विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (World Day against Child Labour) को अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) हर साल 12 जून को मनाता है. आइए जानते हैं देश और दिल्ली में बाल श्रम की स्थिति...
- इस साल की थीम ‘एक्ट नाउ: एंड चाइड लेबर’ यानि ‘अभी सक्रिय हों बाल श्रम खत्म करें’ है.
- इसका उद्देश्य बच्चों को पर्याप्त शिक्षा, उचित स्वास्थ्य देखभाल और बस बुनियादी स्वतंत्रता दिलवाना है.
- ILO की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में बाल मजदूरों संख्या बढ़कर 16 करोड़ हो गई है.
- ILO के मुताबिक सन 2000 के बाद पहली बार बाल श्रम में बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
- 2011 की जनगणना अनुसार, भारत में करीब 43 लाख से ज्यादा बच्चे बाल मजदूरी करते हैं.
- यूनिसेफ के मुताबिक, दुनियाभर के कुल बाल मजदूरों में 12 फीसदी की हिस्सेदारी अकेले भारत की है.
- भारत में कानून के मुताबिक, बाल श्रम कराने पर छह माह से दो साल तक जेल की सजा हो सकती है.
- दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग दिल्ली से बाल श्रम को खत्म करने के लिए काम कर रहा है.
- DCPCR ने तीन साल में (2016-17 से 2019-20) के बीच 202 बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराया.
- दिल्ली में पिछले एक साल (2020-21) में 331 बच्चों को बालश्रम से बचाया गया.