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शालीमार बाग रेलवे लाइन पहुंचे कांग्रेस नेता, झुग्गियों को हटाने के फैसले का किया विरोध - Supreme Court

रेलवे पटरियों के किनारे बसी हुई झुग्गियों को हटाने के फैसले का कांग्रेस नेता विरोध कर रहे हैं. इसी मुद्दे को लेकर के कांग्रेसी नेता मुदित अग्रवाल अपने कई साथियों के साथ शालीमार बाग रेलवे लाइन के किनारे बसी हुई झुग्गियों में पहुंचे. जहां उन्होंने लोगों के बीच में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को गलत बताते हुए उनसे अपील करके इस फैसले को रुकवाने की भी बात कही.

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शालीमार बाग रेलवे लाइन पहुंचे कांग्रेस नेता
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Published : Sep 8, 2020, 5:48 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट द्वारा रेलवे लाइन के किनारे बसी हुई झुग्गियों को 3 महीने के अंदर हटाने के आदेश दिए गए. जिस पर अब कांग्रेस अपनी सियासी रोटी सेकने में लगी हुई है. दिल्ली के शालीमार बाग रेलवे लाइन के किनारे बनी हुई झुग्गियों में कांग्रेस नेता हरि किशन जिंदल और एआईसीसी (AICC) मेंबर मुदित अग्रवाल पहुंचे.

शालीमार बाग रेलवे लाइन पहुंचे कांग्रेस नेता

उन्होंने झुग्गी वालों से बातचीत की और सुप्रीम कोर्ट में अपील करके उनके आशियाने को बचाने का आश्वासन दिया. इस दौरान कांग्रेसी नेता मुदित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए केंद्र सरकार और केजरीवाल सरकार को आड़े हाथों लिया.


सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उठाया सवाल

रेलवे पटरियों के किनारे बसी हुई झुग्गियों को हटाने के फैसले का कांग्रेस नेता विरोध कर रहे हैं. इसी मुद्दे को लेकर के कांग्रेसी नेता मुदित अग्रवाल अपने कई साथियों के साथ शालीमार बाग रेलवे लाइन के किनारे बसी हुई झुग्गियों में पहुंचे. जहां उन्होंने लोगों के बीच में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को गलत बताते हुए उनसे अपील करके इस फैसले को रुकवाने की भी बात कही. साथ ही साथ उन्होंने ये तक कह डाला कि सुप्रीम कोर्ट के जज खुद इन झुग्गियों में आकर देखें, तब तक फैसला सुनाने वालों को झुग्गी में रह रहे गरीबों का दर्द पता चलेगा.



केंद्र और दिल्ली सरकार को जमकर लिया आड़े हाथों

कांग्रेस इस मुद्दे को पूरी तरीके से भुनाने में जुट गई है. यही वजह है कि कांग्रेस नेताओं ने सीधे यहां रहने वाले झुग्गी वासियों से सीधी बातचीत की. इस दौरान कांग्रेस नेता मुदित अग्रवाल ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों को ही जमकर आड़े हाथों लिया.

उन्होंने कहा कि इन दोनों सरकारों ने कहा था कि 'जहां झुग्गी वहीं मकान' लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद दोनों सरकार हैं. जो झुग्गी वालों से किए हुए इस वादे को भूल गई हैं. जिसके कारण लोगों को अपने आशियाने तक से हाथ धोने की नौबत सामने आ गई है. जिसके जिम्मेदार केंद्र और दिल्ली की सरकार है. जिन्होंने मकान देने का वादा किया लेकिन उसे पूरा नहीं किया.

वहीं दूसरी ओर झुग्गियों में रह रहे लोगों का कहना है कि वो पहले ही कोरोना वायरस की बीमारी की मार झेल रहे हैं. जिसके चलते उनका कामकाज पूरी तरीके से ठप पड़ चुका है. कमाई का कोई जरिया नहीं है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा झुग्गियों को खाली करने का आदेश उनके लिए एक और बड़ी मुसीबत बनकर सामने आया है. इन लोगों का कहना है कि हमें यहां से हटाने से पहले मकान दिया जाए, नहीं तो य लोग किसी भी हालत में इन झुग्गियों को खाली नहीं करेंगे.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट द्वारा रेलवे लाइन के किनारे बसी हुई झुग्गियों को 3 महीने के अंदर हटाने के आदेश दिए गए. जिस पर अब कांग्रेस अपनी सियासी रोटी सेकने में लगी हुई है. दिल्ली के शालीमार बाग रेलवे लाइन के किनारे बनी हुई झुग्गियों में कांग्रेस नेता हरि किशन जिंदल और एआईसीसी (AICC) मेंबर मुदित अग्रवाल पहुंचे.

शालीमार बाग रेलवे लाइन पहुंचे कांग्रेस नेता

उन्होंने झुग्गी वालों से बातचीत की और सुप्रीम कोर्ट में अपील करके उनके आशियाने को बचाने का आश्वासन दिया. इस दौरान कांग्रेसी नेता मुदित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए केंद्र सरकार और केजरीवाल सरकार को आड़े हाथों लिया.


सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उठाया सवाल

रेलवे पटरियों के किनारे बसी हुई झुग्गियों को हटाने के फैसले का कांग्रेस नेता विरोध कर रहे हैं. इसी मुद्दे को लेकर के कांग्रेसी नेता मुदित अग्रवाल अपने कई साथियों के साथ शालीमार बाग रेलवे लाइन के किनारे बसी हुई झुग्गियों में पहुंचे. जहां उन्होंने लोगों के बीच में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को गलत बताते हुए उनसे अपील करके इस फैसले को रुकवाने की भी बात कही. साथ ही साथ उन्होंने ये तक कह डाला कि सुप्रीम कोर्ट के जज खुद इन झुग्गियों में आकर देखें, तब तक फैसला सुनाने वालों को झुग्गी में रह रहे गरीबों का दर्द पता चलेगा.



केंद्र और दिल्ली सरकार को जमकर लिया आड़े हाथों

कांग्रेस इस मुद्दे को पूरी तरीके से भुनाने में जुट गई है. यही वजह है कि कांग्रेस नेताओं ने सीधे यहां रहने वाले झुग्गी वासियों से सीधी बातचीत की. इस दौरान कांग्रेस नेता मुदित अग्रवाल ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों को ही जमकर आड़े हाथों लिया.

उन्होंने कहा कि इन दोनों सरकारों ने कहा था कि 'जहां झुग्गी वहीं मकान' लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद दोनों सरकार हैं. जो झुग्गी वालों से किए हुए इस वादे को भूल गई हैं. जिसके कारण लोगों को अपने आशियाने तक से हाथ धोने की नौबत सामने आ गई है. जिसके जिम्मेदार केंद्र और दिल्ली की सरकार है. जिन्होंने मकान देने का वादा किया लेकिन उसे पूरा नहीं किया.

वहीं दूसरी ओर झुग्गियों में रह रहे लोगों का कहना है कि वो पहले ही कोरोना वायरस की बीमारी की मार झेल रहे हैं. जिसके चलते उनका कामकाज पूरी तरीके से ठप पड़ चुका है. कमाई का कोई जरिया नहीं है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा झुग्गियों को खाली करने का आदेश उनके लिए एक और बड़ी मुसीबत बनकर सामने आया है. इन लोगों का कहना है कि हमें यहां से हटाने से पहले मकान दिया जाए, नहीं तो य लोग किसी भी हालत में इन झुग्गियों को खाली नहीं करेंगे.

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