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दिल्ली हाईकोर्ट ने AI ऑर डीपफेक से निपटने के उपाय पर केंद्र से दो सप्ताह में मांगा जवाब

AI and Deepfakes Case: AI ऑर डीपफेक पर कार्रवाई से संबंधि मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना जवाब देने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया है. कोर्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डीपफेक टेक्नोलॉजी पर नियंत्रण नहीं करने के खिलाफ याचिका दायर की गई है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 8, 2024, 8:50 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डीपफेक टेक्नोलॉजी पर नियंत्रण नहीं करने के खिलाफ दायर याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को समय दे दिया. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि केंद्र सरकार के संबंधित अधिकारी इस मामले पर विचार कर रहे हैं. जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहिए. उसके बाद कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पहले केंद्र को अपना पक्ष रखने के लिए दो हफ्ते का समय दिया.

हाईकोर्ट ने 4 दिसंबर को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. याचिका वकील चैतन्य रोहिल्ला ने दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील मनोहर लाल ने डीपफेक और एआई का एक्सेस देने वाली वेबसाइटों को ब्लॉक करने की मांग की. उन्होंने कहा कि डीपफेक और एआई टेक्नोलॉजी को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया जाए. एआई टेक्नोलॉजी पर नियंत्रण संविधान के मुताबिक होने चाहिए.

यह भी पढ़ेंः राम रहीम को लेकर पोस्ट वीडियो पर हाई कोर्ट ने पत्रकार श्याम मीरा सिंह को दी अवमानना की चेतावनी

याचिका में कहा गया है कि एआई टेक्नोलॉजी की परिभाषा तय होनी चाहिए. एआई और डीपफेक टेक्नोलॉजी किसी की निजता के हनन के लिए नहीं होना चाहिए और इसका दुरुपयोग रोकने के लिए दिशा-निर्देश तय करने चाहिए, क्योंकि डीपफेक जैसी टेक्नोलॉजी से किसी की छवि को खराब किया जा सकता है.

सुनवाई के दौरान कार्यकारी चीफ जस्टिस ने कहा कि टेक्नोलॉजी का काफी महत्व है और यह कई मायने में हमें सहयोग करता है. इसलिए टेक्नोलॉजी से निपटना आसान नहीं है. सभी पहलुओं पर गौर करते हुए संतुलन कायम करने की जरूरत है. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि एआई और डीपफेक टेक्नोलॉजी को लेकर केंद्र सरकार दिशा-निर्देश तैयार कर रही है. सरकार इसके दुष्परिणामों से वाकिफ है और वो निपटने की कार्य योजना पर काम कर रही है.

यह भी पढ़ेंः मनी लॉड्रिंग मामले के आरोपी वीवो के एमडी हरि ओम राय की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डीपफेक टेक्नोलॉजी पर नियंत्रण नहीं करने के खिलाफ दायर याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को समय दे दिया. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि केंद्र सरकार के संबंधित अधिकारी इस मामले पर विचार कर रहे हैं. जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहिए. उसके बाद कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पहले केंद्र को अपना पक्ष रखने के लिए दो हफ्ते का समय दिया.

हाईकोर्ट ने 4 दिसंबर को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. याचिका वकील चैतन्य रोहिल्ला ने दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील मनोहर लाल ने डीपफेक और एआई का एक्सेस देने वाली वेबसाइटों को ब्लॉक करने की मांग की. उन्होंने कहा कि डीपफेक और एआई टेक्नोलॉजी को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया जाए. एआई टेक्नोलॉजी पर नियंत्रण संविधान के मुताबिक होने चाहिए.

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याचिका में कहा गया है कि एआई टेक्नोलॉजी की परिभाषा तय होनी चाहिए. एआई और डीपफेक टेक्नोलॉजी किसी की निजता के हनन के लिए नहीं होना चाहिए और इसका दुरुपयोग रोकने के लिए दिशा-निर्देश तय करने चाहिए, क्योंकि डीपफेक जैसी टेक्नोलॉजी से किसी की छवि को खराब किया जा सकता है.

सुनवाई के दौरान कार्यकारी चीफ जस्टिस ने कहा कि टेक्नोलॉजी का काफी महत्व है और यह कई मायने में हमें सहयोग करता है. इसलिए टेक्नोलॉजी से निपटना आसान नहीं है. सभी पहलुओं पर गौर करते हुए संतुलन कायम करने की जरूरत है. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि एआई और डीपफेक टेक्नोलॉजी को लेकर केंद्र सरकार दिशा-निर्देश तैयार कर रही है. सरकार इसके दुष्परिणामों से वाकिफ है और वो निपटने की कार्य योजना पर काम कर रही है.

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