लाने और कॉलेजों की दाखिले के समय होने वाली मनमानी को रोकने के लिए डीयू प्रशासन ने सॉफ्टवेयर में यह प्रावधान जोड़ा है.



Body:वहीं इस पूरे मामले को लेकर अकादमी काउंसिल के सदस्य प्रोफेसर रसाल सिंह ने बताया कि अक्सर कॉलेज की कट ऑफ में नंबर आने के बाद जब विद्यार्थी कॉलेज जाते थे तो वहां की दाखिला कमेटी अपना ही गणित लगा कर कैलकुलेशन करती थी और अपने हिसाब से छात्रों को अलग अलग विषय में दाखिला देती थी. लेकिन इस बार कॉलेज की यह मनमानी नहीं चल सकेगी. प्रोफेसर रसाल ने बताया कि इस बार छात्रों की सहूलियत के लिए ऑनलाइन फॉर्म में ही ऑनलाइन केलकुलेटर की भी सुविधा दे दी गई है जिसके जरिए फॉर्म भरते समय छात्र जब अपने अंक दर्ज करेंगे तो वह केलकुलेटर तुरंत ही बेस्ट फोर परसेंटाइल दर्शायेगा. साथ ही छात्र का रजिस्ट्रेशन केमिस्ट्री ऑनर्स, हिंदी ऑनर्स, अंग्रेजी ऑनर्स, गणित ऑनर्स किस विषय में हुआ है यह भी बताएगा. दाखिला प्रक्रिया में पूरी तरह पारदर्शिता बनी रहे इसको लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन केलकुलेटर द्वारा की गई कैलकुलेशन को ही कोर्स में दाखिले के लिए मान्य करार दे दिया है. ऐसे में कोई भी दाखिला कमेटी अपने हिसाब का गणित दिखाकर छात्र को दाखिला लेने से मना नहीं कर सकेगी.

वहीं प्रो. रसाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के हित में किए जा रहे प्रावधानों को एक महत्वाकांक्षी योजना बताया है साथ ही कहा कि ऐसे में कई दिक्कतें भी आने की संभावना है इन समस्याओं के निदान के लिए एक ग्रीवेंस रिड्रेसल कमेटी का भी गठन किया गया है. किसी भी स्थिति में इस ग्रीवेंस रिड्रेसल कमिटी का निर्णय ही मान्य होगा.





Conclusion:
Last Updated : May 21, 2019, 2:18 PM IST
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