नई दिल्ली: सरस्वती विहार के पार्षद का कहना है कि मेयर की ओर से दिल्ली सरकार से मांगी गई 1000 करोड़ की आर्थिक सहायता वाजिब है. उन्होंने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने पिछले 3 साल से निगम के हक का पैसा रोक रखा है. निगम को लगातार फंड के लिए परेशान किया जा रहा है. कोरोना वायरस जैसी महामारी की स्थिति में भी निगम को दिल्ली सरकार की ओर से फंड ना दिया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
सरस्वती विहार के पार्षद ने उठाए दिल्ली सरकार पर सवाल
महामारी की शक्ल ले चुका कोरोना वायरस से इन दिनों पूरा देश एकजुट होकर लड़ रहा है. इसी बीच उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सरस्वती विहार से पार्षद नीरज गुप्ता ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान दिल्ली सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस महामारी के बीच में भी दिल्ली सरकार ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम का फंड का पैसा रोक रखा है. जिसकी वजह से उत्तरी दिल्ली नगर निगम को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि निगम के जो कर्मचारी इस महामारी के बीच में भी क्षेत्र के रखरखाव के लिए लगातार अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं और काम कर रहे हैं. उन्हें पिछले 2 महीने से वेतन नहीं मिला है. जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इसके पीछे दिल्ली सरकार का फंड ना जारी करना एक महत्वपूर्ण कारण है.
मेयर ने की सरकार से 1 हजार करोड़ रुपये की मांग
एक तरफ जहां पूरे देश भर में कोरोना वायरस जैसी महामारी फैली हुई है. वहीं दिल्ली सरकार इस महामारी के समय में भी राजनीति कर रही है और निगम के हक का पैसा रोक कर बैठी है.
दरअसल उत्तरी दिल्ली नगर निगम को कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने के लिए अपने अस्पतालों में काफी सारे इंतजाम करने की जरूरत है और जिसके लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता है. मेयर ने भी 1000 करोड़ की आर्थिक सहायता की दिल्ली सरकार से जो मांग की है. उसे पार्षद नीरज गुप्ता ने भी वाजिब ठहराया है.