नई दिल्ली: यूनियन बजट 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने युवाओं और छात्रों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़ी योजनाओं का एलान किया है. जिसमें छात्रों को लुभाने की कोशिश की गई है.
जिसमें सबसे महत्वपूर्ण और आकर्षित स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम लाने की बात की गई. जिसमें विदेशी छात्रों को भारत में पढ़ने के लिए स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम शुरू किया जाएगा ताकि भारतीय युवाओं के साथ विदेशी छात्र भी भारत में पढ़ें. इस पर ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के युवा छात्रों से बातचीत कर उनकी राय जानने की कोशिश की.
विदेशों में अच्छे पद पर है भारतीय
स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम पर युवाओं का कहना था कि सरकार की ओर से यह एक बेहतर ऐलान किया गया है. अधिकतर युवा अच्छी एजुकेशन और जॉब्स के लिए बाहर जाते हैं. विदेशों में बड़ी-बड़ी कंपनियों के जो सीईओ है वह अधिकतर भारतीय ही हैं. अगर ऐसे में उनको भारत में ही अच्छी शिक्षा और जॉब्स मिलेंगी तो वह विदेशों में नहीं जाएंगे. जिससे कि भारत का ही विकास होगा और हमारी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी.
ऑनलाइन कोर्स से बचेगा समय
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए शिक्षा नीति में सुधार के साथ-साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाने की भी बात कही है. साथ ही कहा कि अधिक से अधिक ऑनलाइन कोर्स शुरू किए जाएं ताकि छात्रों को अधिक अवसर प्राप्त हो. इस पर छात्रों का कहना है कि यह एक बेहतर कदम है क्योंकि कई बार समय की कमी के कारण युवा जॉब और स्टडी एक साथ नहीं कर पाते, लेकिन ऑनलाइन कोर्स की मदद से लोग जॉब के साथ-साथ शिक्षा भी प्राप्त कर पाएंगे.
उच्च शिक्षा के बाद भी नहीं मिलता रोजगार
इस बार सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए 400 करोड़ के बजट का ऐलान किया है. जिससे छात्र काफी खुश नजर आए, साथ ही उन्होंने वर्तमान शिक्षा नीति को और अधिक बेहतर बनाने की मांग की. उनका कहना है कि आज उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद उन्हें कहीं जॉब नहीं मिलती.
मिले अधिक रोजगार के अवसर
फिलहाल युवाओं का नई सरकार के बजट को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. युवाओं का साफ तौर पर यही कहना था कि जो भी वायदे और योजनाएं सरकार की तरफ से लाने की बात की जाती है. उन्हें अमल में बहुत कम लाया जाता है. देश में सबसे ज्यादा कमी रोजगार की है, आज के समय में पढ़ा लिखा युवा भी बेरोजगार है. जो एक बहुत बड़ी समस्या है जिस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.