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आम बजट 2019: देश में शुरू होगा 'स्टडी इन इंडिया' प्रोग्राम

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के युवा छात्रों को खुश करने के लिए एजुकेशन बजट का ऐलान किया है. जिस पर ईटीवी भारत की टीम ने कुछ युवाओं से मिलकर बातचीत की और आम बजट 2019 पर उनकी राय जानने की कोशिश की.

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Published : Jul 6, 2019, 5:36 AM IST

Updated : Jul 6, 2019, 9:00 AM IST

बजट में युवाओं के लिए कई बड़े ऐलान

नई दिल्ली: यूनियन बजट 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने युवाओं और छात्रों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़ी योजनाओं का एलान किया है. जिसमें छात्रों को लुभाने की कोशिश की गई है.

बजट में युवाओं के लिए कई बड़े ऐलान

जिसमें सबसे महत्वपूर्ण और आकर्षित स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम लाने की बात की गई. जिसमें विदेशी छात्रों को भारत में पढ़ने के लिए स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम शुरू किया जाएगा ताकि भारतीय युवाओं के साथ विदेशी छात्र भी भारत में पढ़ें. इस पर ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के युवा छात्रों से बातचीत कर उनकी राय जानने की कोशिश की.

विदेशों में अच्छे पद पर है भारतीय
स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम पर युवाओं का कहना था कि सरकार की ओर से यह एक बेहतर ऐलान किया गया है. अधिकतर युवा अच्छी एजुकेशन और जॉब्स के लिए बाहर जाते हैं. विदेशों में बड़ी-बड़ी कंपनियों के जो सीईओ है वह अधिकतर भारतीय ही हैं. अगर ऐसे में उनको भारत में ही अच्छी शिक्षा और जॉब्स मिलेंगी तो वह विदेशों में नहीं जाएंगे. जिससे कि भारत का ही विकास होगा और हमारी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी.

ऑनलाइन कोर्स से बचेगा समय
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए शिक्षा नीति में सुधार के साथ-साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाने की भी बात कही है. साथ ही कहा कि अधिक से अधिक ऑनलाइन कोर्स शुरू किए जाएं ताकि छात्रों को अधिक अवसर प्राप्त हो. इस पर छात्रों का कहना है कि यह एक बेहतर कदम है क्योंकि कई बार समय की कमी के कारण युवा जॉब और स्टडी एक साथ नहीं कर पाते, लेकिन ऑनलाइन कोर्स की मदद से लोग जॉब के साथ-साथ शिक्षा भी प्राप्त कर पाएंगे.

उच्च शिक्षा के बाद भी नहीं मिलता रोजगार
इस बार सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए 400 करोड़ के बजट का ऐलान किया है. जिससे छात्र काफी खुश नजर आए, साथ ही उन्होंने वर्तमान शिक्षा नीति को और अधिक बेहतर बनाने की मांग की. उनका कहना है कि आज उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद उन्हें कहीं जॉब नहीं मिलती.

मिले अधिक रोजगार के अवसर
फिलहाल युवाओं का नई सरकार के बजट को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. युवाओं का साफ तौर पर यही कहना था कि जो भी वायदे और योजनाएं सरकार की तरफ से लाने की बात की जाती है. उन्हें अमल में बहुत कम लाया जाता है. देश में सबसे ज्यादा कमी रोजगार की है, आज के समय में पढ़ा लिखा युवा भी बेरोजगार है. जो एक बहुत बड़ी समस्या है जिस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.

नई दिल्ली: यूनियन बजट 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने युवाओं और छात्रों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़ी योजनाओं का एलान किया है. जिसमें छात्रों को लुभाने की कोशिश की गई है.

बजट में युवाओं के लिए कई बड़े ऐलान

जिसमें सबसे महत्वपूर्ण और आकर्षित स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम लाने की बात की गई. जिसमें विदेशी छात्रों को भारत में पढ़ने के लिए स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम शुरू किया जाएगा ताकि भारतीय युवाओं के साथ विदेशी छात्र भी भारत में पढ़ें. इस पर ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के युवा छात्रों से बातचीत कर उनकी राय जानने की कोशिश की.

विदेशों में अच्छे पद पर है भारतीय
स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम पर युवाओं का कहना था कि सरकार की ओर से यह एक बेहतर ऐलान किया गया है. अधिकतर युवा अच्छी एजुकेशन और जॉब्स के लिए बाहर जाते हैं. विदेशों में बड़ी-बड़ी कंपनियों के जो सीईओ है वह अधिकतर भारतीय ही हैं. अगर ऐसे में उनको भारत में ही अच्छी शिक्षा और जॉब्स मिलेंगी तो वह विदेशों में नहीं जाएंगे. जिससे कि भारत का ही विकास होगा और हमारी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी.

ऑनलाइन कोर्स से बचेगा समय
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए शिक्षा नीति में सुधार के साथ-साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाने की भी बात कही है. साथ ही कहा कि अधिक से अधिक ऑनलाइन कोर्स शुरू किए जाएं ताकि छात्रों को अधिक अवसर प्राप्त हो. इस पर छात्रों का कहना है कि यह एक बेहतर कदम है क्योंकि कई बार समय की कमी के कारण युवा जॉब और स्टडी एक साथ नहीं कर पाते, लेकिन ऑनलाइन कोर्स की मदद से लोग जॉब के साथ-साथ शिक्षा भी प्राप्त कर पाएंगे.

उच्च शिक्षा के बाद भी नहीं मिलता रोजगार
इस बार सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए 400 करोड़ के बजट का ऐलान किया है. जिससे छात्र काफी खुश नजर आए, साथ ही उन्होंने वर्तमान शिक्षा नीति को और अधिक बेहतर बनाने की मांग की. उनका कहना है कि आज उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद उन्हें कहीं जॉब नहीं मिलती.

मिले अधिक रोजगार के अवसर
फिलहाल युवाओं का नई सरकार के बजट को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. युवाओं का साफ तौर पर यही कहना था कि जो भी वायदे और योजनाएं सरकार की तरफ से लाने की बात की जाती है. उन्हें अमल में बहुत कम लाया जाता है. देश में सबसे ज्यादा कमी रोजगार की है, आज के समय में पढ़ा लिखा युवा भी बेरोजगार है. जो एक बहुत बड़ी समस्या है जिस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.

Intro:मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश कर दिया, जिसमें छात्रों को लुभाने की कोशिश करते हुए शिक्षा से जुड़े कई ऐलान किए गए. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण और आकर्षित स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम लाने की बात की गई, विदेशी छात्रों को भारत में पढ़ने के लिए स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम शुरू किया जाएगा, जिससे कि भारतीय युवाओं समेत विदेशी छात्रों को भारत में आकर शिक्षा लेने के लिए प्रभावित किया जा सके, एस पर हमने युवाओं और छात्रों से उनकी राय जानी.


Body:विदेशों में अच्छे पद पर है भारतीय
स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम पर युवाओं का कहना था कि सरकार की ओर से यह एक बेहतर ऐलान किया गया है क्योंकि अधिकतर युवा अच्छी एजुकेशन और जॉब्स के लिए बाहर विदेशों में जाते हैं और हमने देखा है कि बाहर विदेशी बड़ी-बड़ी कंपनियों के जो सीईओ है वह अधिकतर भारतीय हैं और अगर ऐसे में उनको भारत में ही अच्छी शिक्षा और जॉब्स मिलेंगी तो वह विदेशों में नहीं जाएंगे जिससे कि भारत का ही विकास होगा और हमारी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी.

ऑनलाइन कोर्स से बचेगा समय
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए शिक्षा नीति में सुधार के साथ-साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाने की भी बात कही, साथ ही कहा कि अधिक से अधिक ऑनलाइन कोर्स शुरू किए जाएं ताकि छात्रों को अधिक अवसर प्राप्त हो जिस पर छात्रों की राय थी कि यह एक बेहतर कदम है क्योंकि कई बार समय की कमी के कारण युवा जॉब और स्टडी एक साथ नहीं कर पाते लेकिन अगर ऑनलाइन कोर्स सही तरीके से उपलब्ध होंगे तो एक युवा जॉब करने के साथ-साथ अपनी शिक्षा को भी पूरी कर पाएगा

उच्च शिक्षा के बाद भी नहीं मिलता रोजगार
वही बजट में 400 करोड रुपए प्रतिष्ठित संस्थानों को दिए जाने पर छात्रों का कहना था कि अच्छी बात है कि संस्थानों को फंड दिया जाएगा ताकि शिक्षा का स्तर बेहतर हो सके, लेकिन इससे ज्यादा जरूरी है कि जो शिक्षा नीति है उसमें बदलाव और सुधार किया जाए, क्योंकि आज के समय में छात्र शिक्षा पूरी कर लेता है हर एग्जाम क्लियर कर लेता है लेकिन उसके बाद भी उसे कहीं जॉब नहीं मिलती, वह बेरोजगार होता है तो अधिक से अधिक रोजगार की जरूरत है ताकि युवा पढ़ लिख कर भी बेरोजगार ना रहे.


Conclusion:अधिक से अधिक मिले रोजगार के अवसर
फिलहाल युवाओं का नई सरकार के बजट को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली, युवाओं का साफ तौर पर यही कहना था कि जो भी वायदे और योजनाएं सरकार की तरफ से लाने की बात की जाती है उन्हें अमल में बहुत कम लाया जाता है और अगर लाया जाता है तो काफी समय लग जाता है जब तक युवा बेरोजगार रहता है और देश में तो सबसे ज्यादा कमी है और रोजगार की है आज के समय में पढ़ा लिखा युवा भी बेरोजगार है जो एक बहुत बड़ी समस्या है जिस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है
Last Updated : Jul 6, 2019, 9:00 AM IST
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