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Delhi Flood: दिल्ली को डुबोने के लिए केजरीवाल सरकार की लापरवाही जिम्मेदार, BJP ने साधा निशाना - केजरीवाल सरकार की लापरवाही

दिल्ली में आई बाढ़ को लेकर बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है. नेता प्रतिपक्ष बिधूड़ी ने कहा कि आईटीओ और उसके आसपास का इलाका इसलिए डूबा कि इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन के पास ड्रेन नं. 12 का गेट टूट गया. सरकार ने आईटीओ बैराज के मेंटेनेंस का पैसा नहीं दिया. वहीं, बीते छह साल से अपेक्स कमेटी की बैठक ही नहीं हुई.

दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी
दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी
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Published : Jul 19, 2023, 6:03 PM IST

दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि राजधानी को बाढ़ में डुबोने के लिए पूरी तरह केजरीवाल सरकार की लापरवाही जिम्मेदार है. अगर यमुना की सफाई समय पर कराई जाती, आईटीओ यमुना बैराज पर ध्यान दिया होता और यमुना में गिरने वाले 17 ड्रेन की गाद निकलवाई होती तो हजारों लोगों को बाढ़ की त्रासदी से बचाया जा सकता था.

उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार की लापरवाही और अदूरदर्शिता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले छह साल से बाढ़ नियंत्रण के लिए अपेक्स कमेटी की बैठक ही नहीं बुलाई गई. मुख्यमंत्री इस कमेटी के अध्यक्ष हैं. सरकार ने समय रहते न तो कोई कदम उठाया और न ही स्थिति की गंभीरता को समझा.

यमुना में जमा गाद की सफाई नहीं हुईः उन्होंने बताया कि दिल्ली में पिछले आठ साल से यमुना की सफाई नहीं हुई. सफाई न होने के कारण यमुना में 6 फुट गाद जमा हो चुकी है. गाद का निरीक्षण यमुना में बने पुलों या फ्लाईओवरों के पिलर्स से किया जा सकता है. इसका यह सबूत भी है कि 1978 में यमुना में करीब 7 लाख 9 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था तो यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड 205.49 मीटर तक पहुंचा था. 2023 में 3 लाख 59 हजार क्यूसेक पानी से ही यमुना का जलस्तर 208.67 मीटर तक पहुंच गया. इससे पहले भी 2013 में 8 लाख 6 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, लेकिन यमुना का जलस्तर 1978 के स्तर से कम ही रहा था.

यह भी पढ़ेंः Delhi Flood: राहत शिविरों में पीने का पानी और शौचालय की समस्या बरकरार, गंदगी के कारण बढ़ी बीमारियां

हरियाणा सरकार को नहीं दिया पैसाः उन्होंने कहा कि यमुना में आई बाढ़ का कारण आईटीओ पर बने यमुना बैराज हैं. इन यमुना बैराज की मेंटेनेंस का काम हरियाणा सरकार करती है लेकिन इसका खर्चा दिल्ली सरकार देती है. हैरानी की बात है कि दिल्ली सरकार ने 2018 से ही मेंटेनेंस का भुगतान करना बंद कर दिया. अब दिल्ली सरकार मेंटेनेंस न होने के लिए हरियाणा पर दोष डाल रही है. जबकि, हरियाणा सरकार ने 26 जुलाई 2022 को भी दिल्ली सरकार को लिखा था कि ऑपरेशन और मेंटेनेंस के बकाया खर्च 47 लाख 83 हजार 504 रुपए का भुगतान किया जाए, लेकिन दिल्ली सरकार ने यह भुगतान नहीं किया.

बिधूड़ी ने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने आईटीओ यमुना बैराज के बिजली कनेक्शन का बिल देना भी बंद कर दिया. दिल्ली सरकार के भुगतान बंद करने के लिए 9 अगस्त 2022 को प्राइवेट कंपनी बीएसईएस ने बिजली का कनेक्शन काट दिया. हरियाणा सरकार ने मेंटेनेंस का खर्चा न मिलने के बावजूद दोबारा से बिजली का कनेक्शन अपने नाम पर लिया. इसके लिए बकाया बिल 69,012 रुपए का तथा नए कनेक्शन के लिए 2,42,80 रुपए का भुगतान किया.

यह भी पढ़ेंः Delhi Flood: कई सड़कें अभी भी जलमग्न, घर से निकलने से पहले जान लें ताजा अपडेट

दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि राजधानी को बाढ़ में डुबोने के लिए पूरी तरह केजरीवाल सरकार की लापरवाही जिम्मेदार है. अगर यमुना की सफाई समय पर कराई जाती, आईटीओ यमुना बैराज पर ध्यान दिया होता और यमुना में गिरने वाले 17 ड्रेन की गाद निकलवाई होती तो हजारों लोगों को बाढ़ की त्रासदी से बचाया जा सकता था.

उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार की लापरवाही और अदूरदर्शिता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले छह साल से बाढ़ नियंत्रण के लिए अपेक्स कमेटी की बैठक ही नहीं बुलाई गई. मुख्यमंत्री इस कमेटी के अध्यक्ष हैं. सरकार ने समय रहते न तो कोई कदम उठाया और न ही स्थिति की गंभीरता को समझा.

यमुना में जमा गाद की सफाई नहीं हुईः उन्होंने बताया कि दिल्ली में पिछले आठ साल से यमुना की सफाई नहीं हुई. सफाई न होने के कारण यमुना में 6 फुट गाद जमा हो चुकी है. गाद का निरीक्षण यमुना में बने पुलों या फ्लाईओवरों के पिलर्स से किया जा सकता है. इसका यह सबूत भी है कि 1978 में यमुना में करीब 7 लाख 9 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था तो यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड 205.49 मीटर तक पहुंचा था. 2023 में 3 लाख 59 हजार क्यूसेक पानी से ही यमुना का जलस्तर 208.67 मीटर तक पहुंच गया. इससे पहले भी 2013 में 8 लाख 6 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, लेकिन यमुना का जलस्तर 1978 के स्तर से कम ही रहा था.

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हरियाणा सरकार को नहीं दिया पैसाः उन्होंने कहा कि यमुना में आई बाढ़ का कारण आईटीओ पर बने यमुना बैराज हैं. इन यमुना बैराज की मेंटेनेंस का काम हरियाणा सरकार करती है लेकिन इसका खर्चा दिल्ली सरकार देती है. हैरानी की बात है कि दिल्ली सरकार ने 2018 से ही मेंटेनेंस का भुगतान करना बंद कर दिया. अब दिल्ली सरकार मेंटेनेंस न होने के लिए हरियाणा पर दोष डाल रही है. जबकि, हरियाणा सरकार ने 26 जुलाई 2022 को भी दिल्ली सरकार को लिखा था कि ऑपरेशन और मेंटेनेंस के बकाया खर्च 47 लाख 83 हजार 504 रुपए का भुगतान किया जाए, लेकिन दिल्ली सरकार ने यह भुगतान नहीं किया.

बिधूड़ी ने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने आईटीओ यमुना बैराज के बिजली कनेक्शन का बिल देना भी बंद कर दिया. दिल्ली सरकार के भुगतान बंद करने के लिए 9 अगस्त 2022 को प्राइवेट कंपनी बीएसईएस ने बिजली का कनेक्शन काट दिया. हरियाणा सरकार ने मेंटेनेंस का खर्चा न मिलने के बावजूद दोबारा से बिजली का कनेक्शन अपने नाम पर लिया. इसके लिए बकाया बिल 69,012 रुपए का तथा नए कनेक्शन के लिए 2,42,80 रुपए का भुगतान किया.

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