नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति पर कब्जे के लिए भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच घमासान यूं ही नहीं है. एमसीडी की यह सबसे महत्वपूर्ण कमेटी मानी जाती है. निगम प्रदत्त सेवाओं और सुविधाओं के संबंध में नई योजना को लेकर यह समिति ही पहले फैसला लेती है. उसके बाद यह सदन में मेयर के पास जाता है. इसलिए आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों ही इस कमेटी में अपना दबदबा चाहती है.
एमसीडी मामलों के जानकार जगदीश ममगाईं बताते हैं कि 18 सदस्यों वाली स्थायी समिति में दोनों ही राजनीतिक दलों के नेता अपने ज्यादा से ज्यादा सदस्य चुनकर भेजना चाहते हैं, ताकि इसके चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के पदों पर कब्जा किया जा सके. इस समिति में नगर निगम के सदन के सभी 6 सदस्य सीधे चुनकर आने हैं, जबकि चुनाव के बाद एक-एक सदस्य निगम के 12 अलग-अलग जोन से चुनकर आएंगे. स्थायी समिति के 12 सदस्यों का चुनाव 12 जोन से होता है और उन 12 सदस्यों का चुनाव सभी 12 जोन के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के चुनाव के साथ होगा. एक बार जब स्थायी समिति के 18 सदस्य यानी सदन से 6 सदस्य और 12 जोन से 12 सदस्य का चुनाव हो जाएगा. इसके बाद स्थायी समिति के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन का चुनाव होगा. सही मायनों में चेयरमैन के चुनाव के साथ ही स्पष्ट होगा कि स्थायी समिति पर कब्जा किसका होगा.
वर्तमान में एमसीडी के 12 जोन में से 6 जोन साउथ जोन, वेस्ट जोन, रोहिणी जोन, सिटी सदर पहाड़गंज जोन, करोल बाग जोन और सेंट्रल जोन पर आम आदमी पार्टी का बहुमत है. बाकी 6 जोन शाहदरा नॉर्थ जोन, शाहदरा साउथ जोन, केशवपुरम जोन, नजफगढ़ जोन, सिविल लाइन और नरेला जोन पर बीजेपी बहुमत में है. वोट के हिसाब से एक जोन नरेला जोन में आम आदमी पार्टी के एक पार्षद ने शुक्रवार को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. हालांकि सेंट्रल जोन ऐसा जोन है, जहां बड़े उलटफेर की आशंकाएं व्यक्त की जा रही है. यहां बीजेपी का पलड़ा भारी हुआ तो स्थायी समिति में आम आदमी पार्टी कमजोर हो जाएगी.
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