नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शनिवार को भलस्वा लैंडफील साइट पर पहुंच जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने दिल्ली से कूड़े के पहाड़ को खत्म करने का वादा किया था. वादे को अमल में लाने की तैयारी शुरू कर ली गई है. इसके लिए एक निजी कंपनी को दिया गया है. नगर निगम ने निजी कंपनी को टारगेट तारीख से पहले ही काम खत्म करने का निर्देश दिया है.
14 लाख टन कूड़ा हटाने का टारगेट: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ दिल्ली नगर निगम की मेयर शैली ओबेरॉय भी मौके पर पहुंची. नगर निगम चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी का पहला एजेंडा लैंडफिल को हटाने का ही था. जिस पर शुरुआती दौर से ही काम शुरू कर दिया गया था. सितंबर 2023 तक का टारगेट 14 लाख टन कूड़ा हटाने का था जिसे पूरा कर लिया गया है. निगम द्वारा भलस्वा लैंडफील से 18 लाख टन का कूड़ा हटा दिया गया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 2024 तक 30 लाख टन कूड़ा हटाने का काम पूरा कर लिया जाएगा और उन्हें उम्मीद है कि टारगेट से ज्यादा यानी 30 लाख टन की जगह 45 लाख टन कूड़ा हटाया जा सकता है.
2000 टन कूड़ा हर रोज: भलस्वा लैंडफिल साइट पर हर दिन 2000 टन नया कूड़ा आ रहा है. निगम द्वारा इसको निष्पादित करने के लिए भी प्लानिंग की जा रही है. भलस्वा लैंडफील साइट पर इस महीने तक 14 लाख टन कूड़ा कम किया जाना था और उसी को चेक करने के लिए अरविंद केजरीवाल वहां पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि 14 लाख की बजाय 18 लाख टन कूड़ा यहां कम हुआ है. जल्दी ही पूरे कूड़े के ढेर को यहां से हटा दिया जाएगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि भलस्वा लैंड फुल साइट पर कुल 65 लाख टन वेस्ट कूड़ा है जिसको जल्द ही पूरी तरीके से हटा दिया जाएगा.
"दिल्ली के तीनों लैंडफिल स्थलों से कूड़े के निपटान की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम की है, वर्षों तक निष्क्रिय रहने के बाद गत दो-ढाई वर्ष से कूड़े के पहाड़ों की ऊंचाई कम करने का कार्य निगम ने आरंभ किया है. आज दिल्ली के मुख्यमंत्री भलस्वा गए व कूड़े के पहाड़ों की ऊंचाई कम होने का श्रेय ले अपनी पीठ थपथपाई जबकि इसका श्रेय निगम अधिकारियों को हैं". - जगदीश ममगांई, शहरी मामलों के जानकार व एकीकृत दिल्ली नगर निगम की निर्माण समिति के अध्यक्ष
जगदीश ममगांई ने आगे कहा कि इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने 23 मई 2023 को तीनों लैंडफिल साइटों का दौरा किया था, दावा किया गया कि पिछले 3 महीने में 12.50 लाख टन कचरे का निस्तारण किया गया है तथा गत 7 महीनों में ग़ाज़ीपुर, ओखला और भलस्वा में कूड़े के टीलों की ऊंचाई 15 मीटर कम हुई है. कहा गया कि उपराज्यपाल के हस्तक्षेप से, पिछली तिमाही के दौरान एनएचएआई ने अपनी परियोजना के लिए निष्क्रिय कचरा उठाया. 30 जून 2023 तक वर्तमान ट्रामलिंग मशीनों में वृद्धि करने की बात भी कही गई थी. इससे पूर्व 16 जुलाई 2018 को, कहा गया था कि तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल नियमित रुप से विरासत के टीले के प्रबंधन और दैनिक कचरे के प्रसंस्करण के लिए तीनों नगर निगमों के कार्यों की निगरानी एवं कचरा निपटान योजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं. अगस्त 2020 तक, यह उम्मीद की जाती है कि कोई भी अनुपचारित कचरा लैंडफिल स्थलों पर नहीं डाला जाएगा. कूड़े के पहाड़ों की ऊंचाई कम करने का लक्ष्य भलस्वा व ओखला लैंडफिल के निमित्त दिसंबर 2023 तथा गाजीपुर लैंडफिल के निमित्त दिसंबर 2024 निर्धारित किया गया था. दिल्ली सरकार अपने निकायों के प्रबंधन व सुधार की बजाए निगम चला रही है.
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