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मुखर्जी नगर के कोचिंग में आगजनी के बाद हरकत में प्रशासन, बिल्डिंग पर लगे बोर्ड हटाने की कवायद शुरू

मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में आग की घटना के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है. मुखर्जी नगर इलाके में कोचिंग सेंटर के बाहर लगे विज्ञापन बोर्डों को हटाया जा रहा है. वहीं, स्थानीय लोग जर्जर और बिना फायर सेफ्टी उपकरण वाले कोचिंग सेंटर संचालक पर कार्यवाही की मांग कर रहे.

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Published : Jun 22, 2023, 7:01 PM IST

मुखर्जी नगर में बिल्डिंग पर लगे बोर्ड हटाने में लगा प्रशासन

नई दिल्ली: दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में 15 जून को कोचिंग सेंटर में लगी आग के बाद प्रशासन हरकत में है. प्रशासन ने मुखर्जी नगर इलाके में बने कोचिंग सेंटर के बाहर लगे बोर्ड हटाने की कवायद शुरू कर दी है. साथ ही प्रशासन बोर्ड हटाने के अलावा बिल्डिंगों पर लगे लोहे के पैनल व फ्रेम को भी हटा रहा है, ताकि दोबारा से उन पर बोर्ड ना लगाए जा सके. स्थानीय लोग भी प्रशासन के इस कार्यवाही को सही बता रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि इलाके में जर्जर और बिना फायर सेफ्टी उपकरण वाले कोचिंग सेंटर संचालक पर कार्यवाही भी हो.

15 जून को कोचिंग सेंटर में लगी थी आग: मुखर्जी नगर इलाके में बीते 15 जून को कोचिंग सेंटर में अचानक से बिजली के मीटर में हुए शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी, जिससे पूरे बिल्डिंग में धुआं फैल गया. कोचिंग सेंटर में पढ़ रहे छात्र रस्सी के सारे लटककर और बिल्डिंग से बाहर कूद कर अपनी जान जान बचाई. पहले भी दिल्ली के कई कोचिंग सेंटर में आगजनी की घटना सामने आ चुकी है. प्रशासन महज खानापूर्ति करते हुए उन पर कार्रवाई का आदेश करता है, लेकिन उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं होती.

दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बहुत बड़े स्तर पर कोचिंग सेंटर चलाए जाते हैं. ज्यादातर कोचिंग सेंटर के बिल्डिंग पुरानी ओर जर्जर है. उनमें बाहर से अंदर रोशनी जाने का कोई साधन नहीं है और न ही उनमें हवा आरपार हो सकती है, जिस वजह से आगजनी की घटना के बाद कोई बड़ा हिस्सा होने का अंदेशा होता है. गनीमत रही कि इस हादसे में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ.

इसे भी पढ़ें: Mukherjee Nagar Fire: मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में आग लगने से मची भगदड़, 25 छात्र घायल

कोचिंगों ने नहीं है फायर सेफ्टी के इंतजाम: इन बिल्डिंग मालिकों और कोचिंग संचालकों के पास दिल्ली नगर निगम, दमकल विभाग, पुलिस प्रशासन या संबंधित विभाग की ओर एनओसी भी नहीं होती. वहीं कई जर्जर व पुरानी इमारतों में फायर सेफ्टी उपकरण भी नहीं है, जिससे आग लगने की स्थिति में तुरंत ही आग पर काबू पाया जा सके. वहीं स्थानीय लोग भी घटना के बाद से परेशान हैं. लगातार प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि ऐसे कोचिंग सेंटर संचालकों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए, जो छात्रों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: Mukherjee Nagar: बिना पंजीकरण अवैध तरीके से चल रहे कई कोचिंग सेंटर, सुरक्षा मानकों का नहीं रखते ध्यान

मुखर्जी नगर में बिल्डिंग पर लगे बोर्ड हटाने में लगा प्रशासन

नई दिल्ली: दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में 15 जून को कोचिंग सेंटर में लगी आग के बाद प्रशासन हरकत में है. प्रशासन ने मुखर्जी नगर इलाके में बने कोचिंग सेंटर के बाहर लगे बोर्ड हटाने की कवायद शुरू कर दी है. साथ ही प्रशासन बोर्ड हटाने के अलावा बिल्डिंगों पर लगे लोहे के पैनल व फ्रेम को भी हटा रहा है, ताकि दोबारा से उन पर बोर्ड ना लगाए जा सके. स्थानीय लोग भी प्रशासन के इस कार्यवाही को सही बता रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि इलाके में जर्जर और बिना फायर सेफ्टी उपकरण वाले कोचिंग सेंटर संचालक पर कार्यवाही भी हो.

15 जून को कोचिंग सेंटर में लगी थी आग: मुखर्जी नगर इलाके में बीते 15 जून को कोचिंग सेंटर में अचानक से बिजली के मीटर में हुए शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी, जिससे पूरे बिल्डिंग में धुआं फैल गया. कोचिंग सेंटर में पढ़ रहे छात्र रस्सी के सारे लटककर और बिल्डिंग से बाहर कूद कर अपनी जान जान बचाई. पहले भी दिल्ली के कई कोचिंग सेंटर में आगजनी की घटना सामने आ चुकी है. प्रशासन महज खानापूर्ति करते हुए उन पर कार्रवाई का आदेश करता है, लेकिन उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं होती.

दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बहुत बड़े स्तर पर कोचिंग सेंटर चलाए जाते हैं. ज्यादातर कोचिंग सेंटर के बिल्डिंग पुरानी ओर जर्जर है. उनमें बाहर से अंदर रोशनी जाने का कोई साधन नहीं है और न ही उनमें हवा आरपार हो सकती है, जिस वजह से आगजनी की घटना के बाद कोई बड़ा हिस्सा होने का अंदेशा होता है. गनीमत रही कि इस हादसे में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ.

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कोचिंगों ने नहीं है फायर सेफ्टी के इंतजाम: इन बिल्डिंग मालिकों और कोचिंग संचालकों के पास दिल्ली नगर निगम, दमकल विभाग, पुलिस प्रशासन या संबंधित विभाग की ओर एनओसी भी नहीं होती. वहीं कई जर्जर व पुरानी इमारतों में फायर सेफ्टी उपकरण भी नहीं है, जिससे आग लगने की स्थिति में तुरंत ही आग पर काबू पाया जा सके. वहीं स्थानीय लोग भी घटना के बाद से परेशान हैं. लगातार प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि ऐसे कोचिंग सेंटर संचालकों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए, जो छात्रों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

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