नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले एसओएल के छात्रों के बीच क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) के कार्यकर्ताओं ने जनमत संग्रह का आयोजन किया. इस जनमत संग्रह का आयोजन चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लाने के मुद्दे को लेकर किया गया था. बता दें कि इस जनमत संग्रह में छात्रों ने भारी संख्या में हिस्सा लिया. साथ ही इसे अलग-अलग स्टडी सेंटर पर आयोजित किया गया था. छात्रों ने इस साल से सीबीसीएस सिस्टम लागू करने का विरोध किया है.
'सीबीसीएस पाठ्यक्रम के बारे में नहीं जानकारी'
बता दें कि एसओएल में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम प्रशासन ने सत्र शुरू होने के बाद से लागू करने का फैसला लिया है. इसको लेकर क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) के कार्यकर्ताओं ने बताया कि सीबीसीएस पाठ्यक्रम के बारे में ना ही शिक्षकों को कोई जानकारी है और ना ही छात्रों को. आलम यह है कि एसओएल में जो छात्र पढ़ रहे हैं उन्हें यह भी नहीं पता कि उनकी पढ़ाई नए पाठ्यक्रम के अनुसार हो रही है या पुरानी.
'यूजीसी के प्रावधानों के विरुद्ध नया पाठ्यक्रम गलत'
साथ ही शिक्षकों को भी नहीं पता कि उन्हें क्या पढ़ाना है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि एसओएल में पढ़ने वाले ज्यादातर छात्रों की संख्या ऐसी हैं जिन्हें अभी तक स्टडी मैटेरियल भी नहीं मिला जबकि आगामी माह से उनकी परीक्षाएं होने वाली है. यहां तक कि लाखों की संख्या में छात्रों ने एसओएल में दाखिला लिया है. लेकिन ज्यादातर सेंटर अभी भी खाली है क्योंकि छात्रों तक कक्षाएं लगने की सूचना ही नहीं पहुंची. उसके बाद भी यूजीसी के प्रावधानों के विरुद्ध एसओएल में नया पाठ्यक्रम लगाया जाना पूरी तरह से गलत है.
'सीबीसीए को वापस लेने की मांग'
वहीं केवाईएस ने इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है ताकि लाखों बच्चों का भविष्य खराब ना हो. इसके अलावा केवाईएस ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से इस्तीफे की मांग की है. उनका कहना है कि यदि प्रशासन सीबीसीएस को वापस लेने के लिए तैयार नहीं होता तो आने वाले दिनों में आंदोलन और भी तीव्र होगा और हर संभव प्रयास किया जाएगा कि सीबीसीएस को वापस ले लिया जाए.