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'अब पता चलने दो' से जुड़ रही महिलाएं, कहा-पीरियड्स को लेकर खत्म हो रूढ़िवादिता

दिल्ली बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग की तरफ से मासिक धर्म की शर्म और रूढ़िवादी सूट को खत्म करने के लिए 'अब पता चलने दो' मुहिम चलाई जा रही है. जिससे अब ज्यादा से ज्यादा महिलाएं जुड़ रही हैं. महिलाओं का कहना है कि समाज में मासिक धर्म पर बात करना एक टैबू माना गया है. जिसे अब खत्म किया जाना चाहिए.

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'अब पता चलने दो' से जुड़ रही महिलाएं
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Published : Feb 8, 2021, 11:53 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग की तरफ से मासिक धर्म की शर्म और रूढ़िवादी सूट को खत्म करने के लिए 'अब पता चलने दो' मुहिम चलाई जा रही है. जिससे अब ज्यादा से ज्यादा महिलाएं जुड़ रही हैं. महिलाओं का कहना है कि समाज में मासिक धर्म पर बात करना एक टैबू माना गया है. जिसे अब खत्म किया जाना चाहिए, क्योंकि यह आम समस्या है और सभी को यह परेशानी होती है.

'अब पता चलने दो' से जुड़ रही महिलाएं
मासिक धर्म को लेकर आज भी सोच सदियों पुरानीमहिलाओं ने कहा कि कई चीजों को लेकर हम आगे बढ़े हैं, लेकिन मासिक धर्म को लेकर सोच और शर्म आज भी सदियों पुरानी ही है. तमाम पढ़ाई लिखाई करने के बाद भी महिलाएं इस पर खुलकर बात करने से घबराती है, ग्रामीण इलाकों में जहां इसको लेकर बेहद शर्म है, लेकिन शहरी इलाकों में महिलाएं पढ़ी लिखी होती हैं, बावजूद इसके मासिक धर्म को लेकर उनकी सोच वही पुरानी है.



पीरियड के दौरान साफ सफाई का रखें खास ध्यान
बता दें पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई को लेकर लगातार जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में हर साल 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस भी मनाया जाता है, जिसमें अपनी पर्सनल हाइजीन के साथ-साथ पीरियड के दौरान साफ सफाई रखना भी बेहद आवश्यक है. जैसे मासिक धर्म के दौरान साफ सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल और हर 4 से 5 घंटे में इसे बदलना साथ ही साफ-सुथरे अंडरगारमेंट्स का इस्तेमाल और मासिक धर्म के दौरान अपने प्राइवेट पार्ट को बार-बार ठीक से साफ करना.



अलग-अलग महिलाओं और छात्राओं ने रखी अपनी बात
ईटीवी भारत ने अलग-अलग छात्राओं से भी बात की. छात्राओं ने कहा कि बचपन से ही हमें इस विषय पर बात ना करने सब से छुपा कर रखने को लेकर चीजें बताई जाती है, ऐसे में कई समस्याएं होती हैं. जिन्हें खुद अकेले ही सहना पड़ता है और उनका हल निकालना पड़ता है, लेकिन अब धीरे-धीरे इसको लेकर जागरूकता बढ़ रही है, स्कूलों में और कई ऐसे संगठन इस को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए आगे आ रहे हैं, हम सभी महिलाओं को भी आगे आना चाहिए और अपने घर से ही इसको लेकर शर्म और रूढ़िवादी सोच खत्म करनी चाहिए.

नई दिल्ली: दिल्ली बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग की तरफ से मासिक धर्म की शर्म और रूढ़िवादी सूट को खत्म करने के लिए 'अब पता चलने दो' मुहिम चलाई जा रही है. जिससे अब ज्यादा से ज्यादा महिलाएं जुड़ रही हैं. महिलाओं का कहना है कि समाज में मासिक धर्म पर बात करना एक टैबू माना गया है. जिसे अब खत्म किया जाना चाहिए, क्योंकि यह आम समस्या है और सभी को यह परेशानी होती है.

'अब पता चलने दो' से जुड़ रही महिलाएं
मासिक धर्म को लेकर आज भी सोच सदियों पुरानीमहिलाओं ने कहा कि कई चीजों को लेकर हम आगे बढ़े हैं, लेकिन मासिक धर्म को लेकर सोच और शर्म आज भी सदियों पुरानी ही है. तमाम पढ़ाई लिखाई करने के बाद भी महिलाएं इस पर खुलकर बात करने से घबराती है, ग्रामीण इलाकों में जहां इसको लेकर बेहद शर्म है, लेकिन शहरी इलाकों में महिलाएं पढ़ी लिखी होती हैं, बावजूद इसके मासिक धर्म को लेकर उनकी सोच वही पुरानी है.



पीरियड के दौरान साफ सफाई का रखें खास ध्यान
बता दें पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई को लेकर लगातार जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में हर साल 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस भी मनाया जाता है, जिसमें अपनी पर्सनल हाइजीन के साथ-साथ पीरियड के दौरान साफ सफाई रखना भी बेहद आवश्यक है. जैसे मासिक धर्म के दौरान साफ सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल और हर 4 से 5 घंटे में इसे बदलना साथ ही साफ-सुथरे अंडरगारमेंट्स का इस्तेमाल और मासिक धर्म के दौरान अपने प्राइवेट पार्ट को बार-बार ठीक से साफ करना.



अलग-अलग महिलाओं और छात्राओं ने रखी अपनी बात
ईटीवी भारत ने अलग-अलग छात्राओं से भी बात की. छात्राओं ने कहा कि बचपन से ही हमें इस विषय पर बात ना करने सब से छुपा कर रखने को लेकर चीजें बताई जाती है, ऐसे में कई समस्याएं होती हैं. जिन्हें खुद अकेले ही सहना पड़ता है और उनका हल निकालना पड़ता है, लेकिन अब धीरे-धीरे इसको लेकर जागरूकता बढ़ रही है, स्कूलों में और कई ऐसे संगठन इस को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए आगे आ रहे हैं, हम सभी महिलाओं को भी आगे आना चाहिए और अपने घर से ही इसको लेकर शर्म और रूढ़िवादी सोच खत्म करनी चाहिए.

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