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'हरियाणा की लापरवाही से घट रहा यमुना का जलस्तर, दिल्ली जल बोर्ड चिंतित' - यमुना नदी पर हरियाणा लापरवाह

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने यमुना नदी में पानी के घटते स्तर के प्रति हरियाणा सरकार की उदासीनता पर निराशा व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि हम लगातार हरियाणा सरकार से सहयोग मांग रहे हैं और हमें उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान निकलेगा.

Yamuna's water level is decreasing due to negligence of Haryana,  Delhi Jal Board worried
दिल्ली जल बोर्ड यमुना के घटते जलस्तर पर चिंतित
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Published : Dec 14, 2020, 6:51 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने यमुना नदी में पानी के घटते स्तर के प्रति हरियाणा सरकार की उदासीनता पर निराशा व्यक्त की है. राघव चड्ढा ने कहा कि जल ही जीवन है. यमुना का लगातार घटता जलस्तर चिंता का विषय है. हरियाणा सरकार का ऐसा व्यवहार काफी निराश करने वाला है. हम हरियाणा सरकार से लगातार सहयोग की मांग कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का कोई समाधान निकलेगा. पिछले हफ्ते से ही यमुना का जलस्तर लगातार घट रहा है. यमुना के घटते जल स्तर को लेकर हरियाणा के सिंचाई विभाग के संबंधित इंजीनियर को लगातार सूचना दी गई. लेकिन एक्शन लेने का भरोसा दिलाने के बाद भी उन्होंने स्थिति को सामान्य करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

ये भी पढ़िएः-विधानसभा परिसर में गांधी की प्रतिमा के सामने उपवास पर बैठे स्पीकर राम निवास गोयल


यह है असली कारण

सुप्रीम कोर्ट के फरवरी 1996 आदेश के मुताबिक वजीराबाद तालाब का जलस्तर हमेशा पूरा रखना होता है. वजीराबाद तालाब के तेजी से घटते जलस्तर की वजह से वजीराबाद और चंद्रावल प्लांट से पानी को उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है. यमुना नदी का सामान्य जल स्तर 674.50 फिट होना चाहिए लेकिन यह घटकर 672.20 पर आ गया है जो काफी चिंता का विषय है. घटते जलस्तर का बड़ा असर दिल्ली जल बोर्ड के ट्रीटमेंट प्लांट पर भी पड़ सकता है. इसकी जानकारी अपर यमुना रिवर बोर्ड अधिकारियों को भी दी गई है.


बढ़ रहा अमोनिया का स्तर

राघव चड्ढा ने आगे कहा कि यमुना में अमोनिया का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है जो की चिंता का विषय है. हरियाणा से यमुना में बिना ट्रीट किया गया काफी पानी छोड़ा जाता है जिसकी वजह से यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ता जा रहा है. यमुना में अक्सर ही अमोनिया का स्तर 0.8 पीपीएम की अधिकतम सीमा के भी ऊपर चला जाता है जिसका काफी बुरा असर दिल्ली के पानी उत्पादन पर पड़ता है और कई बार दिल्ली जल बोर्ड को अपने प्लांट बंद करने पड़ते हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने यमुना नदी में पानी के घटते स्तर के प्रति हरियाणा सरकार की उदासीनता पर निराशा व्यक्त की है. राघव चड्ढा ने कहा कि जल ही जीवन है. यमुना का लगातार घटता जलस्तर चिंता का विषय है. हरियाणा सरकार का ऐसा व्यवहार काफी निराश करने वाला है. हम हरियाणा सरकार से लगातार सहयोग की मांग कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का कोई समाधान निकलेगा. पिछले हफ्ते से ही यमुना का जलस्तर लगातार घट रहा है. यमुना के घटते जल स्तर को लेकर हरियाणा के सिंचाई विभाग के संबंधित इंजीनियर को लगातार सूचना दी गई. लेकिन एक्शन लेने का भरोसा दिलाने के बाद भी उन्होंने स्थिति को सामान्य करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

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यह है असली कारण

सुप्रीम कोर्ट के फरवरी 1996 आदेश के मुताबिक वजीराबाद तालाब का जलस्तर हमेशा पूरा रखना होता है. वजीराबाद तालाब के तेजी से घटते जलस्तर की वजह से वजीराबाद और चंद्रावल प्लांट से पानी को उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है. यमुना नदी का सामान्य जल स्तर 674.50 फिट होना चाहिए लेकिन यह घटकर 672.20 पर आ गया है जो काफी चिंता का विषय है. घटते जलस्तर का बड़ा असर दिल्ली जल बोर्ड के ट्रीटमेंट प्लांट पर भी पड़ सकता है. इसकी जानकारी अपर यमुना रिवर बोर्ड अधिकारियों को भी दी गई है.


बढ़ रहा अमोनिया का स्तर

राघव चड्ढा ने आगे कहा कि यमुना में अमोनिया का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है जो की चिंता का विषय है. हरियाणा से यमुना में बिना ट्रीट किया गया काफी पानी छोड़ा जाता है जिसकी वजह से यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ता जा रहा है. यमुना में अक्सर ही अमोनिया का स्तर 0.8 पीपीएम की अधिकतम सीमा के भी ऊपर चला जाता है जिसका काफी बुरा असर दिल्ली के पानी उत्पादन पर पड़ता है और कई बार दिल्ली जल बोर्ड को अपने प्लांट बंद करने पड़ते हैं.

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