नई दिल्ली: बीजेपी की नजर युवा मतदाताओं पर है. पार्टी को लगता है कि युवा वर्ग पीएम मोदी की नीतियों से खुश है और वोउन्हें फिर से देश की कमान सौंपना चाहता है. ऐसे में पार्टी युवाओं का समर्थन तो चाहती है लेकिन इनका नाम मतदाता सूची में दर्ज हो सके इसके लिए पार्टी गंभीर नहीं है.
यही वजह है कि पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार पहली बार मतदान करने वाले युवाओं की संख्या काफी कम है.
चुनाव में युवाओं की रहेगी अहम भूमिका
साल 2014 में दिल्ली के सातों सीटों पर बीजेपी को जीत दिलाने में युवाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. फिर से युवाओं का साथ मिले इसे लेकर पार्टी नेतृत्व ने नेताओं को इनके बीच सक्रियता बढ़ाने का निर्देश दिया. युवा सांसद और अन्य कार्यक्रमों के जरिए उन्हें कौशल विकास, स्टार्ट अप इंडिया, मुद्रा योजना समेत युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं की जानकारी उन तक पहुंचाने की कोशिश की गई. इन सबके बीच सबसे ज्यादा चिंता वाली बात युवाओं का नाम मतदाता सूची में नहीं होना है.
युवा वोटर कम होने से बढ़ी चिंता
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली के 3.37 लाख युवाओं ने पहली बार मतदान किया थाजोकि कुल मतदाताओं के 2.65 फीसद था. इस बार इनकी संख्या 5 लाख के करीब होने का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन 18 जनवरी को जारी मतदाता सूची में मात्र 97000 ऐसे युवा मतदाता है. इसे लेकर बीजेपी के कई नेता चिंतित हैं. उनका कहना है कि लोगों का वोटर कार्ड बनवाने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से पार्षद, मंडल इकाइयों की होती है. सांसदों ने अपने पसंद के कई लोगों को पार्षद व मंडल अध्यक्ष तो बनवा दिया, लेकिन अपेक्षा के अनुरूप में जमीनी स्तर पर काम नहीं हुआ.
12 अप्रैल तक कर सकते हैं आवेदन
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रणवीर सिंह का कहना है कि अगर किसी ने अभी तक मतदाता सूची में नाम दर्ज नहीं कराया तो वो12 अप्रैल तक आवेदन कर सकता है. मतदाता पहचान पत्र बनवाने के कम से कम 10 दिनों का समय लगता है. दिल्ली में 22 अप्रैल तक मतदाता फोटो पहचान पत्र जारी कर दिया जाएगा.