नई दिल्ली: विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर अमेरिकी दूतावास ने लंग केयर फाउंडेशन के साथ मिलकर दिल्ली को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का बीड़ा उठाया है. इससे पहले दिल्ली और इससे सटे इलाकों में एक सर्वे कराया गया, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. दरअसल, दिल्ली के 80 फीसदी से ज्यादा लोग एयर क्वालिटी इंडेक्स के बारे में जानते ही नहीं हैं.
शुक्रवार को लंग केयर फाउंडेशन के सीईओ अभिषेक कुमार ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि दिल्ली में करीब 40 फीसदी लोग सांस से जुड़ी समस्याओं के चलते अस्पताल गए हैं. ज्यादातर लोगों को दिल्ली की हवा खराब लगती है, लेकिन उसे सुधारने के लिए प्रयासों की जगह वो अपनी सुविधा के हिसाब से चीजें बना लेते हैं.
'दिल्लीवासियों को किया जाएगा जागरूक'
अभिषेक ने बताया कि 2 साल के एक प्रोग्राम के तहत उनकी संस्था ने दिल्लीवासियों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है. यहां अलग-अलग स्टडी और सर्वे के माध्यम से लोगों को पेड़-पौधे, पानी, हवा और पर्यावरण से जुड़ने वाली चीजों का महत्व बताया जाएगा. इसके लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई है.
अभिषेक कुमार ने बताया कि वो लोग जो, अपनी गाड़ी में भी एयर प्यूरीफायर लगा सकते हैं उनको टारगेट करना मकसद नहीं है. बल्कि यहां ऐसे लोगों को जागरूक करना है जो, बड़ी संख्या में इस पर असर दिखा सकते हैं. अधिकतर लोगों को पर्यावरण के लिए चल रहे केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के प्रोग्राम के विषय में नहीं पता है.
'पर्यावरण पर कोरोना का सकारात्मक असर'
लंग केयर फाउंडेशन के सीईओ ने कहा कि पर्यावरण पर कोरोना का सकारात्मक असर हुआ है, लेकिन ये सिर्फ कोरोना काल के लिए सीमित क्यों रहे. उन्होंने कहा कि अब भी देर नहीं हुई है. प्रकृति के लिए समय थीम को पूरे साल दिमाग में लेकर चलना होगा. ऐसा अगर होता है तो हम एक बेहतर दिल्ली बना सकते हैं.