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Bhalswa Village: स्थानीय लोगों ने बदहाल पार्क को बनाया ग्रीन पार्क - भलस्वा गांव आरडब्ल्यूए

भलस्वा गांव (Bhalswa Village) के बदहाल पड़े पार्क (miserable park) को स्थानीय निवासियों ने सुधारकर गौरेया पार्क (Sparrow green Park) में तब्दील कर दिया.

गौरेया ग्रीन पार्क
गौरेया ग्रीन पार्क
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Published : Jun 10, 2021, 10:22 PM IST

नई दिल्लीः भलस्वा गांव (Bhalswa Village) के बदहाल पड़े पार्क (miserable park) को सुधारने में गांव के लोगों का बहुत बड़ा योगदान है. पिछले चार साल से इस पार्क को विकसित करने में लगे हुए भलस्वा गांव के लोग व RWA (Bhalswa Village rwa) ने कई बार इस पार्क के सुधार के लिए डीडीए (dda) के साथ पत्राचार किया. इसके बावजूद कोई सुध नहीं ली गई. इसके बाद भलस्वा गांव के निवासियों ने खुद अपने स्तर पर गंदगी से भरे पार्क को बनाया गौरेया ग्रीन पार्क.

भलस्वा गांव के पास 22 एकड़ में फैले इस पार्क की हालात बदहाल थी. यहां आसपास कॉमर्शियल एक्टिविटी व भलस्वा गांव के पास बने लैंडफिल साइट के चलते, यहां के लोगों को स्वच्छ वातावरण नहीं मिल पा रहा था. गंदगी के चलते लोगों का सांस लेना भी दूभर था. पार्क को साफ-सुथरा बनाने के लिए स्थानीय लोगों ने DDA के साथ कई बार पत्राचार किया. कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद गांव के निवासियों ने पार्क को वर्ष 2016 से विकसित करना शुरू किया. आज इस पार्क में घास, पेड़-पौधे, ओपन जिम व एक झील भी है. RWA पदाधिकारी हरेंद्र यादव कहना है कि कई बार पत्राचार करने के बाद डीडीए ने बाउंड्री का आधा-अधूरा काम छोड़ दिया.

भलस्वा बदहाल पार्क के बदले हालात.

अब सरकार से कर रहे हैं मदद की मांग

फिलहाल, इस पार्क के बनने के बाद आसपास के लोग काफी खुश हैं, लेकिन RWA का कहना है कि डीडीए साथ दे तो पार्क को और भी सुंदर और हरा-भरा बनाया जा सकता है. इस पार्क के अंदर एक योग कैंप बनाने की मांग भी स्थानीय निवासी कर रहे हैं. उनका कहना है कि पार्क के चारों तरफ बाउंड्री के ऊपर तारों की फेंसिंग भी हो.

ये भी पढ़ें-फ्री पानी नहीं साफ पानी चाहिए, लोगों ने दिल्ली सरकार की पानी योजना पर उठाए सवाल

नई दिल्लीः भलस्वा गांव (Bhalswa Village) के बदहाल पड़े पार्क (miserable park) को सुधारने में गांव के लोगों का बहुत बड़ा योगदान है. पिछले चार साल से इस पार्क को विकसित करने में लगे हुए भलस्वा गांव के लोग व RWA (Bhalswa Village rwa) ने कई बार इस पार्क के सुधार के लिए डीडीए (dda) के साथ पत्राचार किया. इसके बावजूद कोई सुध नहीं ली गई. इसके बाद भलस्वा गांव के निवासियों ने खुद अपने स्तर पर गंदगी से भरे पार्क को बनाया गौरेया ग्रीन पार्क.

भलस्वा गांव के पास 22 एकड़ में फैले इस पार्क की हालात बदहाल थी. यहां आसपास कॉमर्शियल एक्टिविटी व भलस्वा गांव के पास बने लैंडफिल साइट के चलते, यहां के लोगों को स्वच्छ वातावरण नहीं मिल पा रहा था. गंदगी के चलते लोगों का सांस लेना भी दूभर था. पार्क को साफ-सुथरा बनाने के लिए स्थानीय लोगों ने DDA के साथ कई बार पत्राचार किया. कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद गांव के निवासियों ने पार्क को वर्ष 2016 से विकसित करना शुरू किया. आज इस पार्क में घास, पेड़-पौधे, ओपन जिम व एक झील भी है. RWA पदाधिकारी हरेंद्र यादव कहना है कि कई बार पत्राचार करने के बाद डीडीए ने बाउंड्री का आधा-अधूरा काम छोड़ दिया.

भलस्वा बदहाल पार्क के बदले हालात.

अब सरकार से कर रहे हैं मदद की मांग

फिलहाल, इस पार्क के बनने के बाद आसपास के लोग काफी खुश हैं, लेकिन RWA का कहना है कि डीडीए साथ दे तो पार्क को और भी सुंदर और हरा-भरा बनाया जा सकता है. इस पार्क के अंदर एक योग कैंप बनाने की मांग भी स्थानीय निवासी कर रहे हैं. उनका कहना है कि पार्क के चारों तरफ बाउंड्री के ऊपर तारों की फेंसिंग भी हो.

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