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दिल्ली में प्रदूषण पर आंखें मूंदे बैठा है प्रशासन! ETV भारत के कैमरे से देखिए सच

नॉर्थ दिल्ली के कमला नेहरू रिंज एरिया जिसे दिल्ली के लंग्स भी कहां जाता है लेकिन मलवे और कूड़े के ढेर ने इसे भी पूरी तरीके से प्रदूषित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. प्रदूषण के कारण आवो-हवा खराब होने के कारण पिछले कुछ दिनो से पार्क में आने वाले लोगों की संख्या में भारी कमी आई है.

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Published : Nov 2, 2019, 4:49 PM IST

दिल्ली में प्रदूषण पर आंखें मूंदे बैठे नेता

नई दिल्ली: राजधानी में कंस्ट्रक्शन पर लगी रोक के बावजूद भी कई इलाकों में धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहा है. इसके साथ ही खुले में ईट पत्थर और रेत बालू बिक रहे हैं. इतना ही नहीं निर्माण और तोड़ फोड़ से निकले मलवे के ढेर को खुलेआम पार्कों के किनारे डंप किया जा रहा है जिससे प्रदूषण का लेवल और भी खराब होता जा रहा है.

ETV भारत के कैमरे से देखिए सच

नॉर्थ दिल्ली के कमला नेहरू रिंज एरिया जिसे दिल्ली के लंग्स भी कहां जाता है लेकिन मलवे और कूड़े के ढेर ने इसे भी पूरी तरीके से प्रदूषित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. प्रदूषण के कारण आवो-हवा खराब होने के कारण पिछले कुछ दिनो से पार्क में आने वाले लोगों की संख्या में भारी कमी आई है.

जो लोग यहां आते भी हैं, वो सैर न करके एक जगह बैठ कर चले जाते हैं जिनका आरोप है कि अगर सरकार पहले से इस ओर कोई ठोस कदम उठाती तो शायद दिल्ली का ऐसा बुरा हाल नहीं होता.

दिल्ली में 5 नंवबर तक किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी गई है जिसके बावजूद कई जगहों पर धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहे हैं उसके साथ साथ खुले में मेन रोड पर बिल्डर माफिया कब्जे कर बस स्टैंड पर भी बिल्डिंग मटेरियल बेच रहे हैं जिससे साफ होता है कि भले ही निर्माण पर रोक लगी हो, लेकिन उस पर कितना अमल किया जा रहा है.

लोग पार्को के किनारे भी मलवे डंप करके चले जाते हैं इतना ही नही नगर निगम की गाड़ियां भी इलाके में कॉम्पेक्टर मशीनें होने के बाद भी रिंज एरिया में कचरा डाल रही हैं.

ऐसे में लोगों का आरोप है कि हर बार की तरह इस बार भी दिल्ली गैस का चैंबर बना हुआ है और ये कोई पहली बार नहीं है लेकिन इसका समाधान सिर्फ पोस्टर और विज्ञापनों में ही लोगो को दिखाया जाता है.

नई दिल्ली: राजधानी में कंस्ट्रक्शन पर लगी रोक के बावजूद भी कई इलाकों में धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहा है. इसके साथ ही खुले में ईट पत्थर और रेत बालू बिक रहे हैं. इतना ही नहीं निर्माण और तोड़ फोड़ से निकले मलवे के ढेर को खुलेआम पार्कों के किनारे डंप किया जा रहा है जिससे प्रदूषण का लेवल और भी खराब होता जा रहा है.

ETV भारत के कैमरे से देखिए सच

नॉर्थ दिल्ली के कमला नेहरू रिंज एरिया जिसे दिल्ली के लंग्स भी कहां जाता है लेकिन मलवे और कूड़े के ढेर ने इसे भी पूरी तरीके से प्रदूषित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. प्रदूषण के कारण आवो-हवा खराब होने के कारण पिछले कुछ दिनो से पार्क में आने वाले लोगों की संख्या में भारी कमी आई है.

जो लोग यहां आते भी हैं, वो सैर न करके एक जगह बैठ कर चले जाते हैं जिनका आरोप है कि अगर सरकार पहले से इस ओर कोई ठोस कदम उठाती तो शायद दिल्ली का ऐसा बुरा हाल नहीं होता.

दिल्ली में 5 नंवबर तक किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी गई है जिसके बावजूद कई जगहों पर धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहे हैं उसके साथ साथ खुले में मेन रोड पर बिल्डर माफिया कब्जे कर बस स्टैंड पर भी बिल्डिंग मटेरियल बेच रहे हैं जिससे साफ होता है कि भले ही निर्माण पर रोक लगी हो, लेकिन उस पर कितना अमल किया जा रहा है.

लोग पार्को के किनारे भी मलवे डंप करके चले जाते हैं इतना ही नही नगर निगम की गाड़ियां भी इलाके में कॉम्पेक्टर मशीनें होने के बाद भी रिंज एरिया में कचरा डाल रही हैं.

ऐसे में लोगों का आरोप है कि हर बार की तरह इस बार भी दिल्ली गैस का चैंबर बना हुआ है और ये कोई पहली बार नहीं है लेकिन इसका समाधान सिर्फ पोस्टर और विज्ञापनों में ही लोगो को दिखाया जाता है.

Intro:दिल्ली में कंस्ट्रक्शन पर लगी रोक के बावजूद भी कई इलाको में धड़ल्ले से चल रहे निर्माण कार्य, इसके साथ खुले में बिक रहे है ईट पत्थर औऱ बालू । इतना ही नही निर्माण और तोड़ फोड़ से निकले मलवे की ढेर को रिँज एरिया में औऱ पार्को के किनारे डंप करने से वहाँ पर प्रदूषन लेबल औऱ भी खराब हो गया है ।


Body:ये है नार्थ दिल्ली का कमना नेहरू रिँज एरिया , जिसे दिल्ली के लंग्स भी कहाँ जाता है लेकिन मलवे औऱ कुड़े के ढेर ने इसे भी पुरी तरीके से प्रदूषित करने में कोई कोर कसर नही छोड़ा है । प्रदूषन के कारण आवो-हवा खराब होने के कारण पीछले कुछ दिनो से पार्क में आने वाले लोगो की संख्या में भारी कमी आई है । जो लोग यहाँ आते भी है वो सैर न करके एक जगह बैठ कर चले जाते है जिनका आरोप है कि अगर सरकार पहले से इस ओर कोई ठोस कदम उठाती तो शायद दिल्ली का ऐसा बुरा हाल नही होता ।
बाईट- वाक्स-पाँप , कमला नेहरू रिंज में सैर करने आये लोग ( यहाँ बहुत बुरा हाल हो गया है हम बिमार हो रहे है पीछले 3 दिनो से यहाँ आते जरूर है मगर घुम फिर नही सकते ) ( सरकार पहले से ध्यान देती तो ऐसी हालत नही होता । )


Conclusion: दिल्ली में 5 नंवबर तक किसी भी प्रकार का कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी गई है उसके बावजूद भी कई जगहो पर धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहे है उसके साथ साथ खुले में मेन रोड पर बिल्डर माफिया कब्जे कर बस स्टैंड पर भी बिल्डीग मटेरियल बेंच रहे है जिससे साफ होता है कि भले ही निर्माण पर रोक लगा हो लेकिन उसपर कितना अमल किया जा रहा है ये देखने को मिल रहा है लोग पार्को के किनारे भी मलवे डंप करके चले जाते है इतना ही नही नगर निगम की गाड़ीयाँ भी इलाके में काम्पेक्टर मशीने होने के बाद भी रिंज एरिया में कचरा डाल रहा है ।
बाईट- अशोक भषीन , प्रेजिडेन्ट नार्थ दिल्ली रेजिडेन्ट वेलफेयर एशो. (सफेद दाढी औऱ चश्में में) (उत्तरी दिल्ली का हालात ऐसा है कि यहाँ बहुत बड़ा रिज और 32 एकड़ का रोशनारा बाग पार्क है वो सारा मलवे से पैक है )


अब ऐसे में लोगो का आरोप है कि हर बार कि तरह इस बार भी दिल्ली गैस का चैंबर बना हुआ है और ये कोई पहली बार नही है लेकिन इसका समाधान सिर्फ पोस्टर औऱ विज्ञापनो में ही लोगो को दिखाया जाता है असल मे क्या हो रहा है जब लोगो को सास पर आपात लगता है तो पता चल रहा है ।
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