नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में सर्दी और बुखार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसके साथ ही अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. डॉक्टर का कहना है कि यह मौसमी फ्लू की तरह नहीं है बल्कि इनफ्लुएंजा सब टाइप H3N2 वायरस का नाम दिया गया है. दिल्ली के अस्पतालों की ओपीडी में हर दूसरा व्यक्ति खांसी, वायरल, बार बार छींक आना, सांस लेने की तकलीफ से ग्रसित होने के कारण परेशान हैं. अब इसी को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को बैठक बुलाई है.
भलस्वा लैंडफिल साइट पर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में H3N2 के बढ़ते खतरे पर दिल्ली सरकार नजर बनाए हुए हैं और इसी को लेकर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की शनिवार को बैठक होगी. इस बैठक में संक्रमण से बचने के लिए कई अहम निर्णय भी लेने की उम्मीद जताई जा रही है. क्योंकि लगातार जिस तरीके से संक्रमण बढ़ रहा है, लोग भी अब इसको लेकर के चिंतित हैं और सरकार भी अपने जनता आप साफ व्यक्त कर चुकी है. अस्पताल कितने मुस्तैद हैं? इस तरीके के संक्रमण से निपटने के लिए क्या तैयारियां है? इस पर भी चर्चा हो सकती है और साथ ही स्वास्थ्य अधिकारियों को कई अहम निर्देश भी जारी किए जा सकते हैं.
H3N2 इन्फ्लुएंजा क्या है?: एच3एन2 इन्फ्लुएंजा वायरस 1968 में मनुष्यों में फैलना शुरू हुआ और तब से काफी देशों में ये पाया जा चुका है. आमतौर पर H3N2 वायरस के कारण मौसमी बुखार और ज्यादा गंभीर हो जाता है. आम तौर पर इससे बुजुर्ग और बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं. साइंस मैगजीन नेचर में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक H3N2 वायरस संक्रमण गैर-बेअसर करने वाले H3N2 एंटीबॉडी बनाता है. खासकर मध्यम आयु वर्ग के व्यक्तियों में. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि 50 से ज्यादा और 15 वर्ष से कम उम्र के लोग ज्यादा असुरक्षित हैं. इसके फैलने का मुख्य कारण वायु प्रदूषण हो सकता है.
वायरस कैसे फैलता है?: H3N2 इन्फ्लुएंजा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने या किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा बात करने पर निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैल सकता है. यह किसी ऐसी सतह के संपर्क में आने के बाद अपने मुंह या नाक को छूते समय भी फैल सकता है जिस पर वायरस हो.
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